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अब 3 करोड़ लोगों को मिल सकेगा आयुष्मान भारत योजना का लाभ

यूपी के स्वास्थ्य मंत्री ने भारत सरकार से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत बनाये गए राशन कार्ड के लाभार्थियों को आयुष्मान भारत योजना में शामिल किये जाने की मांग की है. तमाम गरीबों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था. कई स्थान तो ऐसे भी हैं, जहां एक भी आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाया है.

आयुष्मान भारत योजना
आयुष्मान भारत योजना
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Published : Dec 30, 2020, 5:59 PM IST

बाराबंकी: जल्द ही पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना का लाभ सभी पात्र गृहस्थी के लाभार्थियों को मिल सकेगा. सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ने भारत सरकार से मांग की है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत बनाये गए राशन कार्ड के लाभार्थियों को इस योजना में शामिल किया जाए. दरअसल अभी तक आर्थिक आधार पर वर्ष 2011 में तैयार की गई सूची और सरकार द्वारा तय किये गए मानकों को पूरा करने वालों को ही इस योजना का लाभ दिया जा रहा था. जिससे तमाम गरीबों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था. कई स्थान तो ऐसे भी हैं जहां एक भी आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाया है.

जानकारी देते स्वास्थ्य मंत्री

क्या है आयुष्मान भारत योजना

आर्थिक रूप से कमजोर होने के चलते तमाम लोग समुचित ढंग से अपना इलाज नहीं करा पाते हैं और बीमारी से जूझते रहते हैं. ऐसे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य मिल सके इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने अप्रैल 2018 में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनने थे. इस कार्ड के जरिये आयुष्मान योजना के तहत चुने गए देश के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में कार्ड धारक लाभार्थी पांच लाख रुपये तक अपना इलाज निशुल्क करा सकते हैं.

किन लोगों को नहीं जारी होगा कार्ड

ऐसे लोग जिनके पास दोपहिया और चार पहिया वाहन हैं. ऐसे परिवार जिनके पास खेती के लिए उचित यंत्रीकृत उपकरण हैं. भारत सरकार के अधीन कर्मचारी, जिनके पास लैंडलाइन और रेफ्रिजरेटर की सुविधाएं हैं, जिनके पास न्यूनतम 5 एकड़ की कृषि भूमि है.

इन गम्भीर बीमारियों का भी इलाज

इस योजना में जिनके पास आयुष्मान कार्ड हैं, उनकी मेडिकल जांच, ऑपरेशन, इलाज, दवा का खर्च इसके तहत कवर होता है. नवजात और बच्चों का इलाज, कैंसर, टीबी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, हार्ट बाईपास सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, दांतों की सर्जरी, आंखों की सर्जरी, सीटी स्कैन, दिल की बीमारी, किडनी, नाक और गले से संबंधित बीमारियां शामिल हैं.

क्या है समस्या

दरअसल वर्ष 2011 में की गई सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना के डेटाबेस में जिन व्यक्तियों के नाम मौजूद हैं, वह खुद-ब-खुद आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पात्र हैं. उन्हें ही इस योजना का लाभ मिलता है. वर्ष 2011 में तैयार की गई सूची में तमाम गरीबों का नाम नहीं है और तमाम धनी लोगों का नाम दर्ज हो गया है. आर्थिक रूप से कमजोर गरीबों का नाम इस सूची में न होने से वे पीएम मोदी की इस आयुष्मान योजना से वंचित हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए सूबे की सरकार ने पीएम मोदी से मांग की है कि पात्र गृहस्थी के लोगों को इसमें शामिल कर लिया जाय.

वर्तमान लाभार्थियों की संख्या
वर्तमान समय में आयुष्मान भारत के एक करोड़ 18 लाख लाभार्थी प्रदेश में हैं, लेकिन पात्र गृहस्थी के लाभार्थियों को इसमें शामिल कर लिए जाने पर ये संख्या तीन करोड़ हो जाएगी.

