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चर्चित मस्जिद प्रकरण का सीएम योगी ने लिया संज्ञान, गठित की तीन सदस्यीय कमेटी - सीएम योगी

यूपी के बाराबंकी में रामसनेही घाट तहसील परिसर में प्रशासन द्वारा ढ़हाई गई मस्जिद के प्रकरण का सीएम योगी ने संज्ञान लिया है. सीएम ने इसके लिए शासन की तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है जो इस मामले की जांच करेगी. यह कमेटी 15 दिन में अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी.

सीएम योगी ने लिया संज्ञान
सीएम योगी ने लिया संज्ञान
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Published : May 23, 2021, 4:45 AM IST

बाराबंकी: जिले में मस्जिद प्रकरण पर मचे सियासी घमासान को सीएम योगी ने गम्भीरता से लिया है. सीएम के निर्देश पर शासन स्तर से एक त्रिस्तरीय जांच कमेटी बनाई गई है, जो शासकीय सम्पत्ति पर अनियमित तरीके से अवैध इकाई का निर्माण करने और इसके संदर्भ में फर्जी अभिलेखों के आधार पर वक्फ बोर्ड द्वारा पंजीकरण कराए जाने के सम्बंध में जांच करेगी. विशेष सचिव अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ शिवकांत द्विवेदी की अध्यक्षता में यह कमेटी 15 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट शासन को देगी.

शासन द्वारा जारी आदेश.
शासन द्वारा जारी आदेश.
राजधानी तक गूंजा मस्जिद प्रकरण
बताते चलें कि बीते सोमवार की शाम तहसील रामसनेहीघाट परिसर में स्थित एक चर्चित भवन को जिला प्रशासन ने अवैध निर्माण मानते हुए ध्वस्त कर दिया था. एक पक्ष इस भवन के मस्जिद होने का दावा कर रहा है. उसके बाद जिले में तूफान मच गया. जिला प्रशासन की इस कार्रवाई को तमाम लोगों ने गलत ठहराया. सपा,कांग्रेस और बसपा समेत तमाम दल जिला प्रशासन के विरोध में आ गए. उन्होंने इसे प्रशासन की मनमानी करार दिया.
dm का ट्वीट.
dm का ट्वीट.

सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर फारूकी ने जिला प्रशासन पर सीधे तौर पर आरोप लगाया कि प्रशासन ने सौ साल पुरानी मस्जिद ढहा दी. इस मस्जिद का सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में रजिस्ट्रेशन होना बताया गया. बाद में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने इस मस्जिद की प्रबंधकीय 8 सदस्यीय कमेटी के खिलाफ कूटरचना और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा दिया. अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के मुताबिक, वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों की मिली भगत से कूटरचना करके रजिस्ट्रेशन कराया गया था. जिसमें राजस्व विभाग की कोई रिपोर्ट नहीं थी. इस मामले की गूंज राजधानी लखनऊ तक पहुंची. सीएम योगी ने इसे संज्ञान में लेते हुए वक्फ बोर्ड द्वारा गलत ढंग से रजिस्टर्ड की गई सम्पत्तियों की जांच के निर्देश दिए.

डीएम ने ट्वीट कर कमेटी की दी जानकारी
जिलाधिकारी डॉ आदर्श सिंह ने ट्विटर के जरिये जानकारी दी है कि रामसनेहीघाट तहसील परिसर के प्रकरण में शासकीय सम्पत्ति पर अनियमित तरीके से अवैध इकाई का निर्माण करने तथा इसके संदर्भ में फर्जी अभिलेखों के आधार पर पंजीकरण कराए जाने के सम्बंध में शासन स्तर से भी त्रिस्तरीय जांच समिति गठित की गई है.

इसे भी पढ़ें-चर्चित मस्जिद प्रकरण: हेराफेरी कर वक्फ संपत्ति घोषित कराने पर 8 के खिलाफ मुकदमा दर्ज

सांसद ने भी किया ट्वीट

सांसद उपेंद्र सिंह रावत का ट्वीट.
सांसद उपेंद्र सिंह रावत का ट्वीट.
सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने भी ट्वीट किया कि जिलाधिकारी बाराबंकी द्वारा जनपद में वक्फ बोर्ड द्वारा फर्जीवाड़ा करके रजिस्टर की गई सम्पत्तियों के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई के क्रम में सीएम योगी द्वारा निर्देश देते हुए इस सम्बंध में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है. सांसद ने ट्वीट किया है कि सभी फ्राड करने वाले सावधान रहें, सीएम योगी के शासन में ऐसी हर सम्पत्ति के खिलाफ कार्रवाई होकर रहेगी.
कमेटी 15 दिन में सौंपेगी जांच रिपोर्ट
अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग के विशेष सचिव शिवाकांत द्विवेदी की अध्यक्षता में उपनिदेशक अल्पसंख्यक कल्याण लखनऊ मंडल राहुल गुप्ता और उप निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण अयोध्या मंडल इस मामले की जांच करेंगे. टीम प्रकरण की गहन जांच कर जांच आख्या एक पक्ष में शासन को देगी.

