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मुख्तार अंसारी एंबुलेंस केस: दो वांटेड अभियुक्तों पर 25-25 हजार रुपये का ईनाम - barabanki ambulance case

मुख्तार अंसारी एंबुलेंस केस (Mukhtar Ansari Ambulance Case) में गैंगस्टर एक्ट में वांटेड दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए 25-25 हजार रुपये के ईनाम की घोषणा की है.

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मुख्तार अंसारी एंबुलेंस केस
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Published : Apr 5, 2022, 3:33 PM IST

बाराबंकी: (Mukhtar Ansari Ambulance Case) में आरोपियों पर गैंगेस्टर लगाए जाने के बाद बाराबंकी पुलिस 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. अभी दो अभियुक्त पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. बाराबंकी पुलिस ने मंगलवार को दो वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए 25-25 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया.

पंजाब की रोपड़ जेल में बंद रहने के दौरान मुख्तार अंसारी के पेशी पर जाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले निजी एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन मऊ की डॉक्टर अलका राय के अस्पताल के नाम पर था. इसका रजिस्ट्रेशन वर्ष 2013 में फर्जी दस्तावेज की मदद से बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय में कराया गया था. जांच में पता चला कि इसे डॉ. अलका राय की फर्जी वोटर आईडी से पंजीकृत कराया गया था.

ये भी पढ़ें- यूपी का माफिया राज: पूर्वांचल का वो खूंखार माफिया जो 9 गोली लगने के बाद मुर्दाघर से बाहर आया जिंदा


इस मामले में मऊ जिले की डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ बाराबंकी कोतवाली में 2 अप्रैल 2021 में जालसाजी का केस दर्ज किया गया था. इस मामले में डॉक्टर अलका राय और उनके भाई शेषनाथ राय को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए उनका नाम भी बढ़ाया गया था. इस मामले में आरोपी मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है.
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बाराबंकी: (Mukhtar Ansari Ambulance Case) में आरोपियों पर गैंगेस्टर लगाए जाने के बाद बाराबंकी पुलिस 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. अभी दो अभियुक्त पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. बाराबंकी पुलिस ने मंगलवार को दो वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए 25-25 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया.

पंजाब की रोपड़ जेल में बंद रहने के दौरान मुख्तार अंसारी के पेशी पर जाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले निजी एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन मऊ की डॉक्टर अलका राय के अस्पताल के नाम पर था. इसका रजिस्ट्रेशन वर्ष 2013 में फर्जी दस्तावेज की मदद से बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय में कराया गया था. जांच में पता चला कि इसे डॉ. अलका राय की फर्जी वोटर आईडी से पंजीकृत कराया गया था.

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इस मामले में मऊ जिले की डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ बाराबंकी कोतवाली में 2 अप्रैल 2021 में जालसाजी का केस दर्ज किया गया था. इस मामले में डॉक्टर अलका राय और उनके भाई शेषनाथ राय को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए उनका नाम भी बढ़ाया गया था. इस मामले में आरोपी मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है.
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