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बाराबंकी में कोरोना के बीच डेंगू की मार, मरीजों की बढ़ रही संख्या

बाराबंकी जिले में अब कोरोना महामारी के बीच डेंगू भी अपना असर दिखाने लगा है. अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है.

अस्पताल में बढ़ी डेंगू मरीजों की संख्या.
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Published : Nov 4, 2020, 11:42 AM IST

बाराबंकी : मौसम के बदलाव के साथ ही कोरोना के बीच डेंगू ने भी अपने पांव पसारना शुरू कर दिया है. जिला अस्पताल में रोजाना बुखार पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है. जिला प्रशासन डेंगू मरीजों को लेकर खासा सतर्क है. डेंगू मरीजों की भर्ती के लिए जिला अस्पताल में एक विशेष वार्ड बनाया गया है. ओपीडी में आने वाले मरीजों की कोविड के साथ-साथ डेंगू की भी स्क्रीनिंग की जा रही है. यहां लक्षण पाए जाने पर पैथालॉजी में उपलब्ध किट से जांच कराई जाती है. लेकिन एलाइजा टेस्ट न हो पाने से दिक्कत हो रही है.

स्वास्थ्य विभाग एलाइजा टेस्ट को ही प्रमाणिक मानता है. जिला अस्पताल में मौजूद किट से की गई जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर सैम्पल फिर एलाइजा टेस्ट के लिए लखनऊ भेजा जाता है.

कोरोना संकट के बीच डेंगू की दस्तक ने प्रशासन की मुसीबत बढ़ा दी है. हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि चार वर्ष पूर्व जो डेंगू की ग्रेविटी थी, इस बार उतनी नहीं है. जिला अस्पताल में लगातार बुखार पीड़ित मरीजों का आना लगा है. ओपीडी में आये मरीजों की कोविड के साथ-साथ डेंगू की भी स्क्रीनिंग की जा रही है. अस्पताल प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है. यहां एक्सपर्ट फिजिशियन की तैनाती की गई है. साथ ही एक स्पेशल वार्ड भी बनाया गया है. चिकित्सकों का मानना है कि इन दिनों मरीजों की संख्या बढ़ गई है. एक-एक फिजिशियन औसतन रोजाना 100 से 150 मरीज देख रहे हैं. इसमें दो तीन मरीज डेंगू के भी मिल रहे हैं. सीएमएस ने मरीजों को इलाज के साथ मच्छरों से बचने और सतर्कता बरतने की सलाह दी है.

बाराबंकी : मौसम के बदलाव के साथ ही कोरोना के बीच डेंगू ने भी अपने पांव पसारना शुरू कर दिया है. जिला अस्पताल में रोजाना बुखार पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है. जिला प्रशासन डेंगू मरीजों को लेकर खासा सतर्क है. डेंगू मरीजों की भर्ती के लिए जिला अस्पताल में एक विशेष वार्ड बनाया गया है. ओपीडी में आने वाले मरीजों की कोविड के साथ-साथ डेंगू की भी स्क्रीनिंग की जा रही है. यहां लक्षण पाए जाने पर पैथालॉजी में उपलब्ध किट से जांच कराई जाती है. लेकिन एलाइजा टेस्ट न हो पाने से दिक्कत हो रही है.

स्वास्थ्य विभाग एलाइजा टेस्ट को ही प्रमाणिक मानता है. जिला अस्पताल में मौजूद किट से की गई जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर सैम्पल फिर एलाइजा टेस्ट के लिए लखनऊ भेजा जाता है.

कोरोना संकट के बीच डेंगू की दस्तक ने प्रशासन की मुसीबत बढ़ा दी है. हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि चार वर्ष पूर्व जो डेंगू की ग्रेविटी थी, इस बार उतनी नहीं है. जिला अस्पताल में लगातार बुखार पीड़ित मरीजों का आना लगा है. ओपीडी में आये मरीजों की कोविड के साथ-साथ डेंगू की भी स्क्रीनिंग की जा रही है. अस्पताल प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है. यहां एक्सपर्ट फिजिशियन की तैनाती की गई है. साथ ही एक स्पेशल वार्ड भी बनाया गया है. चिकित्सकों का मानना है कि इन दिनों मरीजों की संख्या बढ़ गई है. एक-एक फिजिशियन औसतन रोजाना 100 से 150 मरीज देख रहे हैं. इसमें दो तीन मरीज डेंगू के भी मिल रहे हैं. सीएमएस ने मरीजों को इलाज के साथ मच्छरों से बचने और सतर्कता बरतने की सलाह दी है.

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