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बाराबंकी: अयोध्या फैसले से पहले हिंदू-मुस्लिम समुदाय के संभ्रांत लोगों ने की अमन की पहल - अयोध्या फैसले को लेकर बाराबंकी में हिंदू-मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने की अमन की पहल

अयोध्या जमीन विवाद फैसले से पहले बाराबंकी में मुस्लिम और हिंदू समुदाय के लोग फैसले पर साथ चलने को लेकर आगे आए हैं. दोनों पक्षों के जिम्मेदार लोगों ने एक स्वर में कहा कि फैसला किसी भी पक्ष में आये मगर भाई चारा नहीं बिगड़ना चाहिए.

हिंदू-मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने की अमन की पहल
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Published : Nov 6, 2019, 11:33 PM IST

बाराबंकी: अयोध्या जमीन विवाद फैसले से पहले जिले में मुस्लिम और हिंदू समुदाय के लोग फैसले पर साथ चलने को लेकर आगे आए हैं. अयोध्या मसले पर जल्द फैसला आने को लेकर दोनों समुदाय के लोगों ने जिले को अमन और शांति की दिशा में चलने का संकल्प लिया. दोनों पक्षों के जिम्मेदार लोगों ने एक स्वर में कहा कि फैसला किसी भी पक्ष में आये मगर भाई चारा नहीं बिगड़ना चाहिए.

बाराबंकी में हिंदू-मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने की अमन की पहल.

भाजपा नेता सन्तोष सिंह ने इस मौके पर कहा -
बाराबंकी हमेशा से आपसी भाई चारे के लिए जाना जाता रहा है. परिस्थितियां कैसी भी रही हों मगर यहां के लोगों में आपसी प्रेम कभी नहीं बिगड़ा है. अयोध्या का जो फैसला आने वाला है वह अपने आप में ऐतिहासिक होगा. फैसला जिसके भी पक्ष में आये उसे अतिउत्साह नहीं दिखाना चाहिए. इस अतिउत्साह से ही सामाजिक सौहार्द बिगड़ता है.

फैसले को शान्ति से स्वीकार करने की आवश्यकता है, जिससे दूसरा पक्ष भी हताश न हो. आपसी प्रेम और भाई चारा बना रहे यही हम सबकी जिम्मेदारी है. सभी अपने भाई है और हर धर्म की स्वीकार्यता भारतीयता का हमेशा से विशेषता रही है. इसीलिए फैसले पर शान्ति और प्रेम के साथ भाई चारा बना रहना चाहिए.

मौलाना अबूज़र ने जानकारी देते हुए कहा-
इस्लाम कभी भाई चारा टूटे यह नहीं सिखाता, बल्कि इस्लाम में तो यह बात तक कही गयी है कि अगर आपका पड़ोसी भूखा है तो आपका भरपेट खाना हराम है. पहले अपने पड़ोसी का पेट भरिये फिर अपने बारे में सोचिए. आपकी एक गलती से अगर आपके किसी पड़ोसी को चोट भी पहुंचती है तो यह कितना बड़ा पाप होगा .यह बात आसानी से समझा जा सकता है. इसीलिए फैसला कुछ भी आये, किसी के भी हक में आये उसे सर्वोच्च अदालती फैसला मानकर उसका एहतराम करना चाहिए.

इसे भी पढ़ें- अयोध्या विवाद: हाथरस में प्रशासन ने निकाला फ्लैगमार्च जाना सुरक्षा का हाल

बाराबंकी: अयोध्या जमीन विवाद फैसले से पहले जिले में मुस्लिम और हिंदू समुदाय के लोग फैसले पर साथ चलने को लेकर आगे आए हैं. अयोध्या मसले पर जल्द फैसला आने को लेकर दोनों समुदाय के लोगों ने जिले को अमन और शांति की दिशा में चलने का संकल्प लिया. दोनों पक्षों के जिम्मेदार लोगों ने एक स्वर में कहा कि फैसला किसी भी पक्ष में आये मगर भाई चारा नहीं बिगड़ना चाहिए.

बाराबंकी में हिंदू-मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने की अमन की पहल.

भाजपा नेता सन्तोष सिंह ने इस मौके पर कहा -
बाराबंकी हमेशा से आपसी भाई चारे के लिए जाना जाता रहा है. परिस्थितियां कैसी भी रही हों मगर यहां के लोगों में आपसी प्रेम कभी नहीं बिगड़ा है. अयोध्या का जो फैसला आने वाला है वह अपने आप में ऐतिहासिक होगा. फैसला जिसके भी पक्ष में आये उसे अतिउत्साह नहीं दिखाना चाहिए. इस अतिउत्साह से ही सामाजिक सौहार्द बिगड़ता है.

फैसले को शान्ति से स्वीकार करने की आवश्यकता है, जिससे दूसरा पक्ष भी हताश न हो. आपसी प्रेम और भाई चारा बना रहे यही हम सबकी जिम्मेदारी है. सभी अपने भाई है और हर धर्म की स्वीकार्यता भारतीयता का हमेशा से विशेषता रही है. इसीलिए फैसले पर शान्ति और प्रेम के साथ भाई चारा बना रहना चाहिए.

