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यूपी के हैंडलूम उत्पादों के विदेशी भी होंगे दीवाने, जल्द ही रूस में दिखेगी हथकरघा की झलक

बदहाली के कगार पर पहुंच चुके हथकरघा उद्योग को जल्द ही ऑक्सीजन मिलने वाला है. यूपी का हथकरघा उद्योग अब विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ेगा. 24 अगस्त से रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित होने वाले 3 दिवसीय मेले में प्रदेश के 30 निर्यातक प्रतिभाग करेंगे, जिसमें बाराबंकी के भी कई उद्यमी शामिल होंगे.

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Published : Aug 18, 2021, 11:26 AM IST

बाराबंकी: कोविड (covid-19) के चलते पिछले दो वर्षों से बदहाली जैसे हालातों से दो-चार हो रहे हैंडलूम (Handloom) और टेक्सटाइल (Textile) उत्पादकों के अच्छे दिन आने वाले हैं. रूस (Russia) के सेंट पीटर्सबर्ग (Saint-Petersburg) में आयोजित होने वाला मेला इनकी राह आसान करेगा. बायर्स और सेलर्स (Buyer Seller meet) की इस अंतर्राष्ट्रीय मीट में प्रदेश के 30 निर्यातक (Exporters) प्रतिभाग करेंगे, जिसमें बाराबंकी के भी कई उद्यमी शामिल होंगे.

हैंडलूम उद्योग को पटरी पर लाने की कवायद
बताते चलें कि कोविड (covid-19) के चलते लगे लॉकडाउन (lockdown) से हैंडलूम उद्योग (Handloom Industry) पूरी तरह से चरमरा गया था. इस उद्योग को पटरी पर लाने के लिए प्रदेश सरकार तमाम कोशिशों में जुटी है. लॉकडाउन के चलते हैंडलूम से जुड़े निर्यातकों को बाजार नहीं मिल पा रहा था. अमूमन प्रदर्शनियों और मेले के जरिये उद्यमियों को अपने उत्पादों के प्रदर्शन का मौका मिलता था, लेकिन ये पूरी तरह से ठप था.

हथकरघा उद्योग को मिलेगा ऑक्सीजन.

रूस (Russia) में तीन दिवसीय मेले का हो रहा आयोजन
काफी अर्से बाद आगामी 24 अगस्त से रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित हो रहे 3 दिवसीय मेले को लेकर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग यानी एमएसएमई खासा उत्साहित है. विभाग इस बायर्स और सेलर्स मीट में शामिल होने के लिए सूबे के हैंडलूम और टेक्सटाइल से जुड़े 30 उद्यमियों को भेज रहा है. इसमें बाराबंकी जिले के भी कई उद्यमी शामिल होंगे.

ODOP के तहत बाराबंकी हैंडलूम के लिए चयनित
दरअसल, ओडीओपी यानी एक जिला एक उत्पाद (One district One product) के तहत बाराबंकी जिले को हैंडलूम के लिए चयनित किया गया है और रूस में होने वाली यह एक्जीबिशन खास तौर पर हैंडलूम और टेक्सटाइल को लेकर आयोजित हो रही है. लिहाजा बाराबंकी के उद्यमियों को इस फेयर में भाग लेने का मौका मिल रहा है. उद्योग विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस बायर्स और सेलर्स मीट में देश-विदेश के निर्यातकों का जमावड़ा होगा. भारत देश के उत्तर प्रदेश से इस मीट में शामिल होने वाले निर्यातकों को अपने उत्पादों को प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा, जिससे विदेशों के निर्यातकों को अपने उत्पादों से प्रभावित कर उन्हें उत्तर प्रदेश से व्यपार करने के लिए तैयार किया जा सकेगा.

यूपी के उद्यमियों को मिलेगा बड़ा बाजार
फिक्की (Ficci), यूपी ईपीसी (UPEPC) और यूपी एमएसएमई (MSME) विभाग के सामूहिक प्रयासों से प्रदेश के हैंडलूम से जुड़े उद्यमियों के लिए की जा रही इस पहल के पीछे सरकार की मंशा है कि कोरोना काल की परेशानियों से निर्यातकों को उबार कर उन्हें अच्छे बाजार दिलाए जाएं.

