बाराबंकी: जिले के छोटे से गांव मंडेला के रहने वाले भारतीय सेना के जवान कुलदीप सिंह सियाचिन ग्लेशियर से ड्यूटी करके अपने गांव वापस आए हैं. ईटीवी भारत ने जवान कुलदीप सिंह ने खास बातचीत की. कुलदीप सिंह ने बातचीत में ईटीवी भारत ने जाना कि कैसे इतनी ऊंची चोटी पर जवान रहते हैं और किन-किन परिस्थितियों का सामना करते हैं.
जम-जाते हैं खाने-पीने के सामान
सियाचिन ग्लेशियर पर ड्यूटी करके आए जवान कुलदीप सिंह ने बताया कि सियाचिन ग्लेशियर पर डाइजेशन नहीं है. वहां पर हीमोग्लोबिन बढ़ जाता है और जो खाने-पीने के लिए सामान जाता है, वह जम जाता है. उसको पहले गर्म करना पड़ता है, तब जाकर वह सामान खाने लायक होता है.
जवान ने बताई ओपी बाबा की कहानी
जवान कुलदीप सिंह ने बताया कि वहां पर ओम प्रकाश बाबा, जिनको शहीद हुए कई वर्ष हो गए हैं, लेकिन आज भी हमारे देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं. हर 25 तारीख को ओपी बाबा ऊपर से नीचे आते हैं. हर पोस्ट पर दो सैनिकों की उस दिन तैनाती कर दी जाती है. 26 तारीख को बाबा के नाम से सेना के कैंप में भंडारा होता है. भंडारा के बाद ओपी बाबा फिर ऊपर अपने कैंप में जाते हैं.
सीमा की सुरक्षा करते हैं ओपी बाबा
जवान कुलदीप सिंह ने बताया कि आज भी सियाचिन ग्लेशियर में जवान ओपी बाबा को मानते हैं. सभी का मानना है कि आज भी ओपी बाबा इस सीमा की सुरक्षा करते हैं, क्योंकि कोई भी घटना होने वाली होती है तो ओपी बाबा सपने में आकर के उस घटना के बारे में आगाह कर देते हैं. जवान कुलदीप सिंह ने कहा कि ओपी बाबा को शहीद हुए कई वर्ष हो गए हैं, लेकिन आज भी वह अपनी ड्यूटी सियाचिन ग्लेशियर में कर रहे हैं. सरकार उनको वह सारी सुविधाएं मुहैया कराती है, जो एक सैनिकों को मिलती है.
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सभी देशवासियों को सेना में जाना चाहिए और देश की रक्षा के लिए वह सब करना चाहिए, जिससे देश हमारा सुरक्षित रहे.
-कुलदीप सिंह, सेना के जवान