बाराबंकी जिले की स्थिति

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लाभार्थी
ग्रामीण- 2,42,777
शहरी- 22,596

कुल- 265373

मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के लाभार्थी

ग्रामीण- 4177
शहरी- 1331

कुल- 5508

कुल लाभार्थी- 270881
अनुमानित लाभार्थी- 13,54,405
जारी गोल्डन कार्ड- 2,60,885
जिले में चयनित अस्पताल- 33 (सरकारी 22, निजी 11)
कुल उपचारित लाभार्थी- 9110

बाराबंकी: जल्द ही पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना का लाभ सभी पात्र गृहस्थी के लाभार्थियों को मिल सकेगा. सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ने भारत सरकार से मांग की है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत बनाये गए राशन कार्ड के लाभार्थियों को इस योजना में शामिल किया जाए. दरअसल अभी तक आर्थिक आधार पर वर्ष 2011 में तैयार की गई सूची और सरकार द्वारा तय किये गए मानकों को पूरा करने वालों को ही इस योजना का लाभ दिया जा रहा था. जिससे तमाम गरीबों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था. कई स्थान तो ऐसे भी हैं जहां एक भी आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाया है.

जानकारी देते स्वास्थ्य मंत्री

क्या है आयुष्मान भारत योजना

आर्थिक रूप से कमजोर होने के चलते तमाम लोग समुचित ढंग से अपना इलाज नहीं करा पाते हैं और बीमारी से जूझते रहते हैं. ऐसे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य मिल सके इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने अप्रैल 2018 में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनने थे. इस कार्ड के जरिये आयुष्मान योजना के तहत चुने गए देश के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में कार्ड धारक लाभार्थी पांच लाख रुपये तक अपना इलाज निशुल्क करा सकते हैं.

किन लोगों को नहीं जारी होगा कार्ड

ऐसे लोग जिनके पास दोपहिया और चार पहिया वाहन हैं. ऐसे परिवार जिनके पास खेती के लिए उचित यंत्रीकृत उपकरण हैं. भारत सरकार के अधीन कर्मचारी, जिनके पास लैंडलाइन और रेफ्रिजरेटर की सुविधाएं हैं, जिनके पास न्यूनतम 5 एकड़ की कृषि भूमि है.

इन गम्भीर बीमारियों का भी इलाज

इस योजना में जिनके पास आयुष्मान कार्ड हैं, उनकी मेडिकल जांच, ऑपरेशन, इलाज, दवा का खर्च इसके तहत कवर होता है. नवजात और बच्चों का इलाज, कैंसर, टीबी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, हार्ट बाईपास सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, दांतों की सर्जरी, आंखों की सर्जरी, सीटी स्कैन, दिल की बीमारी, किडनी, नाक और गले से संबंधित बीमारियां शामिल हैं.

क्या है समस्या

दरअसल वर्ष 2011 में की गई सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना के डेटाबेस में जिन व्यक्तियों के नाम मौजूद हैं, वह खुद-ब-खुद आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पात्र हैं. उन्हें ही इस योजना का लाभ मिलता है. वर्ष 2011 में तैयार की गई सूची में तमाम गरीबों का नाम नहीं है और तमाम धनी लोगों का नाम दर्ज हो गया है. आर्थिक रूप से कमजोर गरीबों का नाम इस सूची में न होने से वे पीएम मोदी की इस आयुष्मान योजना से वंचित हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए सूबे की सरकार ने पीएम मोदी से मांग की है कि पात्र गृहस्थी के लोगों को इसमें शामिल कर लिया जाय.

वर्तमान लाभार्थियों की संख्या
वर्तमान समय में आयुष्मान भारत के एक करोड़ 18 लाख लाभार्थी प्रदेश में हैं, लेकिन पात्र गृहस्थी के लाभार्थियों को इसमें शामिल कर लिए जाने पर ये संख्या तीन करोड़ हो जाएगी.

बाराबंकी जिले की स्थिति

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लाभार्थी
ग्रामीण- 2,42,777
शहरी- 22,596

कुल- 265373

मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के लाभार्थी

ग्रामीण- 4177
शहरी- 1331

कुल- 5508

कुल लाभार्थी- 270881
अनुमानित लाभार्थी- 13,54,405
जारी गोल्डन कार्ड- 2,60,885
जिले में चयनित अस्पताल- 33 (सरकारी 22, निजी 11)
कुल उपचारित लाभार्थी- 9110

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