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पुलिस क्लब जगाता है राष्ट्रीय भावना, नदियों पर है हर कमरे का नाम

बाराबंकी जिले के जर्जर हो चुके पुलिस क्लब का पुलिस कप्तान डॉ. अरविंद चतुर्वेदी और उनकी टीम ने जीर्णोद्धार करवाया. जिले का पुलिस क्लब अब एक शानदार गेस्ट हाउस के रूप में तैयार हो चुका है.

बाराबंकी पुलिस क्लब का उद्घाटन
बाराबंकी पुलिस क्लब का उद्घाटन
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Published : Dec 5, 2020, 2:13 PM IST

बाराबंकी: पुलिस कप्तान ने कभी जर्जर और बदहाल रहे जिला पुलिस क्लब को देखने लायक बना दिया है. पुलिस क्लब को कप्तान की सकारात्मक सोच ने बदलकर रख दिया. खूबसूरत चिन्मय वाटिका, किचन, शौचालय और सुसज्जित बाथरूम युक्त 18 कमरों का पुलिस क्लब अब किसी भी गेस्ट हाउस से कम नहीं दिखता है. खास बात ये कि इसके हर कमरे राष्ट्रीय भावना को मजबूत करते हैं.

पुलिस क्लब का हुआ जीर्णोद्धार.

काफी अर्से से जर्जर था पुलिस क्लब
शहर के पुराने बस स्टेशन के समीप बना पुलिस क्लब पिछले कई वर्षों से बदहाल था. पुलिस कर्मियों की सहूलियत के लिए 9 जनवरी सन् 1942 को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक बीपी कोहली के प्रयासों से इस पुलिस क्लब को बनवाया गया. उस वक्त पुलिस के आईजी रहे सर बीए इंग्लिश ने पुलिस क्लब का उद्घाटन किया था. कई वर्षों तक तो ये ठीक रहा, लेकिन मरम्मत न होने के चलते ये बदहाल होता गया. कमरे भी खंडहर में तब्दील हो गए. सामने मैदान में गड्ढे हो गए और उनमें बरसात में पानी भरा रहने लगा.

वर्ष 2016 में गैर जनपद से स्थानांतरित होकर आए सब इंस्पेक्टर दर्शन यादव को यहीं रहने को मिला. जल्द ही दर्शन यादव पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद चतुर्वेदी के व्यैक्तिक सहायक हो गये. इनकी मांग पर एक दिन पुलिस कप्तान ने पुलिस क्लब का दौरा किया तो वे यहां की बदहाली देख दुखी हो गए. पुलिस कप्तान ने अपने कुछ जानने वालों से पुलिस क्लब के दोबारा निर्माण में सहयोग मांगा और इस तरह इसी वर्ष मार्च से इसका पुनर्निर्माण शुरू हो गया. साथ ही अगस्त में पुलिस क्लब का उद्घाटन किया गया.

पूर्व पुलिस महानिरीक्षक ने किया उद्घाटन.
पूर्व पुलिस महानिरीक्षक ने किया उद्घाटन.

देश की नदियों के नाम पर बने कमरे
क्लब में ठहरने वाले पुलिसकर्मियों के लिये हर तरह की सुख सुविधा यहां मौजूद है. हर कमरे में बेड, पर्याप्त लाइट, शीशा, खूंटियां, सजावटी तस्वीरें और तमाम सामान मौजूद हैं. एक बेहतरीन किचन है, जिसे अन्नपूर्णा कक्ष नाम दिया गया है. सबसे खास बात यह है कि राष्ट्रीय भावना को जागृत करने के लिए हर कमरे का नाम देश की नदियों के नाम पर रखे गए हैं. सामने लॉन में एक चिन्मय वाटिका की स्थापना भी की गई है.

डायनिंग हाल की कमी हुई पूरी
अगस्त महीने में जब क्लब का उदघाटन हुआ था, उस समय यहां एक डाइनिंग हाल की कमी महसूस की गई थी. लिहाजा पुलिस कप्तान ने फिर पहल की और एक कमरे को तृप्ति हाल बनाया गया. क्लब के जीर्णोद्धार में आने वाले खर्च का प्रबंध पुलिस कप्तान डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने अपने स्तर से किया है.

अगस्त में क्लब का उदघाटन भले ही एडीजी रेंज लखनऊ एसएन साबत ने किया था, लेकिन तृप्ति हाल के उद्घाटन के लिए पुलिस कप्तान ने नई पहल की. इस मौके पर उन्होंने अवकाश प्राप्त उन अधिकारियों को आमंत्रित कर उनसे उद्घाटन कराया, जो कभी यहां रहे थे. इससे उन अधिकारियों में यहां के लिये अपनेपन का एहसास हो.

पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एनबी सिंह का कहना है कि पुलिस विभाग में आवास को लेकर हमेशा से ही बड़ी समस्या रही है. लोवर कैडर के पुलिसकर्मियों को इस समस्या से दो चार होना पड़ता है. इमरजेंसी में ट्रांसफर होकर आने वाले पुलिस अधिकारियों के लिए बड़ी समस्या रहती है. ऐसे में ये पुलिस क्लब उनके लिए खासा लाभकारी होगा. उनका कहना है कि ऐसे प्रयासों से समस्या को काबू में किया जा सकता है.

बाराबंकी: पुलिस कप्तान ने कभी जर्जर और बदहाल रहे जिला पुलिस क्लब को देखने लायक बना दिया है. पुलिस क्लब को कप्तान की सकारात्मक सोच ने बदलकर रख दिया. खूबसूरत चिन्मय वाटिका, किचन, शौचालय और सुसज्जित बाथरूम युक्त 18 कमरों का पुलिस क्लब अब किसी भी गेस्ट हाउस से कम नहीं दिखता है. खास बात ये कि इसके हर कमरे राष्ट्रीय भावना को मजबूत करते हैं.

पुलिस क्लब का हुआ जीर्णोद्धार.

काफी अर्से से जर्जर था पुलिस क्लब
शहर के पुराने बस स्टेशन के समीप बना पुलिस क्लब पिछले कई वर्षों से बदहाल था. पुलिस कर्मियों की सहूलियत के लिए 9 जनवरी सन् 1942 को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक बीपी कोहली के प्रयासों से इस पुलिस क्लब को बनवाया गया. उस वक्त पुलिस के आईजी रहे सर बीए इंग्लिश ने पुलिस क्लब का उद्घाटन किया था. कई वर्षों तक तो ये ठीक रहा, लेकिन मरम्मत न होने के चलते ये बदहाल होता गया. कमरे भी खंडहर में तब्दील हो गए. सामने मैदान में गड्ढे हो गए और उनमें बरसात में पानी भरा रहने लगा.

वर्ष 2016 में गैर जनपद से स्थानांतरित होकर आए सब इंस्पेक्टर दर्शन यादव को यहीं रहने को मिला. जल्द ही दर्शन यादव पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद चतुर्वेदी के व्यैक्तिक सहायक हो गये. इनकी मांग पर एक दिन पुलिस कप्तान ने पुलिस क्लब का दौरा किया तो वे यहां की बदहाली देख दुखी हो गए. पुलिस कप्तान ने अपने कुछ जानने वालों से पुलिस क्लब के दोबारा निर्माण में सहयोग मांगा और इस तरह इसी वर्ष मार्च से इसका पुनर्निर्माण शुरू हो गया. साथ ही अगस्त में पुलिस क्लब का उद्घाटन किया गया.

पूर्व पुलिस महानिरीक्षक ने किया उद्घाटन.
पूर्व पुलिस महानिरीक्षक ने किया उद्घाटन.

देश की नदियों के नाम पर बने कमरे
क्लब में ठहरने वाले पुलिसकर्मियों के लिये हर तरह की सुख सुविधा यहां मौजूद है. हर कमरे में बेड, पर्याप्त लाइट, शीशा, खूंटियां, सजावटी तस्वीरें और तमाम सामान मौजूद हैं. एक बेहतरीन किचन है, जिसे अन्नपूर्णा कक्ष नाम दिया गया है. सबसे खास बात यह है कि राष्ट्रीय भावना को जागृत करने के लिए हर कमरे का नाम देश की नदियों के नाम पर रखे गए हैं. सामने लॉन में एक चिन्मय वाटिका की स्थापना भी की गई है.

डायनिंग हाल की कमी हुई पूरी
अगस्त महीने में जब क्लब का उदघाटन हुआ था, उस समय यहां एक डाइनिंग हाल की कमी महसूस की गई थी. लिहाजा पुलिस कप्तान ने फिर पहल की और एक कमरे को तृप्ति हाल बनाया गया. क्लब के जीर्णोद्धार में आने वाले खर्च का प्रबंध पुलिस कप्तान डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने अपने स्तर से किया है.

अगस्त में क्लब का उदघाटन भले ही एडीजी रेंज लखनऊ एसएन साबत ने किया था, लेकिन तृप्ति हाल के उद्घाटन के लिए पुलिस कप्तान ने नई पहल की. इस मौके पर उन्होंने अवकाश प्राप्त उन अधिकारियों को आमंत्रित कर उनसे उद्घाटन कराया, जो कभी यहां रहे थे. इससे उन अधिकारियों में यहां के लिये अपनेपन का एहसास हो.

पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एनबी सिंह का कहना है कि पुलिस विभाग में आवास को लेकर हमेशा से ही बड़ी समस्या रही है. लोवर कैडर के पुलिसकर्मियों को इस समस्या से दो चार होना पड़ता है. इमरजेंसी में ट्रांसफर होकर आने वाले पुलिस अधिकारियों के लिए बड़ी समस्या रहती है. ऐसे में ये पुलिस क्लब उनके लिए खासा लाभकारी होगा. उनका कहना है कि ऐसे प्रयासों से समस्या को काबू में किया जा सकता है.

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