बाराबंकी: जिले में मस्जिद प्रकरण पर मचे सियासी घमासान को सीएम योगी ने गम्भीरता से लिया है. सीएम के निर्देश पर शासन स्तर से एक त्रिस्तरीय जांच कमेटी बनाई गई है, जो शासकीय सम्पत्ति पर अनियमित तरीके से अवैध इकाई का निर्माण करने और इसके संदर्भ में फर्जी अभिलेखों के आधार पर वक्फ बोर्ड द्वारा पंजीकरण कराए जाने के सम्बंध में जांच करेगी. विशेष सचिव अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ शिवकांत द्विवेदी की अध्यक्षता में यह कमेटी 15 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट शासन को देगी.

शासन द्वारा जारी आदेश.
शासन द्वारा जारी आदेश.
राजधानी तक गूंजा मस्जिद प्रकरण
बताते चलें कि बीते सोमवार की शाम तहसील रामसनेहीघाट परिसर में स्थित एक चर्चित भवन को जिला प्रशासन ने अवैध निर्माण मानते हुए ध्वस्त कर दिया था. एक पक्ष इस भवन के मस्जिद होने का दावा कर रहा है. उसके बाद जिले में तूफान मच गया. जिला प्रशासन की इस कार्रवाई को तमाम लोगों ने गलत ठहराया. सपा,कांग्रेस और बसपा समेत तमाम दल जिला प्रशासन के विरोध में आ गए. उन्होंने इसे प्रशासन की मनमानी करार दिया.
dm का ट्वीट.
dm का ट्वीट.

सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर फारूकी ने जिला प्रशासन पर सीधे तौर पर आरोप लगाया कि प्रशासन ने सौ साल पुरानी मस्जिद ढहा दी. इस मस्जिद का सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में रजिस्ट्रेशन होना बताया गया. बाद में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने इस मस्जिद की प्रबंधकीय 8 सदस्यीय कमेटी के खिलाफ कूटरचना और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा दिया. अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के मुताबिक, वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों की मिली भगत से कूटरचना करके रजिस्ट्रेशन कराया गया था. जिसमें राजस्व विभाग की कोई रिपोर्ट नहीं थी. इस मामले की गूंज राजधानी लखनऊ तक पहुंची. सीएम योगी ने इसे संज्ञान में लेते हुए वक्फ बोर्ड द्वारा गलत ढंग से रजिस्टर्ड की गई सम्पत्तियों की जांच के निर्देश दिए.

डीएम ने ट्वीट कर कमेटी की दी जानकारी
जिलाधिकारी डॉ आदर्श सिंह ने ट्विटर के जरिये जानकारी दी है कि रामसनेहीघाट तहसील परिसर के प्रकरण में शासकीय सम्पत्ति पर अनियमित तरीके से अवैध इकाई का निर्माण करने तथा इसके संदर्भ में फर्जी अभिलेखों के आधार पर पंजीकरण कराए जाने के सम्बंध में शासन स्तर से भी त्रिस्तरीय जांच समिति गठित की गई है.

इसे भी पढ़ें-चर्चित मस्जिद प्रकरण: हेराफेरी कर वक्फ संपत्ति घोषित कराने पर 8 के खिलाफ मुकदमा दर्ज

सांसद ने भी किया ट्वीट

सांसद उपेंद्र सिंह रावत का ट्वीट.
सांसद उपेंद्र सिंह रावत का ट्वीट.
सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने भी ट्वीट किया कि जिलाधिकारी बाराबंकी द्वारा जनपद में वक्फ बोर्ड द्वारा फर्जीवाड़ा करके रजिस्टर की गई सम्पत्तियों के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई के क्रम में सीएम योगी द्वारा निर्देश देते हुए इस सम्बंध में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है. सांसद ने ट्वीट किया है कि सभी फ्राड करने वाले सावधान रहें, सीएम योगी के शासन में ऐसी हर सम्पत्ति के खिलाफ कार्रवाई होकर रहेगी.
कमेटी 15 दिन में सौंपेगी जांच रिपोर्ट
अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग के विशेष सचिव शिवाकांत द्विवेदी की अध्यक्षता में उपनिदेशक अल्पसंख्यक कल्याण लखनऊ मंडल राहुल गुप्ता और उप निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण अयोध्या मंडल इस मामले की जांच करेंगे. टीम प्रकरण की गहन जांच कर जांच आख्या एक पक्ष में शासन को देगी.
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