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मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड जिला महासचिव की हत्या के आठ दोषियों को उम्रकैद - मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड जिला महासचिव की हत्या

बाराबंकी में मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड जिला महासचिव की हत्या के आठ दोषियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. चलिए जानते हैं पूरे मामले के बारे में.

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चर्चित मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड जिला महासचिव की हत्या मामला :आठों आरोपियों को आजीवन कारावास
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Published : Jan 11, 2023, 9:12 PM IST

बाराबंकीः नौ वर्ष पहले मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के जिला महासचिव की दिनदहाड़े बाजार में गोली मारकर की गई हत्या के चर्चित मामले में यूपी की बाराबंकी की एक अदालत ने आठ दोषियों को आजीवन कारावास और 85-85 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. ये फैसला विशेष न्यायाधीश (ईसी ऐक्ट) उमेश चन्द्र पाण्डेय-द्वितीय ने सुनाया है.

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी रामजस सिंह ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि मामले के वादी पुरुषोत्तम यादव पुत्र अच्छेलाल यादव निवासी उत्तर टोला नगर पंचायत बंकी थाना कोतवाली नगर ने बताया कि उनके भाई अरविंद यादव पहली जनवरी 2014 को नए वर्ष के अवसर पर समाजवादी पार्टी की बधाई की होर्डिंग लगा रहे थे. उसी वक्त बंकी निवासी रिशु जायसवाल और मनोज जायसवाल पुत्रगण विनोद जायसवाल तथा पंकज वर्मा पुत्र खुशीराम वर्मा ग्राम मोहम्मदपुर आये और नए वर्ष की बधाई की होर्डिंग फाड़ने लगे. मना करने पर कहासुनी हो गई तथा हाथापाई में भाई की उंगली टूट गई.

इसके बाद गाली गलौज करते हुए उक्त लोग जान से मारने की धमकी देते हुए चले गए .उसके बाद भी इन लोगों ने भाई अरविंद यादव, प्रदीप यादव और मेरे नाम मुकदमा दर्ज करवा दिया.जब मैं और मेरा भाई चौकी इंचार्ज बंकी को प्रार्थना पत्र देने गया तो चौकी इंचार्ज ने मुझे भगा दिया तथा दूसरे दिन नगर कोतवाली पहुंचा तो भी प्रभारी निरीक्षक ने रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया क्योंकि मेरा भाई मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड का जिला महासचिव था.

दिन शुक्रवार को समाजवादी पार्टी कार्यालय पर जनता दर्शन में दिवस प्रभारी माननीय राजा राजीव कुमार सिंह कृषि राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ के पास गया तब मेरी रिपोर्ट दर्ज हुई लेकिन प्रभारी निरीक्षक व चौकी इंचार्ज बंकी की लापरवाही के कारण कोई गिरफ्तारी नहीं की गई.उसी रंजिश को लेकर दिनांक 15 जनवरी 2014 को दोपहर दो बजे उनके भाई अरविंद यादव व उनके साथी प्रदीप यादव, अंशु यादव व सोनू यादव बंकी बाजार गए थे.

उसी वक्त बंकी निवासी रिशु जायसवाल, मनोज जायसवाल पुत्र गण विनोद जायसवाल तथा पंकज वर्मा पुत्र खुशीराम वर्मा व शशिकांत वर्मा पुत्र अज्ञात निवासी मोहम्मदपुर व कंपनी बाग निवासी दानिश किदवई पुत्र कदीर किदवई व नीरज गौतम पुत्र जगदीश गौतम निवासी बंकी व दो-तीन लोग अज्ञात आए. मेरे भाई अरविंद यादव व उनके साथी प्रदीप यादव ,अंशु यादव ,सोनू यादव ये सब लोग बाजार से लौट रहे थे .उसी वक्त विपक्षी लोगों ने असलहा लेकर दौड़ा लिया. भाई अरविंद यादव,उनके साथी प्रदीप यादव व अंशु यादव मोटरसाइकिल छोड़कर इधर-उधर भागने लगे. तब विपक्षी लोग फायर करने लगे. भाई भागने लगा तो रिशू जायसवाल व मनोज जायसवाल, पंकज वर्मा ,शशि कांत वर्मा ,नीरज गौतम, राहुल वर्मा ,दानिश किदवई, अभिषेक श्रीवास्तव ने भाई अरविंद यादव को घेरकर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी. जिससे भाई बुरी तरह घायल हो गया. प्रदीप यादव बचाव के लिए दौड़े तो उनकी तरफ भी फायर कर दिया लेकिन वह बाल-बाल बच गए.

