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वैज्ञानिक साक्ष्य इकट्ठा करने में कई जिले निकले फिसड्डी, बाराबंकी जिले को मिला शील्ड - विधि विज्ञान प्रयोगशाला

उत्तर प्रदेश के बारांबकी में विधि विज्ञान प्रयोगशाला की तीन दिन से हो रही प्रतियोगिता का शुक्रवार को समापन हुआ. प्रतियोगिता के माध्यम से विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अधिकारी पुलिसकर्मियों को वैज्ञानिक साक्ष्य की अहमियत से अपडेट करने के लिए एसी प्रतियोगिता कराते हैं.

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वैज्ञानिक साक्ष्यों की अहमियत पर प्रतियोगिता
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Published : Nov 30, 2019, 10:03 AM IST

बाराबंकी: यूपी पुलिस वैज्ञानिक साक्ष्य इकट्ठा करने में कितने पारंगत है. इसी को परखने के लिए तीन दिवसीय प्रतियोगिता चलाई जा रही थी, जिसका समापन शुक्रवार को हुआ. समापन मौके पर पहुंचे एडिशनल एसपी ने विजयी पुलिसकर्मियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया. प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा अंक हासिल करने पर जिले को शील्ड दिया गया.

वैज्ञानिक साक्ष्यों की अहमियत पर प्रतियोगिता.

वैज्ञानिक साक्ष्यों की अहमियत पर प्रतियोगिता

  • आपराधिक घटनाओं के अनावरण के लिए दिनों दिन वैज्ञानिक साक्ष्यों की अहमियत बढ़ती जा रही है.
  • पुलिसकर्मियों को इन साक्ष्यों को एकत्र करने के लिए समय-समय पर ट्रेनिंग भी दी जाती है.
  • विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अधिकारी इन पुलिसकर्मियों को प्रतियोगिता के जरिये अपडेट करते रहते हैं.
  • मेडिकोलीगल, अंगुली छाप, क्राइम इन्वेस्टिगेशन, घटनास्थल फोटोग्राफी और हुलिया बयान जैसी विधाओं का इम्तेहान लिया गया.

इसे भी पढ़ें-बाराबंकी: स्थानीय कलाकारों का हुनर दिखाएगी फ़िल्म 'डर्टी पॉलिटिक्स'

विधि विज्ञान प्रयोगशाला की ये तीन दिन से हो रही प्रतियोगिता का शुक्रवार को समापन हुआ. प्रतियोगिता में लखनऊ,बाराबंकी, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, सुलतानपुर, अमेठी, सीतापुर और लखीमपुर जिलों के 40 पुलिसकर्मियों ने भाग लिया. कुछ जिले तो फिसड्डी निकले, लेकिन कुछ जिलों का परफार्मेंस बेहतर रहा. ओवरऑल सभी विधाओं में सबसे ज्यादा अंक हासिल करने पर बाराबंकी जिले को शील्ड दी गई.

वैज्ञानिक साक्ष्य वर्तमान समय मे अपराध के अनावरण का अहम हिस्सा है. तमाम अज्ञात मामले होते हैं, जिनका वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर सटीक अनावरण किया जा सकता है. इससे फूल प्रूफ कनविक्शन भी होता है.
- अशोक शर्मा, एडिशनल एसपी

बाराबंकी: यूपी पुलिस वैज्ञानिक साक्ष्य इकट्ठा करने में कितने पारंगत है. इसी को परखने के लिए तीन दिवसीय प्रतियोगिता चलाई जा रही थी, जिसका समापन शुक्रवार को हुआ. समापन मौके पर पहुंचे एडिशनल एसपी ने विजयी पुलिसकर्मियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया. प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा अंक हासिल करने पर जिले को शील्ड दिया गया.

वैज्ञानिक साक्ष्यों की अहमियत पर प्रतियोगिता.

वैज्ञानिक साक्ष्यों की अहमियत पर प्रतियोगिता

  • आपराधिक घटनाओं के अनावरण के लिए दिनों दिन वैज्ञानिक साक्ष्यों की अहमियत बढ़ती जा रही है.
  • पुलिसकर्मियों को इन साक्ष्यों को एकत्र करने के लिए समय-समय पर ट्रेनिंग भी दी जाती है.
  • विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अधिकारी इन पुलिसकर्मियों को प्रतियोगिता के जरिये अपडेट करते रहते हैं.
  • मेडिकोलीगल, अंगुली छाप, क्राइम इन्वेस्टिगेशन, घटनास्थल फोटोग्राफी और हुलिया बयान जैसी विधाओं का इम्तेहान लिया गया.

