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बाराबंकी: घाघरा का कहर जारी, दाने-दाने को मोहताज ग्रामीण - बाराबंकी प्रशासन

यूपी के बाराबंकी के तेलवारी गांव में घाघरा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. बाढ़ से कई घर बह गये और फसलें भी बर्बाद हो गईं. अधिकारियों का कहना है कि जो लोग बाढ़ से ज्यादा प्रभावित हैं, उनको शिविरों में रखा गया है और उनकी मदद की जा रही है.

बाराबंकी में बाढ़ का कहर जारी.
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Published : Sep 25, 2019, 7:29 AM IST

बाराबंकी: जिले में लगातार घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. तटवर्ती इलाकों में घाघरा नदी कहर बनकर आई है. घाघरा नदी की कटान ने घरों और खेतों को अपने साथ बहा लिया. फसल बर्बाद हो जाने से किसान दाने-दाने को मोहताज हैं.

बाराबंकी में बाढ़ का कहर जारी.

बाढ़ का कहर जारी-

  • जिले में इन दिनों बाढ़ का कहर घाघरा नदी के तटवर्ती इलाकों में देखने को मिल रहा है.
  • तेलवारी गांव में बाढ़ की वजह से फसलें बर्बाद हो गई हैं.
  • कई घर घाघरा में बह गए तो, बचे घरों पर भी कटान का खतरा मंडरा रहा है.

सरकार की कार्यप्रणाली से संतुष्ट-
72 वर्षीय बुजुर्ग रमापति अवस्थी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि यहां से एक किलोमीटर दूर घाघरा नदी बहती थी, लेकिन कटान कहीं घर न बहा ले जाए इसका डर लगा रहता है, क्योंकि उनके घर के थोड़ी ही दूर पर बसे कई घर बह चुके हैं. उन्होंने सरकार से गुहार लगाते हुये कहा कि उन्हें कहीं और बसा दिया जाए. उन्होंने कहा कि वह सरकार की कार्यप्रणाली और व्यवस्था से संतुष्ट हैं, लेकिन अधिकारी बाढ़ पीड़ितों को सही समय पर व्यवस्था उपलब्ध नहीं करा रहे हैं.

पढ़ें:- प्रयागराज: बाढ़ पीड़ितों के लिए लोगों ने बढ़ाया मदद का हाथ, बांटे भोजन-वस्त्र

अपर जिलाधिकारी ने दी जानकारी-
अपर जिलाधिकारी संदीप गुप्ता ने कहा कि जो लोग तटीय क्षेत्र में बाढ़ से ज्यादा प्रभावित हैं, उनको बंधे और आसपास शिविरों में रखा गया है. जो लोग बुरी तरीके से प्रभावित हैं, जिनके घर बह गए हैं और जिनके घरों के बह जाने का खतरा है, उन लोगों को सरकार जमीन उपलब्ध कराने की व्यवस्था करेगी. यदि जमीन खरीदना भी पड़ा तो खरीदा जाएगा. गरीब और मजबूर लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें घर भी उपलब्ध कराया जाएगा. नियमों के तहत पात्रता के अनुसार सभी संभव प्रयत्न किए जाएंगे.

बाराबंकी: जिले में लगातार घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. तटवर्ती इलाकों में घाघरा नदी कहर बनकर आई है. घाघरा नदी की कटान ने घरों और खेतों को अपने साथ बहा लिया. फसल बर्बाद हो जाने से किसान दाने-दाने को मोहताज हैं.

बाराबंकी में बाढ़ का कहर जारी.

बाढ़ का कहर जारी-

  • जिले में इन दिनों बाढ़ का कहर घाघरा नदी के तटवर्ती इलाकों में देखने को मिल रहा है.
  • तेलवारी गांव में बाढ़ की वजह से फसलें बर्बाद हो गई हैं.
  • कई घर घाघरा में बह गए तो, बचे घरों पर भी कटान का खतरा मंडरा रहा है.

सरकार की कार्यप्रणाली से संतुष्ट-
72 वर्षीय बुजुर्ग रमापति अवस्थी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि यहां से एक किलोमीटर दूर घाघरा नदी बहती थी, लेकिन कटान कहीं घर न बहा ले जाए इसका डर लगा रहता है, क्योंकि उनके घर के थोड़ी ही दूर पर बसे कई घर बह चुके हैं. उन्होंने सरकार से गुहार लगाते हुये कहा कि उन्हें कहीं और बसा दिया जाए. उन्होंने कहा कि वह सरकार की कार्यप्रणाली और व्यवस्था से संतुष्ट हैं, लेकिन अधिकारी बाढ़ पीड़ितों को सही समय पर व्यवस्था उपलब्ध नहीं करा रहे हैं.

