बाराबंकी: अगर आपके फोन पर लॉटरी लगने, लोन दिलाने या कोई इनाम दिलाने की कॉल या मैसेज आता है तो आप सतर्क हो जाइए. इन दिनों एक गिरोह सक्रिय (Fraud gang active) है जो आपकी जरा सी चूक पर आपके बैंक खाते को खाली कर सकता है. चौंकिए नहीं ये सच है. यूपी की बाराबंकी पुलिस ने ऐसे ही साइबर क्राइम करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है.
पुलिस ने गिरोह में शामिल एक महिला समेत 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से 22 लाख नकद, 9 एटीएम कार्ड, विभिन्न बैंकों की 28 पासबुक, 17 मोबाइल, 68 सिम कार्ड और वारदात में इस्तेमाल होने वाली एक स्विफ्ट डिजायर बरामद की गई है.
पहली दिसंबर को नगर कोतवाली के दक्षिण टोला बंकी के मेराज, फुरकान और मो. सुहैल ने नगर कोतवाली में सूचना दी कि लकी वर्मा और उसके कुछ साथियों ने सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के आश्वासन पर स्टेट बैंक सट्टा बाजार में उनके खाते खुलवाए दिए. फिर बिना उनकी जानकारी के उसके खातों से ऑनलाइन रुपयों का आदान प्रदान किया गया.
इस सूचना के आधार पर पुलिस ने मुकदमा लिखकर पड़ताल शुरू की तो जो मामला निकलकर सामने आया, उसने पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया. पड़ताल में साइबर क्राइम के एक बड़े गिरोह का खुलासा हुआ. पुलिस ने एक-एक कर 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया जिसमें एक महिला भी शामिल है.
बताया जाता है कि यह एक संगठित गिरोह है जिसका सरगना शाहिद अनवर है. वह बेतिया बिहार का रहने वाला है. गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि उन लोगों के कुछ साथी जगह-जगह कैनोपी लगाकर लोगों को सिम बेचते हैं. वहीं कुछ कम पढ़े-लिखे लोगों को धोखा देकर एक से अधिक सिम कार्ड एक्टिवेट कर लेते हैं.
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उसके बाद गिरोह के लोग इन भोले-भाले लोगों को कॉल करके उनको सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का लालच देकर बैंकों में उनके खाते खुलवा देते हैं. खाता खुलवाते समय वही फर्जी ढंग से एक्टिवेटेड सिम का नंबर देते हैं. फिर ये एक्टिवेटेड सिम और खाता नंबर चुन्नू नामक शख्स को बेच दिया जाता है.
अब चुन्नू की टीम तमाम लोगों को कॉल करके उनकी लॉटरी निकलने या उनको इनाम मिलने की बात कहती है. फिर उनको अपने जाल में फंसाकर उनके खाते से रुपये ले लेते हैं. इन रुपयों को पहले से खुलवाए गए खातों में नेट बैंकिंग के जरिये ट्रांजेक्शन करा देते हैं.
बाद में इन रुपयों को निकाल लिया जाता है जिसकी खाताधारक को जानकारी तक नहीं हो पाती. ये सारा रुपया गिरोह के सरगना तक पहुंचता है. बदले में हर सदस्य को कमीशन के तौर पर 25 हजार रुपये मिलते हैं. पुलिस कप्तान अनुराग वत्स ने बताया कि ये अपने आप में अनोखा साइबर क्राइम है. गिरोह के सरगना की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगा दी गई है.
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