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बाराबंकी: कोरोना संकट के चलते हुए नुकसान की भरपाई करने में जुटा वन विभाग - barabanki latest update

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन के दौरान कुछ छूट मिलने के बाद बाराबंकी का वन विभाग लॉकडाउन के दौरान हुए नुकसान की भरपाई में जुट गया है.

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वन विभाग कार्यालय बाराबंकी
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Published : Apr 21, 2020, 12:40 AM IST

Updated : May 24, 2020, 2:26 PM IST

बाराबंकी: कोरोना संकट का वन विभाग पर भी खासा असर पड़ा है. लॉकडाउन के चलते मजदूरों के न मिल पाने से आगामी वृहद वृक्षारोपण अभियान के लिए तैयार किए जा रहे पौधों पर इसका खासा असर हुआ है. सिंचाई, निराई और गुड़ाई ना हो पाने से सरकारी नर्सरियों और पौधशालाओं के पौधों की वृद्धि रुक गई है और वे सूखने लगे हैं.

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वन विभाग की नर्सरी

सामान्य स्थिति में इस समय जहां इन पौधों की लंबाई एक फीट से ज्यादा हो गई होती वहीं देखरेख के अभाव के चलते महज 6-7 इंच तक ही बढ़ सकें हैं. अब जब सोमवार से कार्यालय खुले तो एक बार फिर से विभाग इन पौधों को खाद पानी देकर इन्हें वृक्षारोपण अभियान तक तैयार करने में जुट गया है.

हर वर्ष जुलाई-अगस्त माह में चलने वाले वृक्षारोपण अभियान के तहत इस बार बाराबंकी जिले को 46 लाख 2 हजार 670 पौधे लगाने का लक्ष्य मिला है. जिले में वन विभाग की 39 नर्सरी और 44 पौधशालाऐं हैं. लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभाग ने पौधे तैयार कर लिए थे. लेकिन अचानक आई कोरोना महामारी ने विभाग की मंशा पर पानी फेर दिया.

लॉक डाउन के चलते विभाग को मजदूर मिलने बंद हो गए. लिहाजा पौधों की देखरेख भी बंद हो गई. जिससे इन पौधों की समुचित सिंचाई, निराई और गोड़ाई नहीं हुई. जिसका नतीजा यह हुआ कि इन पौधों की वृद्धि रुक गई और ये सूखने लगे. प्रभागीय वनाधिकारी एनके सिंह के मुताबिक सामान्य दिनों में अब तक इन पौधों की लंबाई एक फीट से ज्यादा हो गई होती लेकिन अब तक ये महज 6-7 इंच तक ही बढ़ सके हैं.

सोमवार से जिले के कार्यालय खुलने शुरू हुए तो विभागीय अधिकारियों ने वृक्षारोपण को लेकर कवायद शुरू कर दी. संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर फिर से इन पौधों को लेकर चिंता शुरू हो गई. प्रभागीय अधिकारी ने बताया कि अब मजदूर मिलने लगे हैं, लिहाजा इन पौधों की सिंचाई निराई और समुचित उर्वरक का प्रयोग कर इन्हें वृक्षारोपण तक तैयार कर लिया जाएगा.

बाराबंकी: कोरोना संकट का वन विभाग पर भी खासा असर पड़ा है. लॉकडाउन के चलते मजदूरों के न मिल पाने से आगामी वृहद वृक्षारोपण अभियान के लिए तैयार किए जा रहे पौधों पर इसका खासा असर हुआ है. सिंचाई, निराई और गुड़ाई ना हो पाने से सरकारी नर्सरियों और पौधशालाओं के पौधों की वृद्धि रुक गई है और वे सूखने लगे हैं.

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वन विभाग की नर्सरी

सामान्य स्थिति में इस समय जहां इन पौधों की लंबाई एक फीट से ज्यादा हो गई होती वहीं देखरेख के अभाव के चलते महज 6-7 इंच तक ही बढ़ सकें हैं. अब जब सोमवार से कार्यालय खुले तो एक बार फिर से विभाग इन पौधों को खाद पानी देकर इन्हें वृक्षारोपण अभियान तक तैयार करने में जुट गया है.

हर वर्ष जुलाई-अगस्त माह में चलने वाले वृक्षारोपण अभियान के तहत इस बार बाराबंकी जिले को 46 लाख 2 हजार 670 पौधे लगाने का लक्ष्य मिला है. जिले में वन विभाग की 39 नर्सरी और 44 पौधशालाऐं हैं. लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभाग ने पौधे तैयार कर लिए थे. लेकिन अचानक आई कोरोना महामारी ने विभाग की मंशा पर पानी फेर दिया.

लॉक डाउन के चलते विभाग को मजदूर मिलने बंद हो गए. लिहाजा पौधों की देखरेख भी बंद हो गई. जिससे इन पौधों की समुचित सिंचाई, निराई और गोड़ाई नहीं हुई. जिसका नतीजा यह हुआ कि इन पौधों की वृद्धि रुक गई और ये सूखने लगे. प्रभागीय वनाधिकारी एनके सिंह के मुताबिक सामान्य दिनों में अब तक इन पौधों की लंबाई एक फीट से ज्यादा हो गई होती लेकिन अब तक ये महज 6-7 इंच तक ही बढ़ सके हैं.

सोमवार से जिले के कार्यालय खुलने शुरू हुए तो विभागीय अधिकारियों ने वृक्षारोपण को लेकर कवायद शुरू कर दी. संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर फिर से इन पौधों को लेकर चिंता शुरू हो गई. प्रभागीय अधिकारी ने बताया कि अब मजदूर मिलने लगे हैं, लिहाजा इन पौधों की सिंचाई निराई और समुचित उर्वरक का प्रयोग कर इन्हें वृक्षारोपण तक तैयार कर लिया जाएगा.

Last Updated : May 24, 2020, 2:26 PM IST
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