फिक्की, यूपी ईपीसी और एमएसएमई विभाग की पहल
Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry (FICCI ) यह भारत में व्यापारिक संगठनों का एक संघ है. इसका काम आर्थिक अनुसंधान करना, उद्योग और वाणिज्य के विकास के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान बढ़ाना है. ये वैज्ञानिक और तकनीकी शिक्षा को भी बढ़ावा देता है. फिक्की सेमिनार, सम्मेलन और कार्यशालाएं आयोजित करता है. फिक्की को भारत के व्यापार और इंडस्ट्री की आवाज कहा जाता है.

Micro, Small and Medium Enterprises (MSME) यानि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों का देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है. इसी योगदान को देखते हुए केंद्र सरकार ने इन उद्योगों की मदद के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय बनाया. यह मंत्रालय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए काम करता है. इन्हें ही एमएसएमई कहा जाता है. एमएसएमई के तहत दो तरह के उद्योग आते हैं एक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और दूसरा सर्विस सेक्टर. इसके तहत उद्योगों को तमाम लाभ दिए जाते हैं. सरकार द्वारा चलाई जा रही किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए उद्योग का एमएसएमई रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है. एमएसएमई कारोबारियों को केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा कई तरह से प्रोत्साहन दिया जा रहा है. उद्यमियों को सरकारी बैंकों के साथ ही प्राइवेट क्षेत्र के बैंक भी कम ब्याज पर बिजनेस लोन प्रदान करते हैं.

Uttar Pradesh Export Promotion Council (UPEPC) रोजगार और उत्पादन की दृष्टि से यूपी का हैंडलूम उद्योग देश में तीसरे स्थान पर है. यूपी देश की तीसरी बड़ी इकोनॉमी वाला प्रदेश है. इसी को देखते हुए उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने, समर्थन देने और सुरक्षा देने के लिए वर्ष 2015 में उत्तर प्रदेश एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की स्थापना की गई. यह परिषद उचित आपूर्तिकर्ताओं को अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों से मिलाती है और उनसे बातचीत कराती है.

बाराबंकी: कोविड (covid-19) के चलते पिछले दो वर्षों से बदहाली जैसे हालातों से दो-चार हो रहे हैंडलूम (Handloom) और टेक्सटाइल (Textile) उत्पादकों के अच्छे दिन आने वाले हैं. रूस (Russia) के सेंट पीटर्सबर्ग (Saint-Petersburg) में आयोजित होने वाला मेला इनकी राह आसान करेगा. बायर्स और सेलर्स (Buyer Seller meet) की इस अंतर्राष्ट्रीय मीट में प्रदेश के 30 निर्यातक (Exporters) प्रतिभाग करेंगे, जिसमें बाराबंकी के भी कई उद्यमी शामिल होंगे.

हैंडलूम उद्योग को पटरी पर लाने की कवायद
बताते चलें कि कोविड (covid-19) के चलते लगे लॉकडाउन (lockdown) से हैंडलूम उद्योग (Handloom Industry) पूरी तरह से चरमरा गया था. इस उद्योग को पटरी पर लाने के लिए प्रदेश सरकार तमाम कोशिशों में जुटी है. लॉकडाउन के चलते हैंडलूम से जुड़े निर्यातकों को बाजार नहीं मिल पा रहा था. अमूमन प्रदर्शनियों और मेले के जरिये उद्यमियों को अपने उत्पादों के प्रदर्शन का मौका मिलता था, लेकिन ये पूरी तरह से ठप था.

हथकरघा उद्योग को मिलेगा ऑक्सीजन.

