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बीजेपी सांसद ने कहा- परंपरागत खेती में बदलाव से किसानों की आय होगी दोगुनी - बाराबंकी न्यूज

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में शनिवार को किसान मेले का आयोजन किया गया. किसान मेले में बाराबंकी के सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने कहा कि किसानों की आय वर्ष 2020 तक दोगुनी करने का पीएम मोदी की मंशा है. यह मंशा तभी पूरी होगी जब किसान परंपरागत खेती छोड़कर आधुनिक तकनीकी से खेती करेंगे.

बाराबंकी में किसान मेले का आयोजन.
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Published : Aug 25, 2019, 11:39 AM IST

बाराबंकीः पिछले कई वर्षों से खेती घाटे का सौदा साबित होती जा रही है. किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल रहा है. पीएम मोदी ने 2020 तक किसानों की आय को दोगुना करने का फैसला किया है. इसके लिए किसानों को परंपरागत खेती छोड़कर आधुनिक खेती को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है. जिले में शनिवार को किसान मेले का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों को खेती के नए तौर तरीके बताए गए.

बाराबंकी में किसान मेले का आयोजन.

इसे भी पढ़ेंः-बाराबंकी: SDM ने गांवों में तालाबों का किया निरीक्षण, मरम्मत के दिए निर्देश

किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. सरकार की मंशा है कि किसान परंपरागत खेती छोड़कर नगदी खेती, पशुपालन, मत्स्यपालन और औद्यानिक खेती पर भी अपना ध्यान दें, जिससे कम लागत पर किसानों को खासा मुनाफा हो सके. उधर किसानों का कहना है कि फसल का लागत मूल्य उनको नहीं मिल रहा है. बिना लागत मूल्य मिले किसानों की आय दोगुनी करने की मंशा नहीं पूरी हो सकती.

ये सच है कि अब खेती के तरीकों में बदलाव का दौर है. इसके लिए किसानों को अत्याधुनिक तौर-तरीके को अपना कर ही खेती को लाभकारी बनाया जा सकता है, लेकिन ये भी सही है कि गलत नीतियों के चलते पिछले कई वर्षों से किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में अगर सरकार किसानों का हित चाहती है तो नई कृषि नीति बनानी होगी.

बाराबंकीः पिछले कई वर्षों से खेती घाटे का सौदा साबित होती जा रही है. किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल रहा है. पीएम मोदी ने 2020 तक किसानों की आय को दोगुना करने का फैसला किया है. इसके लिए किसानों को परंपरागत खेती छोड़कर आधुनिक खेती को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है. जिले में शनिवार को किसान मेले का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों को खेती के नए तौर तरीके बताए गए.

बाराबंकी में किसान मेले का आयोजन.

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किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. सरकार की मंशा है कि किसान परंपरागत खेती छोड़कर नगदी खेती, पशुपालन, मत्स्यपालन और औद्यानिक खेती पर भी अपना ध्यान दें, जिससे कम लागत पर किसानों को खासा मुनाफा हो सके. उधर किसानों का कहना है कि फसल का लागत मूल्य उनको नहीं मिल रहा है. बिना लागत मूल्य मिले किसानों की आय दोगुनी करने की मंशा नहीं पूरी हो सकती.

ये सच है कि अब खेती के तरीकों में बदलाव का दौर है. इसके लिए किसानों को अत्याधुनिक तौर-तरीके को अपना कर ही खेती को लाभकारी बनाया जा सकता है, लेकिन ये भी सही है कि गलत नीतियों के चलते पिछले कई वर्षों से किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में अगर सरकार किसानों का हित चाहती है तो नई कृषि नीति बनानी होगी.

Intro:बाराबंकी ,24 अगस्त । किसानों की वर्ष 2020 तक आय दोगुनी करने की पीएम मोदी की मंशा तभी पूरी होगी जब किसान परम्परागत खेती छोड़कर आधुनिक तकनीकों से लैस खेती करें ।ये कहना है बाराबंकी से भाजपा सांसद उपेंद्र सिंह रावत का। सांसद शनिवार को किसान गोष्ठी में किसानों से मुखातिब थे।हालांकि कई किसान उनकी बात से सहमत नजर आए लेकिन तमाम किसानों का कहना है कि बिना किसानों की फसल का लागत मूल्य मिले सरकार की ये मंशा पूरी होने वाली नही ।


Body:वीओ - पिछले कई वर्षों से खेती घाटे का सौदा साबित होती जा रही है । किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नही मिल रहा । पीएम मोदी ने 2020 तक किसानों की आय को दोगुना करने का फैसला किया है । इसके लिये किसानों को परम्परागत खेती छोड़कर आधुनिक खेती को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है । किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ।सरकार की मंशा है कि किसान परम्परागत खेती छोड़कर नकदी खेती, पशुपालन और मत्स्यपालन और औद्यानिक खेती पर भी अपना ध्यान दें । जिनसे कम लागत पर किसानों को खासा मुनाफा होगा । उधर किसानों का कहना है कि उनकी फसल का लागत मूल्य उनको नही मिल रहा । बिना लागत मूल्य मिले किसानों की आय दुगुनी करने की मंशा नही पूरी हो सकती ।
बाईट- उपेंद्र सिंह रावत , भाजपा सांसद बाराबंकी
बाईट- राम किशोर पटेल , किसान


Conclusion:ये सच है कि अब खेती के तरीकों में बदलाव का दौर है । इसके लिए किसानों को अत्याधुनिक तौर तरीकों को अपना कर ही खेती को लाभकारी बनाया जा सकता है लेकिन ये भी सही है कि गलत नीतियों के चलते पिछले कई वर्षों से किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नही मिल पा रहा । ऐसे में अगर सरकार किसानों का हित चाहती है तो नई कृषि नीति बनानी होगी ।
रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
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