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रेप पीड़िता को 77 दिनों में ही मिला न्याय, दोषी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा

बाराबंकी में बच्ची से रेप (Punished for raping girl child) के मामले में दोषी को कोर्ट ने 20 साल कैद की सजा सुनाई है. घटना के बाद 77 दिनों में ही पीड़िता को न्याय मिल गया.

Punished for raping girl child
Punished for raping girl child
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 28, 2023, 7:37 PM IST

बाराबंकी : बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अदालत ने महज 77 दिनों में ही अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा 35 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. ये फैसला अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट राजीव महेश्वरम ने सुनाया.

जून में हुई थी घटना : अभियोजन अधिकारी मनीषा झा और योगेंद्र सिंह ने बताया कि सतरिख थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला 7 जून 2023 को अपने मायके आई थी. वहां पर 09 जून को दोपहर 12 बजे महिला घर से बाहर गई थी. इस दौरान उसकी पांच साल की बच्ची घर के बाहर खेल रही थी. तभी गांव का ही रहने वाला अमित वर्मा वहां पहुंचा. बच्ची को समोसा खिलाने और कोल्ड ड्रिंक पिलाने के बहाने वह उसे गांव के बाहर एक बाग में ले गया. यहां उसने बच्ची के साथ रेप किया. रोती-बिलखती बच्ची घर पहुंची. उसने अपनी टूटी फूटी जुबान में पूरा मामला बताया.

आरोपी ने दी थी धमकी : आरोपी दबंग किस्म का व्यक्ति था. वह पहले भी कई मामलों में शामिल रहा है. उसने घटना का जिक्र किसी से करने पर जान से मारने की धमकी भी दे रखी थी. इसके कारण महिला कई दिनों तक शिकायत करने का साहस नहीं जुटा पाई. 13 जून को मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई. बच्ची की मां की तहरीर पर सतरिख थाने में रेप, पॉक्सो एक्ट और एससी एसटी के तहत मुकदमा दर्ज कर पड़ताल शुरू की गई. मामले की विवेचना सीओ सदर सुमित त्रिपाठी ने की. विवेचक ने तुरंत गांव पहुंचकर पड़ताल शुरू की. 48 घंटे में पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया.

11 दिनों में दाखिल हुई थी चार्जशीट : बच्ची का मेडिकल कराया गया. बच्ची सही से बोल नहीं पा रही थी. इसके कारण विवेचना में सीएमओ और शिक्षाधिकारी की मदद ली गई. एक्सपर्ट डॉक्टर के जरिए पीड़िता के बयान लिए गए. विवेचक सुमित त्रिपाठी ने वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग कर साक्ष्य संकलित किये और घटना के बाद महज 11 दिनों में ही विवेचक ने आरोपी अमित वर्मा के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी.इस मामले में अभियोजन ने सात गवाह पेश किए. अभियोजन पक्षों द्वारा पेश किए गए गवाहों की गवाही और बचाव पक्ष द्वारा पेश किए गए गवाहों की गवाही सुनने और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद सोमवार को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट राजीव महेश्वर ने आरोपी अमित वर्मा को दोषसिद्ध करते हुए उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास और 35 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना दी.

यह भी पढ़ें : किशोरी के साथ दुष्कर्म के दोषी को 10 वर्ष का कठोर कारावास, 30 हजार का अर्थदंड

बम और गोली मारकर ग्रामीण की हत्या में पांच सगे भाइयों को आजीवन कारावास, सात साल पहले हुई थी घटना

बाराबंकी : बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अदालत ने महज 77 दिनों में ही अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा 35 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. ये फैसला अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट राजीव महेश्वरम ने सुनाया.

जून में हुई थी घटना : अभियोजन अधिकारी मनीषा झा और योगेंद्र सिंह ने बताया कि सतरिख थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला 7 जून 2023 को अपने मायके आई थी. वहां पर 09 जून को दोपहर 12 बजे महिला घर से बाहर गई थी. इस दौरान उसकी पांच साल की बच्ची घर के बाहर खेल रही थी. तभी गांव का ही रहने वाला अमित वर्मा वहां पहुंचा. बच्ची को समोसा खिलाने और कोल्ड ड्रिंक पिलाने के बहाने वह उसे गांव के बाहर एक बाग में ले गया. यहां उसने बच्ची के साथ रेप किया. रोती-बिलखती बच्ची घर पहुंची. उसने अपनी टूटी फूटी जुबान में पूरा मामला बताया.

आरोपी ने दी थी धमकी : आरोपी दबंग किस्म का व्यक्ति था. वह पहले भी कई मामलों में शामिल रहा है. उसने घटना का जिक्र किसी से करने पर जान से मारने की धमकी भी दे रखी थी. इसके कारण महिला कई दिनों तक शिकायत करने का साहस नहीं जुटा पाई. 13 जून को मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई. बच्ची की मां की तहरीर पर सतरिख थाने में रेप, पॉक्सो एक्ट और एससी एसटी के तहत मुकदमा दर्ज कर पड़ताल शुरू की गई. मामले की विवेचना सीओ सदर सुमित त्रिपाठी ने की. विवेचक ने तुरंत गांव पहुंचकर पड़ताल शुरू की. 48 घंटे में पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया.

11 दिनों में दाखिल हुई थी चार्जशीट : बच्ची का मेडिकल कराया गया. बच्ची सही से बोल नहीं पा रही थी. इसके कारण विवेचना में सीएमओ और शिक्षाधिकारी की मदद ली गई. एक्सपर्ट डॉक्टर के जरिए पीड़िता के बयान लिए गए. विवेचक सुमित त्रिपाठी ने वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग कर साक्ष्य संकलित किये और घटना के बाद महज 11 दिनों में ही विवेचक ने आरोपी अमित वर्मा के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी.इस मामले में अभियोजन ने सात गवाह पेश किए. अभियोजन पक्षों द्वारा पेश किए गए गवाहों की गवाही और बचाव पक्ष द्वारा पेश किए गए गवाहों की गवाही सुनने और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद सोमवार को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट राजीव महेश्वर ने आरोपी अमित वर्मा को दोषसिद्ध करते हुए उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास और 35 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना दी.

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