बाराबंकी: जिले में लगातार घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. तटवर्ती इलाकों में घाघरा नदी कहर बनकर आई है. घाघरा नदी की कटान ने घरों और खेतों को अपने साथ बहा लिया. फसल बर्बाद हो जाने से किसान दाने-दाने को मोहताज हैं.
बाढ़ का कहर जारी-
- जिले में इन दिनों बाढ़ का कहर घाघरा नदी के तटवर्ती इलाकों में देखने को मिल रहा है.
- तेलवारी गांव में बाढ़ की वजह से फसलें बर्बाद हो गई हैं.
- कई घर घाघरा में बह गए तो, बचे घरों पर भी कटान का खतरा मंडरा रहा है.
सरकार की कार्यप्रणाली से संतुष्ट-
72 वर्षीय बुजुर्ग रमापति अवस्थी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि यहां से एक किलोमीटर दूर घाघरा नदी बहती थी, लेकिन कटान कहीं घर न बहा ले जाए इसका डर लगा रहता है, क्योंकि उनके घर के थोड़ी ही दूर पर बसे कई घर बह चुके हैं. उन्होंने सरकार से गुहार लगाते हुये कहा कि उन्हें कहीं और बसा दिया जाए. उन्होंने कहा कि वह सरकार की कार्यप्रणाली और व्यवस्था से संतुष्ट हैं, लेकिन अधिकारी बाढ़ पीड़ितों को सही समय पर व्यवस्था उपलब्ध नहीं करा रहे हैं.
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अपर जिलाधिकारी ने दी जानकारी-
अपर जिलाधिकारी संदीप गुप्ता ने कहा कि जो लोग तटीय क्षेत्र में बाढ़ से ज्यादा प्रभावित हैं, उनको बंधे और आसपास शिविरों में रखा गया है. जो लोग बुरी तरीके से प्रभावित हैं, जिनके घर बह गए हैं और जिनके घरों के बह जाने का खतरा है, उन लोगों को सरकार जमीन उपलब्ध कराने की व्यवस्था करेगी. यदि जमीन खरीदना भी पड़ा तो खरीदा जाएगा. गरीब और मजबूर लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें घर भी उपलब्ध कराया जाएगा. नियमों के तहत पात्रता के अनुसार सभी संभव प्रयत्न किए जाएंगे.