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टेलर की हत्या कर शव को गायब कर देने के मामले में तीन सगे भाइयों को आजीवन कारावास

बाराबंकी की अदालत ने टेलर की हत्या करने के मामले में दोषी पाए गए तीन सगे भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 15-15 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

बाराबंकी की अदालत
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Published : Jan 30, 2023, 8:11 PM IST

बाराबंकी: जनपद में लगभग साढ़े ग्यारह वर्ष पूर्व एक युवक की हत्या कर शव को गायब करने के मामले में यूपी के बाराबंकी की एक अदालत ने तीन सगे भाइयों को आजीवन कारावास और प्रत्येक पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. ये फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर-1 आनंद कुमार ने सुनाया है.

फौजदारी के सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अमित अवस्थी ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि वादिनी बेवा नसीरुल पत्नी नाज निवासी लोधपुरवा कस्बा और थाना जैदपुर ने 20 अगस्त 2011 को जैदपुर थाने में तहरीर देकर बताया कि 17 अगस्त 2011 को रात करीब 10 बजे गांव के ही सिराज और एजाज पुत्रगण निसार उसके घर आये और उसके लड़के मेराज को अपने साथ कुछ जरूरी काम बताकर बुलाकर ले गए. सुबह तक जब मेराज नहीं लौटा तो उसने इन लोगों से पूछा. इन लोगों ने बताया कि जरूरी काम से भेजा है. जल्द लौट आएगा. लेकिन निसार की बेटी ने रोते हुए बताया कि मेराज अब कभी नहीं लौटेगा. उसी दिन यानी 20 अगस्त 2011 को सुबह 09 बजे गोठिया नहर में लाश पाई गई. कपड़ों से शव की पहचान की गई थी. जबकि चेहरे को केमिकल डालकर जला दिया गया था. शव को बोरे में भरकर नहर में फेंक दिया गया था.

वादिनी की तहरीर पर पुलिस ने इस मामले में सिराज, मेराज, एजाज पुत्रगण निसार, निसार पुत्र स्वर्गीय कुदरत, हसीन बानो पुत्री निसार और शकीला बानो पत्नी निसार कुल 06 लोगों के खिलाफ धारा 302,201 आईपीसी के तहत मुकदमा लिखकर विवेचना शुरू की. विवेचना के दौरान यह निकलकर आया कि मृतक मेराज, निसार के पुत्र मेराज की दुकान पर सिलाई का काम करता था. घर में आते जाते उसका प्रेम प्रसंग निसार की बेटी से हो गया था. आरोपियों ने मृतक मेराज को मारपीट कर धमकाया था.

आरोपी मृतक मेराज से रंजिश रखते थे. इसीलिए ये लोग मेराज को बहाने से बुलाकर ले गए और उसकी हत्या कर डाली. तत्कालीन विवेचक ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की. अभियोजन ने मामले में ठोस गवाह पेश किए. अभियोजन और बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर-1 आनंद कुमार ने सिराज, मेराज और एजाज पुत्रगण निसार को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और प्रत्येक पर 15-15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. ट्रायल के दौरान निसार की मृत्यु हो गई. आरोपी हसीन बानो और शकीला बानो के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य न होने से इन्हें बरी कर दिया गया.
यह भी पढ़ें- Sonbhadra News: कारागार में बकाएदार की मौत पर एसडीएम और तहसीलदार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज

बाराबंकी: जनपद में लगभग साढ़े ग्यारह वर्ष पूर्व एक युवक की हत्या कर शव को गायब करने के मामले में यूपी के बाराबंकी की एक अदालत ने तीन सगे भाइयों को आजीवन कारावास और प्रत्येक पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. ये फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर-1 आनंद कुमार ने सुनाया है.

फौजदारी के सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अमित अवस्थी ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि वादिनी बेवा नसीरुल पत्नी नाज निवासी लोधपुरवा कस्बा और थाना जैदपुर ने 20 अगस्त 2011 को जैदपुर थाने में तहरीर देकर बताया कि 17 अगस्त 2011 को रात करीब 10 बजे गांव के ही सिराज और एजाज पुत्रगण निसार उसके घर आये और उसके लड़के मेराज को अपने साथ कुछ जरूरी काम बताकर बुलाकर ले गए. सुबह तक जब मेराज नहीं लौटा तो उसने इन लोगों से पूछा. इन लोगों ने बताया कि जरूरी काम से भेजा है. जल्द लौट आएगा. लेकिन निसार की बेटी ने रोते हुए बताया कि मेराज अब कभी नहीं लौटेगा. उसी दिन यानी 20 अगस्त 2011 को सुबह 09 बजे गोठिया नहर में लाश पाई गई. कपड़ों से शव की पहचान की गई थी. जबकि चेहरे को केमिकल डालकर जला दिया गया था. शव को बोरे में भरकर नहर में फेंक दिया गया था.

वादिनी की तहरीर पर पुलिस ने इस मामले में सिराज, मेराज, एजाज पुत्रगण निसार, निसार पुत्र स्वर्गीय कुदरत, हसीन बानो पुत्री निसार और शकीला बानो पत्नी निसार कुल 06 लोगों के खिलाफ धारा 302,201 आईपीसी के तहत मुकदमा लिखकर विवेचना शुरू की. विवेचना के दौरान यह निकलकर आया कि मृतक मेराज, निसार के पुत्र मेराज की दुकान पर सिलाई का काम करता था. घर में आते जाते उसका प्रेम प्रसंग निसार की बेटी से हो गया था. आरोपियों ने मृतक मेराज को मारपीट कर धमकाया था.

आरोपी मृतक मेराज से रंजिश रखते थे. इसीलिए ये लोग मेराज को बहाने से बुलाकर ले गए और उसकी हत्या कर डाली. तत्कालीन विवेचक ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की. अभियोजन ने मामले में ठोस गवाह पेश किए. अभियोजन और बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर-1 आनंद कुमार ने सिराज, मेराज और एजाज पुत्रगण निसार को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और प्रत्येक पर 15-15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. ट्रायल के दौरान निसार की मृत्यु हो गई. आरोपी हसीन बानो और शकीला बानो के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य न होने से इन्हें बरी कर दिया गया.
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