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बाराबंकी: झाड़ियों में मिली नवजात बच्ची, ट्रामा सेंटर में चल रहा इलाज

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Published : Sep 26, 2019, 2:51 PM IST

बाराबंकी के टिकैतनगर थाना क्षेत्र में नवाबगंज गांव के नहर की पटरी पर झाड़ियों में एक नवजात बच्ची मिली है. बच्ची का लखनऊ के ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा है. जिले में इस तरह की यह एक महीने के भीतर दूसरी घटना है.

बाराबंकी में झाड़ियों में मिली नवजात बच्ची.

बाराबंकी: टिकैतनगर थाना क्षेत्र के नवाबगंज गांव के पास नहर की पटरी पर संदिग्ध परिस्थितियों में नवजात बच्ची के मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया. झाड़ी में फेंकने से बच्ची के शरीर पर कई कांटे गढ़ गए थे. जब रात में बच्ची की हालत खराब हुई तो उसको समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टिकैतनगर ले जाया गया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया.

नवजात बच्ची के बारे में बताती ग्रामीण महिला.

जिला महिला अस्पताल में जब नवजात की हालत बिगड़ने लगी तो इसकी सूचना बाल कल्याण समिति को देकर ट्रामा सेंटर रेफर किया गया. फिलहाल नवजात बालिका का ट्रामा सेंटर लखनऊ में इलाज चल रहा है. जिले में एक महीने के अंदर यह दूसरी घटना है. अभी कुछ दिन पहले ही राजपुर गांव में ऐसा ही मामला एक देखने को मिला था, वहां पर भी नवजात बच्ची को झाड़ियों में फेंक दिया गया था.

...इस तरह मिली नवजात बच्ची

गांव के ही कुछ लोग पशुओं को नहर पर चरा रहे थे कि तभी नवजात बच्ची के रोने की आवाज आई. जब उन्होंने झाड़ियों में जाकर देखा तो नवजात बच्ची रो रही थी. तुरंत चरवाहों ने उस बच्ची को गांव की ही एक महिला साजिदा को उठा कर दे दिया. साजिदा बच्ची को लेकर अपने घर चली आई और उसे दूध पिलाया. गांव वालों ने कहा कि आप इस बच्ची को पाल लीजिए और हम लोग चंदा लगाकर इसकी शादी कर देंगे.

ये भी पढ़ें: बाराबंकी: वार्डों में सफाई और फागिंग न होने से बढ़ा बीमारियों का खतरा

यह खबर गांव में आग की तरह से फैल गई और लोग नहर की तरफ दौड़े चले आ रहे थे. लोग कह रहे थे कि ऐसी कौन सी मां होगी जो अपने बच्चे को मरने के लिए इन झाड़ियों में डाल गई.

बाराबंकी: टिकैतनगर थाना क्षेत्र के नवाबगंज गांव के पास नहर की पटरी पर संदिग्ध परिस्थितियों में नवजात बच्ची के मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया. झाड़ी में फेंकने से बच्ची के शरीर पर कई कांटे गढ़ गए थे. जब रात में बच्ची की हालत खराब हुई तो उसको समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टिकैतनगर ले जाया गया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया.

नवजात बच्ची के बारे में बताती ग्रामीण महिला.

जिला महिला अस्पताल में जब नवजात की हालत बिगड़ने लगी तो इसकी सूचना बाल कल्याण समिति को देकर ट्रामा सेंटर रेफर किया गया. फिलहाल नवजात बालिका का ट्रामा सेंटर लखनऊ में इलाज चल रहा है. जिले में एक महीने के अंदर यह दूसरी घटना है. अभी कुछ दिन पहले ही राजपुर गांव में ऐसा ही मामला एक देखने को मिला था, वहां पर भी नवजात बच्ची को झाड़ियों में फेंक दिया गया था.

...इस तरह मिली नवजात बच्ची

गांव के ही कुछ लोग पशुओं को नहर पर चरा रहे थे कि तभी नवजात बच्ची के रोने की आवाज आई. जब उन्होंने झाड़ियों में जाकर देखा तो नवजात बच्ची रो रही थी. तुरंत चरवाहों ने उस बच्ची को गांव की ही एक महिला साजिदा को उठा कर दे दिया. साजिदा बच्ची को लेकर अपने घर चली आई और उसे दूध पिलाया. गांव वालों ने कहा कि आप इस बच्ची को पाल लीजिए और हम लोग चंदा लगाकर इसकी शादी कर देंगे.

ये भी पढ़ें: बाराबंकी: वार्डों में सफाई और फागिंग न होने से बढ़ा बीमारियों का खतरा

यह खबर गांव में आग की तरह से फैल गई और लोग नहर की तरफ दौड़े चले आ रहे थे. लोग कह रहे थे कि ऐसी कौन सी मां होगी जो अपने बच्चे को मरने के लिए इन झाड़ियों में डाल गई.

Intro: बाराबंकी. टिकैतनगर थाना क्षेत्र के नवाबगंज गांव के पास संदिग्ध परिस्थितियों में शारदा सहायक नहर की पटरी पर नवजात बालिका मिलने से क्षेत्र में हड़कंप !
नवाबगंज गांव के कुछ लोग पशुओं को नहर पर चरा रहे थे कि वहां पर नवजात शिशु की रोने की आवाज आई वहां पर जाकर के झाड़ियों में देखा तो नवजात शिशु रो रहा था तुरंत चरवाहों ने महिला .साजिदा .को बच्ची को उठा कर दिया साजिदा ने अपने आंचल से बच्ची को लगाया.Body: यह खबर गांव में आग की तरह से फैल गई और लोग नहर की तरफ दौड़े चले आ रहे थे और लोग कह रहे थे कि ऐसी कौन सी मां होगी जो अपने बच्चे को मरने के लिए इन झाड़ियों में डाल गई.
साजिदा बच्ची को लेकर अपने घर चली आई और उसे दूध पिलाया गांव वालों ने कहा कि आप इस बच्ची को पाल लीजिए और इसकी शादी ब्याह में हम लोग चंदा लगाकर के इसका ब्याह कर देंगे .

बच्ची को कटीले मैं जब फेंका गया था तो बच्ची के शरीर पर कई कांटे गढ़ गए थे और जब बच्ची की रात में हालत खराब हुई तो उसको लेकर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टिकैतनगर महिला पहुंची और टिकैतनगर में प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची को जिला हॉस्पिटल के लिए रिफर कर दिया गया.Conclusion:जिला महिला अस्पताल में जब नवजात की हालत बिगड़ने लगी इसकी सूचना बाल कल्याण समिति को देकर ट्रामा सेंटर रेफर किया गया.
फिलहाल नवजात बालिका का ट्रामा सेंटर लखनऊ में इलाज चल रहा है.

जिले में दूसरी घटना है महीने के अंदर अभी कुछ दिन पहले ही राजपुर गांव में ऐसा ही मामला एक देखने को मिला था वहां पर भी बालिका को जन्म के बाद झाड़ियों में फेंक दिया गया था.

जहां एक तरफ केंद्र और प्रदेश सरकार .
बेटी बचाओ .
बेटी पढ़ाओ .
को लेकर के गंभीर है वही ऐसी घटनाओं के रोकथाम के लिए प्रशासन को एक जागरूकता अभियान चलाना चाहिए जिससे जनमानस जागृत हो और ऐसी घटनाएं ना घटे.

बाइट .साजिदा निवासी नवाबगंज.

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