बाजार में मौजूद सोनू यादव बचाओ बचाओ करते हुए अपने घर की ओर भागे, शोरगुल सुनकर मोहल्ले के काफी लोग आ गए. ये आठों लोग असलहा लहराते हुए भाग गए.जिसको सोनू यादव ने भली-भांति देखा व पहचाना है. मोहल्ले वालों के सहयोग से मैं और सोनू यादव व मोहल्ले के तमाम लोग अपने भाई अरविंद यादव को घायल अवस्था में अस्पताल ले जा रहा था कि रास्ते में बंकी चौकी के पास नगर कोतवाली की सरकारी जीप आ गई हम लोगों ने घायल अरविंद को उठाकर जीप में लिटा दिया, जिला चिकित्सालय ले जा रहे थे कि रास्ते में भाई अरविंद यादव ने दम तोड़ दिया.


पुलिस ने इस मामले में आठों अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. इस मामले में चार्जशीट फाइल की गई थी. अभियोजन ने मामले में ठोस गवाह पेश किए.अभियोजन और बचाव पक्ष द्वारा प्रस्तुत गवाहों और बहस सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश (ईसी ऐक्ट) उमेश चन्द्र पाण्डेय-द्वितीय ने आठों आरोपियों रितेश जायसवाल उर्फ रिशू जायसवाल, मनोज जायसवाल, दानिश किदवई उर्फ पप्पू,नीरज गौतम,पंकज वर्मा,राहुल वर्मा,शशिकांत वर्मा और अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ टोनी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 85-85 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.

ये भी पढ़ेंः प्रवीण तोगड़िया बोले, जनसंख्या वृद्धि न रुकी तो कन्हैया और श्रद्धा जैसे कांड होते रहेंगे

बाराबंकीः नौ वर्ष पहले मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के जिला महासचिव की दिनदहाड़े बाजार में गोली मारकर की गई हत्या के चर्चित मामले में यूपी की बाराबंकी की एक अदालत ने आठ दोषियों को आजीवन कारावास और 85-85 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. ये फैसला विशेष न्यायाधीश (ईसी ऐक्ट) उमेश चन्द्र पाण्डेय-द्वितीय ने सुनाया है.

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी रामजस सिंह ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि मामले के वादी पुरुषोत्तम यादव पुत्र अच्छेलाल यादव निवासी उत्तर टोला नगर पंचायत बंकी थाना कोतवाली नगर ने बताया कि उनके भाई अरविंद यादव पहली जनवरी 2014 को नए वर्ष के अवसर पर समाजवादी पार्टी की बधाई की होर्डिंग लगा रहे थे. उसी वक्त बंकी निवासी रिशु जायसवाल और मनोज जायसवाल पुत्रगण विनोद जायसवाल तथा पंकज वर्मा पुत्र खुशीराम वर्मा ग्राम मोहम्मदपुर आये और नए वर्ष की बधाई की होर्डिंग फाड़ने लगे. मना करने पर कहासुनी हो गई तथा हाथापाई में भाई की उंगली टूट गई.

इसके बाद गाली गलौज करते हुए उक्त लोग जान से मारने की धमकी देते हुए चले गए .उसके बाद भी इन लोगों ने भाई अरविंद यादव, प्रदीप यादव और मेरे नाम मुकदमा दर्ज करवा दिया.जब मैं और मेरा भाई चौकी इंचार्ज बंकी को प्रार्थना पत्र देने गया तो चौकी इंचार्ज ने मुझे भगा दिया तथा दूसरे दिन नगर कोतवाली पहुंचा तो भी प्रभारी निरीक्षक ने रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया क्योंकि मेरा भाई मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड का जिला महासचिव था.

