बाराबंकीः जिले के के तराई में बसा चैन पुरवा गांव इन दिनों लाइम लाइट में है. हो भी क्यों न, इस दीपावाली में यहां नई शुरुआत हुई है. 84 परिवार के इस गांव के लोगों का मुख्य धंधा अवैध शराब बनाने का था. कोई और रोजगार था नहीं लिहाजा यहां के लोग इसी धंधे से परिवार पालते थे. तकरीबन तीन महीने पहले पुलिस कप्तान की इस गांव पर नजर पड़ी और फिर इसका कायाकल्प हो गया.
मिट्टी के दीयों में भरा मोम
निमित ने गांव के लोगों को मधुमक्खी पालन के तौर तरीके सिखाये और उससे निकले मोम से दीये और मोमबत्ती बनाना सिखाया. अब इन लोगों ने दीपावाली के लिए लाखों दीपक तैयार कर लिए हैं. इन मिट्टी के दियों में मोम भरा गया है जो काफी देर तक चलता है.
अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी भी इस पहल के हुए कायल
बाराबंकी शनिवार को पहुंचे अवनीश अवस्थी ने पुलिस कप्तान की इस मुहिम को सराहा. उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन हर तरह से लाभकारी है. इससे वातावरण शुद्ध रहता है. इस मौके पर जब डीएम और एसपी ने उन्हें चैनपुरवा की महिलाओं द्वारा तैयार दिए उन्हें भेंट किये तो उन्होंने कहा कि उन्हें और ज्यादा दिए उपलब्ध कराए जांय ताकि इन दीपों को अयोध्या में भी जलाया जाए.