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गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनने की जरूरत - श्याम नंदन

उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के अध्यक्ष व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री श्याम नंदन ने बाराबंकी के टिकैतनगर के गोशाला का निरीक्षण किया.

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गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम नंदन
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Published : Dec 12, 2019, 5:01 AM IST

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के अध्यक्ष, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री श्याम नंदन ने बुधवार को टिकैतनगर स्थित आदर्श गोशाला का निरीक्षण किया. चेयरमैन जगदीश गुप्ता ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया व गौशाला का भ्रमण करवाया. गोशाला देखकर अध्यक्ष काफी खुश नजर आए और गायों को गुड़ भी खिलाया.

उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के अध्यक्ष से ईटीवी भारत के संवाददाता की खास बातचीत.

गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनने की जरूरत
गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम ने बताया कि जो आवारा गाय घूम रही हैं उनको व्यवस्थित करने के लिए सरकार किसानों को जागरूक कर रही है. अध्यक्ष श्याम ने बताया कि प्रदेश में जो भी गोशाला चल रही हैं उनको आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है. गाय के गोबर का उपयोग कंपोस्ट खाद बनाने के लिए किया जा सकता है और गोमूत्र से फिनायल बनाया जा सकता है.

सरकार दे रही गोशालाओं को मदद
श्याम नंदन ने बताया कि जब तक यह सरकार है. यह गोशालाओं की मदद कर रही है, आगे अगर किसी दूसरे की सरकार आती है तो वह क्या करेगी, इस वजह से गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा.
गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम नंद ने बताया कि जो गाय को लोग दूध निकालते हैं, उसके बाद छुट्टा छोड़ देते हैं, यह पूर्णतया गलत है. लोगों को गाय को पालना चाहिए क्योंकि गाय हमेशा हमें कुछ न कुछ देती है, चाहे वह मूत्र के रूप में हो या गोबर के रूप में.

इसे भी पढ़ें - गायों की देखभाल करने पर कैदियों में कम हुई आपराधिक प्रवृत्ति : भागवत

गोसेवा आयोग के अध्यक्ष ने बताया की नगर निगमों को पत्र लिखा गया है. नगर पंचायत के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर को पत्र लिखा गया है कि श्मशान घाटों पर गाय के गोबर से बने लठ वहां पर भिजवाए जाएं, जिससे गोशालाओं कीआमदनी हो और वह आत्मनिर्भर बन सकें.

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के अध्यक्ष, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री श्याम नंदन ने बुधवार को टिकैतनगर स्थित आदर्श गोशाला का निरीक्षण किया. चेयरमैन जगदीश गुप्ता ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया व गौशाला का भ्रमण करवाया. गोशाला देखकर अध्यक्ष काफी खुश नजर आए और गायों को गुड़ भी खिलाया.

उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के अध्यक्ष से ईटीवी भारत के संवाददाता की खास बातचीत.

गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनने की जरूरत
गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम ने बताया कि जो आवारा गाय घूम रही हैं उनको व्यवस्थित करने के लिए सरकार किसानों को जागरूक कर रही है. अध्यक्ष श्याम ने बताया कि प्रदेश में जो भी गोशाला चल रही हैं उनको आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है. गाय के गोबर का उपयोग कंपोस्ट खाद बनाने के लिए किया जा सकता है और गोमूत्र से फिनायल बनाया जा सकता है.

सरकार दे रही गोशालाओं को मदद
श्याम नंदन ने बताया कि जब तक यह सरकार है. यह गोशालाओं की मदद कर रही है, आगे अगर किसी दूसरे की सरकार आती है तो वह क्या करेगी, इस वजह से गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा.
गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम नंद ने बताया कि जो गाय को लोग दूध निकालते हैं, उसके बाद छुट्टा छोड़ देते हैं, यह पूर्णतया गलत है. लोगों को गाय को पालना चाहिए क्योंकि गाय हमेशा हमें कुछ न कुछ देती है, चाहे वह मूत्र के रूप में हो या गोबर के रूप में.

इसे भी पढ़ें - गायों की देखभाल करने पर कैदियों में कम हुई आपराधिक प्रवृत्ति : भागवत

गोसेवा आयोग के अध्यक्ष ने बताया की नगर निगमों को पत्र लिखा गया है. नगर पंचायत के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर को पत्र लिखा गया है कि श्मशान घाटों पर गाय के गोबर से बने लठ वहां पर भिजवाए जाएं, जिससे गोशालाओं कीआमदनी हो और वह आत्मनिर्भर बन सकें.

Intro:बाराबंकी .उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री श्याम नंद जी आज टिकैतनगर आदर्श गौशाला देखने आए जहां पर चेयरमैन जगदीश गुप्ता ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया व गौशाला का भ्रमण कराया गौशाला देखकर अध्यक्ष काफी खुश नजर आए और गायों को गुड़ भी खिलाया।


वहीं पर आज ईटीवी संवाददाता से गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री श्री श्याम नंद जी ने बात की.


Body:गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम जी ने बताया कि जो छुट्टा गाय घूम रही हैं उनको व्यवस्थित करने के लिए सरकार ने किसानों को जागरूक कर रही है सरकार अपने माध्यम से डॉक्टरों के माध्यम से और जो इन गायों को लेगा प्रति गाय ₹30 के हिसाब से सरकार उनको देगी।
गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि सरकार भी जो प्रदेश में गौशाला में चल रही हैं उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए जो गाय के गोबर हैं गोबर से कंपोस्ट खाद बनाने के लिए और अन्य भी जैसे साबुन बनाया जा सकता है और गोमूत्र से फिनायल बनाया जा सकता है वह फिनायल स्वास्थ्य विभाग को सप्लाई किया जाएगा जिससे गौशालाओं को आमदनी हो और गौशाला ए आत्मनिर्भर हो सकें क्योंकि आज हमारी सरकार है तो गोशंलाओ को अनुदान दे रही है काल हमारी सरकार नहीं रहेगी तो कोई दूसरी सरकार आएगी तो अनुदान ना दे तो दिक्कत हो जाएगी इसलिए हम लोग गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रहे हैं।

गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम नंद जी ने बताया कि जो गाय को लोग दूध निकालते हैं उसके बाद छुट्टा छोड़ देते हैं पूर्णतया गलत है लोगों को गाय को पालना चाहिए क्योंकि गाय मरते दम तक कुछ न कुछ देती है चाहे वह मूत्र के रूप में हो या गोबर के रूप में गाय से हम लोगों को कुछ न कुछ मिलता है।


Conclusion:गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष ने बताया की नगर निगमों को लिखा गया है नगर पंचायत के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर को लिखा गया है चिट्ठी जारी की गई है कि जो श्मशान घाट हैं श्मशान घाटों पर जो गाय के गोबर से लठ बनाए जाते हैं उनको वहां पर भिजवाया जाए जिससे गौशालाओं को आमदनी हो और वह आत्मनिर्भर बन सकें उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश की गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास कर रही है।


बाइट .उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री श्याम नंद जी.


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