बाराबंकी: यूपी पुलिस वैज्ञानिक साक्ष्य इकट्ठा करने में कितने पारंगत है. इसी को परखने के लिए तीन दिवसीय प्रतियोगिता चलाई जा रही थी, जिसका समापन शुक्रवार को हुआ. समापन मौके पर पहुंचे एडिशनल एसपी ने विजयी पुलिसकर्मियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया. प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा अंक हासिल करने पर जिले को शील्ड दिया गया.
वैज्ञानिक साक्ष्यों की अहमियत पर प्रतियोगिता
- आपराधिक घटनाओं के अनावरण के लिए दिनों दिन वैज्ञानिक साक्ष्यों की अहमियत बढ़ती जा रही है.
- पुलिसकर्मियों को इन साक्ष्यों को एकत्र करने के लिए समय-समय पर ट्रेनिंग भी दी जाती है.
- विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अधिकारी इन पुलिसकर्मियों को प्रतियोगिता के जरिये अपडेट करते रहते हैं.
- मेडिकोलीगल, अंगुली छाप, क्राइम इन्वेस्टिगेशन, घटनास्थल फोटोग्राफी और हुलिया बयान जैसी विधाओं का इम्तेहान लिया गया.
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विधि विज्ञान प्रयोगशाला की ये तीन दिन से हो रही प्रतियोगिता का शुक्रवार को समापन हुआ. प्रतियोगिता में लखनऊ,बाराबंकी, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, सुलतानपुर, अमेठी, सीतापुर और लखीमपुर जिलों के 40 पुलिसकर्मियों ने भाग लिया. कुछ जिले तो फिसड्डी निकले, लेकिन कुछ जिलों का परफार्मेंस बेहतर रहा. ओवरऑल सभी विधाओं में सबसे ज्यादा अंक हासिल करने पर बाराबंकी जिले को शील्ड दी गई.
वैज्ञानिक साक्ष्य वर्तमान समय मे अपराध के अनावरण का अहम हिस्सा है. तमाम अज्ञात मामले होते हैं, जिनका वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर सटीक अनावरण किया जा सकता है. इससे फूल प्रूफ कनविक्शन भी होता है.
- अशोक शर्मा, एडिशनल एसपी