मौलाना अबूज़र ने जानकारी देते हुए कहा-
इस्लाम कभी भाई चारा टूटे यह नहीं सिखाता, बल्कि इस्लाम में तो यह बात तक कही गयी है कि अगर आपका पड़ोसी भूखा है तो आपका भरपेट खाना हराम है. पहले अपने पड़ोसी का पेट भरिये फिर अपने बारे में सोचिए. आपकी एक गलती से अगर आपके किसी पड़ोसी को चोट भी पहुंचती है तो यह कितना बड़ा पाप होगा .यह बात आसानी से समझा जा सकता है. इसीलिए फैसला कुछ भी आये, किसी के भी हक में आये उसे सर्वोच्च अदालती फैसला मानकर उसका एहतराम करना चाहिए.

इसे भी पढ़ें- अयोध्या विवाद: हाथरस में प्रशासन ने निकाला फ्लैगमार्च जाना सुरक्षा का हाल

Intro:बाराबंकी ,06 नवंबर । अयोध्या पर फैसले से पहले बाराबंकी में हुई अमन की पहल , मुस्लिम और हिंदू समुदाय के लोग फैसले पर साथ चलने को लेकर आए आगे . अयोध्या मसले पर जल्द फैसला आने को लेकर दोनों समुदाय के लोगों ने दिल को सुकून पहुंचाने वाली पहल कर, बाराबंकी के अमन और शांति की दिशा में चलने का संकल्प लिया . फैसला कैसा भी हो दोनों पक्ष चलेंगे साथ साथ. शांति और सुव्यवस्था स्थापित करने के लिए अमन का यह पैगाम सचमुच सभी के दिलों को छू गया.

Body:अयोध्या मामले में फैसला आने में कुछ ही समय बचा है इसको लेकर चारो ओर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे है ,मगर आज बाराबंकी में जो हुआ वह दिल को सुकून पैदा करने वाला था । आज यहाँ हिन्दू मुस्लिम पक्ष के जिम्मेदार अगुआकारों ने इकट्ठा होकर अमन चैन बनाये रखने का सन्देश दिया । दोनों पक्षों के जिम्मेदार लोगों ने एक स्वर में कहा कि फैसला किसी भी पक्ष में आये मगर भाई चारा नही बिगड़ना चाहिए ।

बाराबंकी मुख्यालय आर आज समाजसेवी सरताज चौधरी की अगुवाई में शहर के नामी गिरामी लोगों का जमावड़ा रहा । यह जमावड़ा हिन्दू मुस्लिम पक्ष के उन अगुआकारों का था जिनकी बात को पूरा शहर कान लगा कर सुनता है । शहर के नामी गिरामी वकील , नेता , बुद्धिजीवी एक छत के नीचे आकर शहर को अमन का पैगाम देकर गए । इन बिद्धिजीवियों ने एक स्वर में कहा कि अयोध्या का फैसला किसी भी धर्म के हक में आये मगर इस फैसले से शहर और जिले का अमन नही बिगड़ना चाहिए ।

भाजपा नेता सन्तोष सिंह ने इस मौके पर कहा कि बाराबंकी हमेशा से आपसी भाई चारे के लिए जाना जाता रहा है परिस्थितियां कैसी भी रही हो मगर यहाँ के लोगों में आपसी प्रेम कभी नही बिगड़ा है । अयोध्या का जो फैसला आने वाला है वह अपने आप में ऐतिहासिक तो होगा ही साथ ही साथ लम्बे इंतज़ार के बाद आने वाला होगा , इससे जिसके भी पक्ष में यह फैसला आये उसे अतिउत्साह नही दिखाना चाहिए । इस अतिउत्साह से ही सामाजिक सौहार्द बिगड़ता है । फैसले को शान्ति से स्वीकार करने की आवश्यकता है जिससे दूसरा पक्ष भी हताश न हो । आपसी प्रेम और भाई चारा बना रहे यह हम सबकी जिम्मेदारी है क्योंकि सभी अपने भाई है और हर धर्म की स्वीकार्यता भारतीयता का हमेशा से विशेषता रही है । इस लिए फैसले पर शान्ति और प्रेम के साथ भाई चारा बना रहना चाहिए ।


इस कार्यक्रम में शामिल होने आए मुस्लिम विद्वान और शहर काजी के पद को शुशोभित कर रहे मौलाना अबूज़र ने कहा कि इस्लाम कभी भाई चारा टूटे यह नही सिखाता बल्कि इस्लाम में तो यह बात तक कही गयी है कि अगर आपका पड़ोसी भूँखा है तो आपका भरपेट खाना हराम है पहले अपने पड़ोसी का पेट भरिये फिर अपने बारे में सोंचिये । इस लिए आपकी एक गलती से अगर आपके किसी पड़ोसी को चोट भी पहुँचती है तो यह कितना बड़ा पाप होगा यह बात आसानी से समझा जा सकता है । इस लिए फैसला कुछ भी आये किसी के भी हक़ में आये उसे सर्वोच्च अदालती फैसला मान कर उसका एहतराम करना चाहिए । आपसी प्रेम भाई चारा न बिगड़ने पाए ऐसा कोई कार्य नही करना चाहिए ।


Conclusion:बाईट - अबूजर ( शहरकाजी बाराबंकी )

बाईट - सन्तोष सिंह ( अधिवक्ता एवं वरिष्ठ भाजपा नेता )



Report Alok Kumar Shukla reporter Barabanki 9 6 2 8 4 7 6 9 0 7


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