बाराबंकी: जिले में सोमवार को हर तहसील में एसडीएम और कृषि विभाग के एक अधिकारी की संयुक्त टीम ने 21 दुकानों का औचक निरीक्षण किया. अचानक पहुंची टीम से दुकानदारों में हड़कम्प मच गया. इस दौरान जांच में हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है. दरअसल इन दुकानदारों ने एक ही व्यक्ति को 200 से ज्यादा बोरियां बेच दीं. अधिकारियों ने जब इसकी वजह पूछी तो न तो वे कोई जवाब नहीं दे सके और न ही अभिलेख प्रस्तुत कर सके. लिहाजा दुकानों को सील कर दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
बाराबंकी जिले में यूरिया खाद के लिए हाहाकार मचा है. लगातार यूरिया की रैक आने के बावजूद सहकारी समितियों और इफको केंद्रों पर जबरदस्त भीड़ लग रही है. निजी दुकानदार महंगे दामों पर खाद बेच रहे हैं, जिसके चलते किसान भीड़ लगाने को मजबूर हैं. भारत सरकार में बैठे अधिकारियों ने ऑनलाइन फर्टीलाइजर मॉनिटरिंग सिस्टम के जरिये जब खाद की क्राइसिस की एनालिसिस शुरू की तो पता चला कि तमाम दुकानदारों ने एक ही व्यक्ति को 200 से ज्यादा बोरियां खाद दे दीं.
अधिकारियों को इस सिस्टम से पता चला कि 200 से ज्यादा बोरियां एक ही व्यक्ति को देने वाले ऐसे 21 दुकानदार हैं, जिसके बाद टीम बनाकर इनके वेरिफिकेशन के आदेश दिए गए. सोमवार को जिले की सभी तहसीलों में एक साथ ऐसे दुकानदारों के यहां छापेमारी की गई. नवाबगंज तहसील में देवां के पावैयाबाद में इफको ई-बाजार पर हुई छापेमारी में प्रतिष्ठान पर 1618 बोरी एनपीके और 563 बोरी डीएपी मिली लेकिन यूरिया की एक भी बोरी नहीं पाई गई.
ऑनलाइन फर्टिलाइजर मॉनिटरिंग सिस्टम में विक्रेता द्वारा एक ही कृषक को 6 जून से 3 जुलाई के बीच 239 बोरी यूरिया देने का रिकार्ड मिला. यही नहीं पीओएस मशीन के माध्यम से खाद के वितरण का डेटा नहीं मिल सका, जिसके बाद दुकान को सील कर दिया गया. इसी तरह रामनगर तहसील में सूरतगंज और दतौली की दुकानों में भी एक ही व्यक्ति को 200 से ज्यादा खाद दे दी गई. इसी तरह फतेहपुर, रामसनेही घाट, हैदरगढ़ और सिरौली गौसपुर तहसीलों में हुई छापेमारी में भी कई दुकानों में भारी अनियमितता मिली. दुकानदार न तो पीओएस मशीन से वितरण का ब्यौरा दिखा सके और न ही कोई अभिलेख.