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विधि विज्ञान प्रयोगशाला की ये तीन दिन से हो रही प्रतियोगिता का शुक्रवार को समापन हुआ. प्रतियोगिता में लखनऊ,बाराबंकी, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, सुलतानपुर, अमेठी, सीतापुर और लखीमपुर जिलों के 40 पुलिसकर्मियों ने भाग लिया. कुछ जिले तो फिसड्डी निकले, लेकिन कुछ जिलों का परफार्मेंस बेहतर रहा. ओवरऑल सभी विधाओं में सबसे ज्यादा अंक हासिल करने पर बाराबंकी जिले को शील्ड दी गई.

वैज्ञानिक साक्ष्य वर्तमान समय मे अपराध के अनावरण का अहम हिस्सा है. तमाम अज्ञात मामले होते हैं, जिनका वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर सटीक अनावरण किया जा सकता है. इससे फूल प्रूफ कनविक्शन भी होता है.
- अशोक शर्मा, एडिशनल एसपी

Intro:बाराबंकी ,29 नवम्बर । वैज्ञानिक साक्ष्य इकट्ठा करने में यूपी पुलिस कितनी पारंगत है इसको परखने के लिए पिछले तीन दिनों से चली आ रही लखनऊ ज़ोन की प्रतियोगिता का शनिवार को समापन हो गया । समापन मौके पर पहुंचे एडिशनल एसपी ने विजयी पुलिसकर्मियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया ।लखनऊ स्थित विधि विज्ञान प्रयोगषाला द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में 8 जिलों के 40 पुलिसकर्मियों ने प्रतिभाग किया । विधि विज्ञान प्रयोगशाला के डिप्टी डायरेक्टर समेत पांच अधिकारियों की देखरेख में सम्पन्न हुई इस प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों की अन्तरज़ोनल प्रतियोगिता अब मुरादाबाद में होगी ।


Body:वीओ- आपराधिक घटनाओं के अनावरण के लिए दिनों दिन वैज्ञानिक साक्ष्यों की अहमियत बढ़ती जा रही है । पुलिसकर्मियों को इन साक्ष्यों को एकत्र करने के लिए समय समय पर ट्रेनिंग भी दी जाती है । यही नही जिलों के फोरेंसिक विभाग भी इस काम को अंजाम देते हैं । समय के साथ तकनीकें बदलती रहती हैं लिहाजा विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अधिकारी इन पुलिसकर्मियों को प्रतियोगिता के जरिये अपडेट करते रहते हैं । उसी कड़ी में बाराबंकी में हुई इस प्रतियोगिता का समापन हो गया । प्रतियोगिता में लखनऊ,बाराबंकी, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, सुल्तानपुर, अमेठी,सीतापुर,और लखीमपुर जिलों के 40 पुलिसकर्मियों ने भाग लिया ।मेडिकोलीगल, अंगुली छाप,क्राइम इन्वेस्टिगेशन, घटनास्थल फोटोग्राफी और हुलिया बयान जैसी विधाओं का इम्तेहान लिया गया । जिसमे कई जिले तो फिसड्डी निकले लेकिन कुछ जिलों का परफार्मेंस बेहतर रहा । ओवरऑल सभी विधाओं में सबसे ज्यादा अंक हासिल करने पर बाराबंकी जिले को शील्ड दी गई । विजयी प्रतिभागियों ने प्रतियोगिता की सराहना करते हुए इसे आवश्यक बताया । इस मौके एडिशनल एसपी ने कहा कि वैज्ञानिक साक्ष्य वर्तमान समय मे अपराध के अनावरण का अहम हिस्सा है । उन्होंने कहा कि तमाम अज्ञात मामले होते हैं जिनका वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर सटीक अनावरण किया जा सकता है और इससे फूल प्रूफ कनविक्शन भी होता है ।
बाईट- दुर्गेश मिश्रा, इंस्पेक्टर बाराबंकी,प्रतियोगी
बाईट- अशोक शर्मा, एडिशनल एसपी बाराबंकी


Conclusion:रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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