पढ़ें:- प्रयागराज: बाढ़ पीड़ितों के लिए लोगों ने बढ़ाया मदद का हाथ, बांटे भोजन-वस्त्र

अपर जिलाधिकारी ने दी जानकारी-
अपर जिलाधिकारी संदीप गुप्ता ने कहा कि जो लोग तटीय क्षेत्र में बाढ़ से ज्यादा प्रभावित हैं, उनको बंधे और आसपास शिविरों में रखा गया है. जो लोग बुरी तरीके से प्रभावित हैं, जिनके घर बह गए हैं और जिनके घरों के बह जाने का खतरा है, उन लोगों को सरकार जमीन उपलब्ध कराने की व्यवस्था करेगी. यदि जमीन खरीदना भी पड़ा तो खरीदा जाएगा. गरीब और मजबूर लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें घर भी उपलब्ध कराया जाएगा. नियमों के तहत पात्रता के अनुसार सभी संभव प्रयत्न किए जाएंगे.

Intro:बाराबंकी, 24 सितंबर। जिले में इन दिनों बाढ़ घाघरा नदी के तटवर्ती इलाकों में कहर बनकर आई है. घाघरा नदी की कटान ने जहां घरों और खेतों को अपने साथ बहा लिया ,वहीं पानी लगने से तटीय इलाकों में स्कूल भी बंद हो गए ,और धान की खेती पूरी तरीके से समाप्त हो गई. जिन किसानों के खेत तटीय क्षेत्रों से सटे हुए थे वह घाघरा में बह गए. खेती बह जाने से किसान दाने-दाने को मोहताज है. बुजुर्ग लाचारी में सरकारी राशन की राह देख रहे हैं. सरकार भी राशन समय पर नहीं पहुंचा रही तो ,बच्चों को मजदूरी करके राशन लाना पड़ रहा है. तेलवारी गांव के 72 वर्ष के बुजुर्ग रमापति अवस्थी कह रहे हैं ,"अब तो कहीं और बसा दो सरकार" .


Body:बाराबंकी जिले में इन दिनों बाढ़ का कहर घाघरा नदी के तटवर्ती इलाकों में भयानक रूप से देखने को मिल रहा है.तेलवारी गांव के 98 घरों का यह हाल है कि कोई भी घर बचा नहीं ,जिसकी फसलें बर्बाद ना हो गई हो . कई घर घाघरा में बह गए तो ,बचे घरों पर भी कटान का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में सभी कह रहे हैं ,अब तो कहीं और बसा दीजिए सरकार. घाघरा की कटान और बाढ़ से अब भी 28 गांव बुरी तरह से प्रभावित है.
72 वर्ष के बुजुर्ग रमापति अवस्थी से जब ईटीवी भारत ने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि , यहां से 1 किलोमीटर दूर घाघरा नदी बहती थी. लेकिन इस बार घर के इतने करीब आ गई है कि रात को हम सोए तो डर लगता है कि, कटान कहीं घर न बहा ले जाए. क्योंकि उनके घर के थोड़ी ही दूर पर कई घर बह चुके हैं, और अब उन्हें भी ऐसा ही लग रहा है कि , उनका घर भी नहीं बचेगा.
लाचार बुजुर्ग कह रहे हैं कि जब तक व्यवस्था कुछ नहीं हो जाती तो जाएं तो कहां जाएं . इसलिए सरकार से गुहार कर रहे हैं कि उन्हें कहीं और बसा दिया जाए.
योगी और मोदी की सरकार से कह रहे हैं कि , उनको बसाने का प्रबंध किया जाए.
बुजुर्ग का कहना है कि वह सरकार की कार्यप्रणाली और व्यवस्था से संतुष्ट हैं , लेकिन अधिकारी बाढ़ पीड़ितों को सही समय पर व्यवस्था उपलब्ध नहीं करा रहे हैं.

वहीं जिले के अपर जिला अधिकारी संदीप गुप्ता का कहना है कि ,अभी जो लोग तटीय क्षेत्र में बाढ़ से ज्यादा प्रभावित है उनको बंधे और आसपास शिविरों में रखा गया है. आने वाले दिनों में इस योजना पर प्रभावी रूप से कार्य कर रहे हैं कि, जो लोग बुरी तरीके से प्रभावित हैं, और जिनके घर के बह गए हैं और जिनके घरों के बह जाने का खतरा है ,उन लोगों को सरकार जमीन उपलब्ध कराकर व्यवस्था करेगी. यदि जमीन खरीदना भी पड़ा तो खरीदा जाएगा. गरीब और मजबूर लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें घर भी उपलब्ध कराया जाएगा. नियमों के तहत पात्रता के अनुसार सभी संभव प्रयत्न किए जाएंगे.



Conclusion:कुल मिलाकर जिस स्थिति में घाघरा नदी के किनारे बसे हुए लोग, जीवन यापन करने को मजबूर है वह भयावह है. यदि समय रहते इन लोगों को राहत सामग्री ठीक तरीके से नहीं पहुंचाई गई तो, तमाम बीमारियों और भुखमरी की भी समस्या हो सकती है. ऐसे में प्रशासन को लगातार पीड़ितों से संपर्क रखने की जरूरत है. निकट भविष्य में बाढ़ से बचने के लिए स्थाई निदान के ऊपर फोकस करने की जरूरत है.


bite -

1- रमापति अवस्थी, बाढ़ पीड़ित , तेलवारी गांव ,बाराबंकी


2- संदीप गुप्ता, अपर जिलाधिकारी , बाराबंकी



रिपोर्ट-  आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर बाराबंकी, 96284 76907
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