बाराबंकी: जिले में कांग्रेसियों ने पिछले वर्ष उम्भा गांव में हुए आदिवासियों के खून-खराबे की बरसी के मौके पर कैंडल मार्च निकाला. साथ ही इस घटना में मारे गए लोगों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी. इस दौरान कांग्रेसियों ने वर्तमान सरकार पर जमकर निशाना साधा.
क्या थी उम्भा गांव की घटना
एक साल पहले 17 जुलाई 2019 को सोनभद्र जिले के उम्भा गांव में जमीनी विवाद में जमकर असलहे और लाठी-डंडे चले थे. इस मारपीट में गोंड आदिवासी समुदाय की चार महिलाओं समेत 11 लोगों की मौत हो गई थी. साथ ही 28 लोग घायल हो गए थे. घटना के बाद पीड़ितों से मिलने जा रही कांग्रेस की प्रियंका गांधी को रोक दिया गया था. उसके बाद प्रियंका ने प्रदर्शन किया था.
शुक्रवार को घटना की बरसी पर उम्भा गांव जा रहे कांग्रेस प्रदेश अध्य्क्ष अजय कुमार लल्लू को भी रोक दिया गया. बरसी के मौके पर बाराबंकी के कांग्रेसियों ने शुक्रवार रात ही कैंडल मार्च निकाल कर घटना में मारे गए लोगों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी.
कांग्रेस नेता तनुज पूनिया और जिलाध्यक्ष मो. मोहसिन की अगुवाई में कांग्रेसियों ने शहर के छाया चौराहे पर पहुंचकर कैंडल मार्च किया. इस दौरान कांग्रेस नेता तनुज पूनिया ने प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार पीड़ितों से मिलने जाने से रोक रही है. वहीं दूसरी ओर विकास दुबे जैसे अपराधी आसानी से दूसरे प्रान्त पहुंच जा रहे हैं.