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खाद्य पदार्थों की बिक्री करने से पहले लेनी होगी 'फोस्टेक ट्रेनिंग'

फूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने खाद्य संरक्षण और मिलावटी खाद्य पदार्थों को लेकर नया बदलाव किया है. वहीं नये नियम के तहत अब जिले में सभी दुकानदारों, होटल और रेस्टोरेंट संचालकों को लाइसेंस के अलावा फोस्टेक ट्रेनिंग लेना भी अनिवार्य होगा.

खाद्य पदार्थों की बिक्री करने से पहले लेनी होगी 'फास्टैक ट्रेनिंग'
खाद्य पदार्थों की बिक्री करने से पहले लेनी होगी 'फास्टैक ट्रेनिंग'
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Published : Oct 28, 2020, 5:39 PM IST

बाराबंकी: खराब और मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री के चलते भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने दुकानदारों, होटल और रेस्टोरेंट संचालकों को लाइसेंस के अलावा फोस्टेक ट्रेनिंग लेना अनिवार्य कर दिया है. वहीं आने वाले कुछ दिनों में बिना फोस्टेक ट्रेनिंग के दुकानदार खाद्य पदार्थों की बिक्री नहीं कर सकेंगे.

जिले में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन दुकानदारों और खाद्य सामग्री विक्रेताओं को ट्रेनिंग करवा रहा है. एक्सपर्ट ऐसे सभी फूड बिजनेस ऑपरेटर्स को तमाम बारीकियों से अवगत करा रहे हैं. जिले में चरणबद्ध तरीके से दुकानदारों को ट्रेनिंग देकर उन्हें खाद्य पदार्थों की सुरक्षा और संरक्षा के तौर तरीके बताए जा रहे हैं. इंस्टीट्यूट ऑफ ईएचएस स्टडीज बरेली से आये ट्रेनर एसके सूरी इन दुकानदारों को बारीकियां से अवगत करा रहे हैं.

वहीं प्रशिक्षण ले रहे दुकानदारों से जब बातचीत की गई तो उन्होंने इस ट्रेनिंग को बहुत ही उपयोगी बताया. दुकानदारों का कहना है कि इससे न केवल खाद्य पदार्थों के रखरखाव की जानकारी मिली, बल्कि विभाग के नए नियमों की भी जानकारी हुई.

खाद्य अपमिश्रण कानून
अपमिश्रित खाद्य पदार्थों का सेवन कर जनमानस का स्वास्थ्य न बिगड़े, इसके लिए मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर लगाम लगाने के लिए वर्ष 1954 में खाद्य अपमिश्रण निवारक अधिनियम बना. इसके बाद खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 बनाया गया, जिसके तहत हर जिलों में खाद्य एवं औषधि सुरक्षा विभाग की टीम बाजार में मिलावटी सामानों की बिक्री को रोकती है. साथ ही ऐसा कृत्य करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है.

FOSTAC फूड सेफ्टी ट्रेनिंग एंड सर्टिफिकेशन
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम की धारा 16(3) ये प्राविधानित करती है कि ऐसे सभी दुकानदारों, होटल और रेस्टोरेंट संचालकों को ट्रेनिंग देकर उन्हें खाने-पीने की वस्तुओं को बनाने, तैयार करने और पैकिंग करने समेत साफ-सफाई के लिए जागरूक किया जाए. तीन वर्ष पहले भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण यानी FSSAI ने दुकानदारों को ट्रेनिंग लेना अनिवार्य कर दिया था. इसके तहत जो भी दुकानदार खाद्य सामग्री बेचने का लाइसेंस लेगा उसे इसकी ट्रेनिंग लेनी होगी.

कई एजेंसियां हैं FSSAI की ट्रेनिंग पार्टनर
खाद्य सुरक्षा को लेकर दी जा रही ट्रेनिंग के लिए कई एजेंसियां हैं, जो कि विभाग से सम्पर्क में हैं. ये एजेंसियां जिलों में जाकर दुकानदारों को ट्रेंड करती हैं. इसके साथ ही जिला प्रशासन खाद्य सुरक्षा एवं औषधि ट्रेनिंग की व्यवस्था करता है. वहीं ट्रेनिंग के बाद इनको सर्टिफिकेट भी दिया जाता है.

बाराबंकी: खराब और मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री के चलते भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने दुकानदारों, होटल और रेस्टोरेंट संचालकों को लाइसेंस के अलावा फोस्टेक ट्रेनिंग लेना अनिवार्य कर दिया है. वहीं आने वाले कुछ दिनों में बिना फोस्टेक ट्रेनिंग के दुकानदार खाद्य पदार्थों की बिक्री नहीं कर सकेंगे.

जिले में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन दुकानदारों और खाद्य सामग्री विक्रेताओं को ट्रेनिंग करवा रहा है. एक्सपर्ट ऐसे सभी फूड बिजनेस ऑपरेटर्स को तमाम बारीकियों से अवगत करा रहे हैं. जिले में चरणबद्ध तरीके से दुकानदारों को ट्रेनिंग देकर उन्हें खाद्य पदार्थों की सुरक्षा और संरक्षा के तौर तरीके बताए जा रहे हैं. इंस्टीट्यूट ऑफ ईएचएस स्टडीज बरेली से आये ट्रेनर एसके सूरी इन दुकानदारों को बारीकियां से अवगत करा रहे हैं.

वहीं प्रशिक्षण ले रहे दुकानदारों से जब बातचीत की गई तो उन्होंने इस ट्रेनिंग को बहुत ही उपयोगी बताया. दुकानदारों का कहना है कि इससे न केवल खाद्य पदार्थों के रखरखाव की जानकारी मिली, बल्कि विभाग के नए नियमों की भी जानकारी हुई.

खाद्य अपमिश्रण कानून
अपमिश्रित खाद्य पदार्थों का सेवन कर जनमानस का स्वास्थ्य न बिगड़े, इसके लिए मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर लगाम लगाने के लिए वर्ष 1954 में खाद्य अपमिश्रण निवारक अधिनियम बना. इसके बाद खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 बनाया गया, जिसके तहत हर जिलों में खाद्य एवं औषधि सुरक्षा विभाग की टीम बाजार में मिलावटी सामानों की बिक्री को रोकती है. साथ ही ऐसा कृत्य करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है.

FOSTAC फूड सेफ्टी ट्रेनिंग एंड सर्टिफिकेशन
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम की धारा 16(3) ये प्राविधानित करती है कि ऐसे सभी दुकानदारों, होटल और रेस्टोरेंट संचालकों को ट्रेनिंग देकर उन्हें खाने-पीने की वस्तुओं को बनाने, तैयार करने और पैकिंग करने समेत साफ-सफाई के लिए जागरूक किया जाए. तीन वर्ष पहले भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण यानी FSSAI ने दुकानदारों को ट्रेनिंग लेना अनिवार्य कर दिया था. इसके तहत जो भी दुकानदार खाद्य सामग्री बेचने का लाइसेंस लेगा उसे इसकी ट्रेनिंग लेनी होगी.

कई एजेंसियां हैं FSSAI की ट्रेनिंग पार्टनर
खाद्य सुरक्षा को लेकर दी जा रही ट्रेनिंग के लिए कई एजेंसियां हैं, जो कि विभाग से सम्पर्क में हैं. ये एजेंसियां जिलों में जाकर दुकानदारों को ट्रेंड करती हैं. इसके साथ ही जिला प्रशासन खाद्य सुरक्षा एवं औषधि ट्रेनिंग की व्यवस्था करता है. वहीं ट्रेनिंग के बाद इनको सर्टिफिकेट भी दिया जाता है.

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