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गरीब नवाज मस्जिद को दोबारा बनाए जाने की मांग

बाराबंकी के तहसील रामसनेहीघाट परिसर के पास अवैध अतिक्रमण कर बनाये गये गरीब नवाज मस्जिद को प्रशासन ने गिरा दिया था. जिसका मुस्लिम समाज में विरोध देखा जा रहा है.

गरीब नवाज मस्जिद को दोबारा बनाए जाने की मांग
गरीब नवाज मस्जिद को दोबारा बनाए जाने की मांग
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Published : May 21, 2021, 1:27 PM IST

बाराबंकीः जिले में अवैध अतिक्रमण कर बनाये गये मस्जिद को प्रशासन ने गिरा दिया था. जिसके बाद से ही मुस्लिम समाज में इसका विरोध देखा जा सकता है. जहां एक ओर विपक्षी पार्टियां प्रशासन के खिलाफ हमला बोल रही हैं, वहीं दारुल उलूम प्रवक्ता ने बयान जारी कर मस्जिद को दोबारा बनाए जाने की मांग उठाई है.

'गरीब नवाज मस्जिद को दोबारा बनाए जाने की मांग'

मुसलमानों के जज्बातों को ठेस पहुंचाने का आरोप

दारुल उलूम फिरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सूफियान निजामी ने कहा कि जबरन और कानूनी का सहारा लेते हुए रामसनेही घाट के पास बने मस्जिद को गिराया गया. ये बेहद अफसोसजनक है. ये घटना दर्शाती है कि सूबे में अल्पसंख्यकों और खासकर मुसलमानों के जज्बातों को बार-बार ठेस पहुंचाई जा रही है. मौलाना ने कहा कि एक ऐतिहासिक सौ साल पुरानी मस्जिद को जिस तरह से धाराशाही किया गया वो एक सेकुलर और लोकतांत्रिक निजाम पर तमाचा है.

इसे भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश में दम तोड़ रहा कोरोना संक्रमण, रिकवरी रेट 92 फीसदी

प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई करे सरकार

मौलाना सूफियान निजामी ने कहा कि सरकार इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जो कसूरवार प्रशासनिक अधिकारी और एसडीएम रामसनेहीघाट हैं, उन पर तुरंत कार्रवाई करे. ये मस्जिद ऐतिहासिक मस्जिद थी. इसे दोबारा बनवाया जाए. उन्होंने कहा कि ये घटना सोची समझी साजिश के तहत की गई है.

बाराबंकीः जिले में अवैध अतिक्रमण कर बनाये गये मस्जिद को प्रशासन ने गिरा दिया था. जिसके बाद से ही मुस्लिम समाज में इसका विरोध देखा जा सकता है. जहां एक ओर विपक्षी पार्टियां प्रशासन के खिलाफ हमला बोल रही हैं, वहीं दारुल उलूम प्रवक्ता ने बयान जारी कर मस्जिद को दोबारा बनाए जाने की मांग उठाई है.

'गरीब नवाज मस्जिद को दोबारा बनाए जाने की मांग'

मुसलमानों के जज्बातों को ठेस पहुंचाने का आरोप

दारुल उलूम फिरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सूफियान निजामी ने कहा कि जबरन और कानूनी का सहारा लेते हुए रामसनेही घाट के पास बने मस्जिद को गिराया गया. ये बेहद अफसोसजनक है. ये घटना दर्शाती है कि सूबे में अल्पसंख्यकों और खासकर मुसलमानों के जज्बातों को बार-बार ठेस पहुंचाई जा रही है. मौलाना ने कहा कि एक ऐतिहासिक सौ साल पुरानी मस्जिद को जिस तरह से धाराशाही किया गया वो एक सेकुलर और लोकतांत्रिक निजाम पर तमाचा है.

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प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई करे सरकार

मौलाना सूफियान निजामी ने कहा कि सरकार इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जो कसूरवार प्रशासनिक अधिकारी और एसडीएम रामसनेहीघाट हैं, उन पर तुरंत कार्रवाई करे. ये मस्जिद ऐतिहासिक मस्जिद थी. इसे दोबारा बनवाया जाए. उन्होंने कहा कि ये घटना सोची समझी साजिश के तहत की गई है.

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