दिन शुक्रवार को समाजवादी पार्टी कार्यालय पर जनता दर्शन में दिवस प्रभारी माननीय राजा राजीव कुमार सिंह कृषि राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ के पास गया तब मेरी रिपोर्ट दर्ज हुई लेकिन प्रभारी निरीक्षक व चौकी इंचार्ज बंकी की लापरवाही के कारण कोई गिरफ्तारी नहीं की गई.उसी रंजिश को लेकर दिनांक 15 जनवरी 2014 को दोपहर दो बजे उनके भाई अरविंद यादव व उनके साथी प्रदीप यादव, अंशु यादव व सोनू यादव बंकी बाजार गए थे.

उसी वक्त बंकी निवासी रिशु जायसवाल, मनोज जायसवाल पुत्र गण विनोद जायसवाल तथा पंकज वर्मा पुत्र खुशीराम वर्मा व शशिकांत वर्मा पुत्र अज्ञात निवासी मोहम्मदपुर व कंपनी बाग निवासी दानिश किदवई पुत्र कदीर किदवई व नीरज गौतम पुत्र जगदीश गौतम निवासी बंकी व दो-तीन लोग अज्ञात आए. मेरे भाई अरविंद यादव व उनके साथी प्रदीप यादव ,अंशु यादव ,सोनू यादव ये सब लोग बाजार से लौट रहे थे .उसी वक्त विपक्षी लोगों ने असलहा लेकर दौड़ा लिया. भाई अरविंद यादव,उनके साथी प्रदीप यादव व अंशु यादव मोटरसाइकिल छोड़कर इधर-उधर भागने लगे. तब विपक्षी लोग फायर करने लगे. भाई भागने लगा तो रिशू जायसवाल व मनोज जायसवाल, पंकज वर्मा ,शशि कांत वर्मा ,नीरज गौतम, राहुल वर्मा ,दानिश किदवई, अभिषेक श्रीवास्तव ने भाई अरविंद यादव को घेरकर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी. जिससे भाई बुरी तरह घायल हो गया. प्रदीप यादव बचाव के लिए दौड़े तो उनकी तरफ भी फायर कर दिया लेकिन वह बाल-बाल बच गए.

बाजार में मौजूद सोनू यादव बचाओ बचाओ करते हुए अपने घर की ओर भागे, शोरगुल सुनकर मोहल्ले के काफी लोग आ गए. ये आठों लोग असलहा लहराते हुए भाग गए.जिसको सोनू यादव ने भली-भांति देखा व पहचाना है. मोहल्ले वालों के सहयोग से मैं और सोनू यादव व मोहल्ले के तमाम लोग अपने भाई अरविंद यादव को घायल अवस्था में अस्पताल ले जा रहा था कि रास्ते में बंकी चौकी के पास नगर कोतवाली की सरकारी जीप आ गई हम लोगों ने घायल अरविंद को उठाकर जीप में लिटा दिया, जिला चिकित्सालय ले जा रहे थे कि रास्ते में भाई अरविंद यादव ने दम तोड़ दिया.


पुलिस ने इस मामले में आठों अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. इस मामले में चार्जशीट फाइल की गई थी. अभियोजन ने मामले में ठोस गवाह पेश किए.अभियोजन और बचाव पक्ष द्वारा प्रस्तुत गवाहों और बहस सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश (ईसी ऐक्ट) उमेश चन्द्र पाण्डेय-द्वितीय ने आठों आरोपियों रितेश जायसवाल उर्फ रिशू जायसवाल, मनोज जायसवाल, दानिश किदवई उर्फ पप्पू,नीरज गौतम,पंकज वर्मा,राहुल वर्मा,शशिकांत वर्मा और अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ टोनी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 85-85 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.

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