बाराबंकी: टीबी (Tuberculosis) यानी क्षयरोग की चिकित्सा में खामियों को देखकर इलाज का अब नया तरीका शुरू किया जा रहा है. अब JEET (Joint Effort for Elimination of Tuberculosis) प्रोजेक्ट पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के टीबी पूरी तरह खत्म करने का सपना पूरा करेगा. देश के 194 जिलों में जीत प्रोजेक्ट शुरू हो रहा है. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शामिल किया गया है.
इसके लिए भारत सरकार ने CHAI, CHRI और FIND संस्थाओं ने मिलकर ये प्रोग्राम बनाया है. इसको जीत 2.0 नाम दिया गया है. जीत (JEET-Joint Effort for Elimination of Tuberculosis) यानी टीबी के पूरी तरह खात्म के लिए संयुक्त प्रयास है. इस प्रोजेक्ट में CHAI ( Clinton Health Access Initiative), CHRI (Centre for Health Research & Innovation) और FIND ( Foundation for Innovative New Diagnostics) शामिल हैं.
जीत प्रोजेक्ट के तहत दो मॉडल चलाये जाने हैं. एक है ट्रीट मॉडल और दूसरा है टेस्ट एंड ट्रीट मॉडल. ट्रीट मॉडल में देश के कुल 194 जिले लिए गए हैं, इनमें उत्तर प्रदेश के 14 जिले हैं. वहीं टेस्ट एंड ट्रीट मॉडल में भारत के सात जिले हैं. इनमें बाराबंकी उत्तर प्रदेश का अकेला जिला है.
ट्रीट मॉडल में घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की जाएगी और फिर उनको दवाई देनी शुरू कर दी जाएगी. वहीं टेस्ट एंड ट्रीट मॉडल में पहले स्क्रीनिंग की जाएगी, फिर टेस्ट किया जाएगा. उसके बाद लक्षण मिलने पर दवाई दी जाएगी. बाराबंकी में डॉ. अरविंद के नेतृत्व में 15 सदस्यीय टीम काम करेगी. इसके अलावा बाराबंकी क्षयरोग विभाग के कर्मचारी इनको सहयोग करेंगे.
टीम के लोग क्षयरोग विभाग से टीबी के मरीजों का डेटा लेंगे. इसके बाद मरीज के घर पहुंचेंगे. मरीज के परिवार वालों की स्क्रीनिंग करके, जांच के लिए ब्लड सैम्पल लेंगे. इनकी जांच दिल्ली की लैब में होगी. इसे इग्रा (IGRA) टेस्ट नाम दिया गया है.
इस टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने पर मरीजों का एक्सरे कराया जाएगा. पीड़ित मरीजों को क्षयरोग विभाग दवाइयां उपलब्ध कराएगा. आंकड़ों के मुताबिक इस संक्रामक बीमारी से भारत मे हर मिनट एक व्यक्ति की मौत हो जाती है.
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