रूस (Russia) में तीन दिवसीय मेले का हो रहा आयोजन
काफी अर्से बाद आगामी 24 अगस्त से रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित हो रहे 3 दिवसीय मेले को लेकर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग यानी एमएसएमई खासा उत्साहित है. विभाग इस बायर्स और सेलर्स मीट में शामिल होने के लिए सूबे के हैंडलूम और टेक्सटाइल से जुड़े 30 उद्यमियों को भेज रहा है. इसमें बाराबंकी जिले के भी कई उद्यमी शामिल होंगे.

ODOP के तहत बाराबंकी हैंडलूम के लिए चयनित
दरअसल, ओडीओपी यानी एक जिला एक उत्पाद (One district One product) के तहत बाराबंकी जिले को हैंडलूम के लिए चयनित किया गया है और रूस में होने वाली यह एक्जीबिशन खास तौर पर हैंडलूम और टेक्सटाइल को लेकर आयोजित हो रही है. लिहाजा बाराबंकी के उद्यमियों को इस फेयर में भाग लेने का मौका मिल रहा है. उद्योग विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस बायर्स और सेलर्स मीट में देश-विदेश के निर्यातकों का जमावड़ा होगा. भारत देश के उत्तर प्रदेश से इस मीट में शामिल होने वाले निर्यातकों को अपने उत्पादों को प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा, जिससे विदेशों के निर्यातकों को अपने उत्पादों से प्रभावित कर उन्हें उत्तर प्रदेश से व्यपार करने के लिए तैयार किया जा सकेगा.

यूपी के उद्यमियों को मिलेगा बड़ा बाजार
फिक्की (Ficci), यूपी ईपीसी (UPEPC) और यूपी एमएसएमई (MSME) विभाग के सामूहिक प्रयासों से प्रदेश के हैंडलूम से जुड़े उद्यमियों के लिए की जा रही इस पहल के पीछे सरकार की मंशा है कि कोरोना काल की परेशानियों से निर्यातकों को उबार कर उन्हें अच्छे बाजार दिलाए जाएं.

फिक्की, यूपी ईपीसी और एमएसएमई विभाग की पहल
Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry (FICCI ) यह भारत में व्यापारिक संगठनों का एक संघ है. इसका काम आर्थिक अनुसंधान करना, उद्योग और वाणिज्य के विकास के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान बढ़ाना है. ये वैज्ञानिक और तकनीकी शिक्षा को भी बढ़ावा देता है. फिक्की सेमिनार, सम्मेलन और कार्यशालाएं आयोजित करता है. फिक्की को भारत के व्यापार और इंडस्ट्री की आवाज कहा जाता है.

Micro, Small and Medium Enterprises (MSME) यानि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों का देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है. इसी योगदान को देखते हुए केंद्र सरकार ने इन उद्योगों की मदद के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय बनाया. यह मंत्रालय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए काम करता है. इन्हें ही एमएसएमई कहा जाता है. एमएसएमई के तहत दो तरह के उद्योग आते हैं एक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और दूसरा सर्विस सेक्टर. इसके तहत उद्योगों को तमाम लाभ दिए जाते हैं. सरकार द्वारा चलाई जा रही किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए उद्योग का एमएसएमई रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है. एमएसएमई कारोबारियों को केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा कई तरह से प्रोत्साहन दिया जा रहा है. उद्यमियों को सरकारी बैंकों के साथ ही प्राइवेट क्षेत्र के बैंक भी कम ब्याज पर बिजनेस लोन प्रदान करते हैं.

Uttar Pradesh Export Promotion Council (UPEPC) रोजगार और उत्पादन की दृष्टि से यूपी का हैंडलूम उद्योग देश में तीसरे स्थान पर है. यूपी देश की तीसरी बड़ी इकोनॉमी वाला प्रदेश है. इसी को देखते हुए उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने, समर्थन देने और सुरक्षा देने के लिए वर्ष 2015 में उत्तर प्रदेश एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की स्थापना की गई. यह परिषद उचित आपूर्तिकर्ताओं को अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों से मिलाती है और उनसे बातचीत कराती है.

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