बाराबंकीः जिले में झोलाछाप द्वारा फर्जी ढंग से कोविड वैक्सीन लगाने का खुलासा हुआ है. झोलाछाप ग्रामीणों से 125 रुपये लेकर वैक्सीन लगा रहा था. जानकारी मिलने पर छापा मारकर स्वास्थ्य विभाग और पुलिस टीम ने झोलाछाप को गिरफ्तार कर लिया है. झोलाछाप के पास से सरकारी सिरिंज और कोविशील्ड वैक्सीन का एक वायल बरामद हुआ है. पुलिस ने इस मामले में संलिप्त तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
सतरिख सीएचसी प्रभारी डॉ. सुनील जायसवाल को सूचना मिली थी कि हरख ब्लॉक के गोछौरा गांव में 3 दिनों से झोलाछाप डॉक्टर 125 रुपये लेकर ग्रामीणों कोविड वैक्सीन लगाता है. यही नहीं टीका लगवाने वालों को प्रमाणपत्र भी देता है. इसकी जानकारी डॉ. सुनील ने आनन-फानन में उच्चाधिकारियों को दी. इस सूचना पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कम्प मच गया.
इसके बाद गुरुवार को दोपहर बाद एसीएमओ डॉ. राजीव सिंह, सीएचसी प्रभारी डॉ. सुनील जायसवाल और जैदपुर कोतवाल की टीम ने गोछौरा गांव में छापेमारी की. इस दौरान रहीमाबाद निवासी युवक ने बताया कि उसने थोड़ी देर पहले महरूपुर निवासी बृजेन्द्र कुमार से टीका लगवाया है. इसके बाद टीम ने गोछौरा गांव में एक क्लिनिक से बृजेन्द्र कुमार को दबोच लिया. टीम ने बृजेन्द्र के पास से वैक्सीन का एक कोविशील्ड वायल, कुछ सिरिंज और कुछ कार्ड बरामद किये जो सरकारी थे. वायल में 7 लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी थी.
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टीम ने जब सख्ती की तो बृजेन्द्र ने बताया कि उसे ये वायल लखनऊ निवासी संदीप ने उपलब्ध कराई थी. संदीप कुमार बाराबंकी जिला अस्पताल में सीएचओ पद पर तैनात है. बृजेन्द्र जिस क्लिनिक पर लोगों को टीका लगा रहा था वह डॉक्टर पद्मेश मिश्र का क्लिनिक था. डॉ पद्मेश की अनुपस्थिति में बृजेन्द्र ही अस्पताल का संचालन कर रहा था. पुलिस ने गुरुवार देर रात संदीप को भी गिरफ्तार कर लिया. आरोपी संदीप ने बताया कि जिला अस्पताल में तैनात होने के चलते वहां से कोविड वैक्सीन के वायल चोरी कर लेता था और बृजेन्द्र को देता था. बृजेन्द्र ग्रामीणों से 125-125 रुपये लेकर उनको टीका लगाता था. सतरिख सीएचसी प्रभारी की तहरीर पर जैदपुर थाने में बृजेन्द्र, संदीप और डॉ. पद्मेश मिश्र के खिलाफ कई धाराओं और महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.