ETV Bharat / state

बाराबंकी: कवि सम्मेलन में खुलेआम उड़ रही है आचार संहिता की घज्जियां

बाराबंकी के लखपेड़ाबाग इलाके में कवि सम्मेलन आयोजित किया गया. जहां कविता के माध्यम से खुलेआम आचार संहिता उल्लंघन किया गया और पूरे पंडाल में कहीं भी कोई पुलिसकर्मी कविसम्मेलन को रुकवाने नहीं आया.

कवि सम्मेलन में खुलेआम उड़ाई जा रही है आचार संहिता की धज्जियां
author img

By

Published : Mar 28, 2019, 5:38 AM IST

बाराबंकी:जिला मुख्यालय नवाबगंज के लखपेड़ाबाग इलाके में कवि सम्मेलन आयोजित हुआ. कवि सम्मेलन में अध्यापक और कवि प्रदीप महाजन होली के जोगीरा पर उड़ाया गठबंधन और कांग्रेस का मजाक. रात के करीब साढ़े ग्यारह बजे तककविता पढ़ने वाले कवि प्रदीप महाजन ने राहुल गांधी के जनेऊ से लेकर उनके परिवार तक का मजाक उड़ाया. गठबंधन पर चुटकी ली और मोदी के समर्थन में पढी कविता. क्या इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना जाए कि इतनी रात गए इस प्रकार से कवि सम्मेलन हो रहा है ,और कोई भी सुरक्षाकर्मी ऐसे स्थान पर मौजूद भी नहीं है.

कवि सम्मेलन में खुलेआम उड़ाई जा रही है आचार संहिता की धज्जियां

कवि सम्मेलन मंच को जिस प्रकार से राजनीतिक कसीदे पढ़ते हुए पाया गया ,यह वास्तव में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. इस दौरान पूरे पंडाल में कहीं भी पुलिसकर्मी दिखाई नहीं दिया, और ना ही इतनी रात गए किसी ने कवि सम्मेलन को बंद करने की जहमत उठाई. यह कवि सम्मेलन जिन्होंने आयोजित किया था वह राकेश पटेल भी भाजपा से जुड़े हुए है और इसीलिए पुलिसकर्मियों ने यह भी जरूरी नहीं समझा कि आचार संहिता का पालन कराना अत्यंत आवश्यक है. इस प्रकार की घटनाओं पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि ऐसे ही कार्यक्रमों का इस्तमाल करके जनमत निर्माण किया जाता है.

बाराबंकी:जिला मुख्यालय नवाबगंज के लखपेड़ाबाग इलाके में कवि सम्मेलन आयोजित हुआ. कवि सम्मेलन में अध्यापक और कवि प्रदीप महाजन होली के जोगीरा पर उड़ाया गठबंधन और कांग्रेस का मजाक. रात के करीब साढ़े ग्यारह बजे तककविता पढ़ने वाले कवि प्रदीप महाजन ने राहुल गांधी के जनेऊ से लेकर उनके परिवार तक का मजाक उड़ाया. गठबंधन पर चुटकी ली और मोदी के समर्थन में पढी कविता. क्या इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना जाए कि इतनी रात गए इस प्रकार से कवि सम्मेलन हो रहा है ,और कोई भी सुरक्षाकर्मी ऐसे स्थान पर मौजूद भी नहीं है.

कवि सम्मेलन में खुलेआम उड़ाई जा रही है आचार संहिता की धज्जियां

कवि सम्मेलन मंच को जिस प्रकार से राजनीतिक कसीदे पढ़ते हुए पाया गया ,यह वास्तव में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. इस दौरान पूरे पंडाल में कहीं भी पुलिसकर्मी दिखाई नहीं दिया, और ना ही इतनी रात गए किसी ने कवि सम्मेलन को बंद करने की जहमत उठाई. यह कवि सम्मेलन जिन्होंने आयोजित किया था वह राकेश पटेल भी भाजपा से जुड़े हुए है और इसीलिए पुलिसकर्मियों ने यह भी जरूरी नहीं समझा कि आचार संहिता का पालन कराना अत्यंत आवश्यक है. इस प्रकार की घटनाओं पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि ऐसे ही कार्यक्रमों का इस्तमाल करके जनमत निर्माण किया जाता है.

Intro: बाराबंकी ,28 मार्च। जिला मुख्यालय नवाबगंज के लखपेड़ाबाग एरिया में आयोजित हुआ. कवि सम्मेलन में अध्यापक और कवि प्रदीप महाजन होली के जोगीरा पर उड़ाया गठबंधन और कांग्रेस का मजाक. रात्रि के करीब 11:30 बजे तक कविता पढ़ने वाले कवि प्रदीप महाजन ने राहुल गांधी के जनेऊ से लेकर उनके परिवार तक का मजाक उड़ाया. गठबंधन पर चुटकी ली और मोदी के समर्थन में पढी कविता. 11:30 बजे के बाद भी कवि सम्मेलन चल ही रहा था क्योंकि इसके बाद भी 4 कवि बाकी थे कविता पढ़ने के लिए. क्या इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना जाए कि इतनी रात गए इस प्रकार से कवि सम्मेलन हो रहा है ,और कोई भी सुरक्षाकर्मी ऐसे स्थान पर मौजूद भी नहीं है. यह कवि सम्मेलन प्रत्येक वर्ष कराया जाता है इस बार इसका आयोजन आकाश पटेल द्वारा किया गया. आकाश पटेल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी हैं.


Body:कवि सम्मेलन मंच को जिस प्रकार से राजनीतिक कसीदे पढ़ते हुए पाया गया ,यह वास्तव में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. इस दौरान पूरे पंडाल में कहीं भी पुलिसकर्मी दिखाई नहीं दिया, और ना ही इतनी रात गए किसी ने कवि सम्मेलन को बंद करने की जहमत उठाई. यह कवि सम्मेलन जिनके द्वारा आयोजित किया गया था वह राकेश पटेल भी भाजपा से संबंधित है और इसीलिए पुलिसकर्मियों ने यह भी जरूरी नहीं समझा कि आचार संहिता का पालन कराना अत्यंत आवश्यक है. इस प्रकार की घटनाओं पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि ऐसे ही कार्यक्रमों के द्वारा जनमत निर्माण किया जाता है.


Conclusion: इस कार्यक्रम के दौरान देश के कई बड़े नेताओं की तुलना सांप बिच्छू और खर दूषण राक्षस से की गई. ऐसे कार्यक्रमों पर सरकार को नजर रखनी चाहिए चुनाव आयोग को नजर रखनी चाहिए नहीं तो दुर्घटना भी हो सकती है. चुनाव आयोग ने इस प्रकार के कवि सम्मेलन में फरियादी नकेल नहीं कसी तो यह एक गंभीर समस्या हो सकती है. इस प्रकार के राजनीतिक कवि सम्मेलनों के द्वारा जनमत निर्माण का कार्य ऐसे ही किया जा रहा है जो ठीक नहीं है.




visual
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.