बाराबंकी: जिले में पिछले तीन महीने से लगातार घाघरा नदी का कहर जारी है. नदी में जलस्तर बढ़ने से कटान और बढ़ता जा रहा है. बढ़ते कटान से जहां पहले से ही कई गांव जलमग्न हो चुके हैं, वहीं अब तेलवारी गांव के अस्तित्व पर भी संकट मंडराने लगा है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले आवास भी नदी में समा गए हैं, जिसने गरीब बाढ़ पीड़ितों की परेशानियां और बढ़ा दी हैं.
जिले ही नहीं बल्कि जहां-जहां से घाघरा नदी होकर गुजरती हैं. आसपास के इलाकों में तबाही करने के लिए ही जानी जाती हैं. बाढ़ तो हर बार आती है, लेकिन इस बार नदी जिले के कुछ गांवों के लिए अभिशाप साबित हुई है.
यह भी पढ़ें:- वाराणसी: गंगा का जलस्तर बढ़ने से सड़क पर होने लगी आरती
टेपरा गांव, सनावा गांव, तेलवारी गांव सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले गांवों में शामिल है. गांवों के लोगों को पीएम आवास योजना के तहत मिले घर भी नदी में समा गए हैं. वहीं, कटान के कारण इनकी पूरी खेती समाप्त हो चुकी है. अब इनके पास खाने को भी नहीं बचा है. प्रशासनिक स्तर पर जो कुछ भी लोगों को भेजा जा रहा है. उसी पर लोग जीवन यापन करने को मजबूर हैं.
यह भी पढ़ें:- मिर्जापुर: पानी में गिरने से बाल बाल बचीं अनुप्रिया पटेल, नाव से उतरते समय हुआ हादसा
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास मिले थे, जो नदी में डूब गए हैं.
-चदाना, बाढ़ पीड़ितप्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास मिला था. वो भी बाढ़ में बह गया है. बस एक डर के साथ जीवन जी रहे हैं
-सीतापति, बाढ़ पीड़ितयहां रहने में डर लगता है, लेकिन हम अपना घर छोड़कर नहीं जाना चाहते हैं.
-शिव देवीश्री, बाढ़ पीड़ित बच्ची