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बाराबंकी: खुरपका और मुंहपका रोगों से पशुओं को बचाने के लिए शुरू हुआ विशेष अभियान - barabanki Animal Husbandry Department

यूपी के बाराबंकी में बुधवार को पशुपालन विभाग ने एक विशेष अभियान चलाया. यह विशेष अभियान पशुओं में होने वाले खुरपका और मुंहपका जैसे रोगों को ध्यान में रखते हुए चलाया गया है.

पशुपालन विभाग ने चलाया अभियान.
पशुपालन विभाग ने चलाया अभियान.
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Published : Oct 1, 2020, 5:14 PM IST

बाराबंकी: जिले में पशुओं में होने वाले खुरपका और मुंहपका रोगों से नष्ट हो रही पशु सम्पदा को बचाने के लिए बाराबंकी में बुधवार से टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो गई. इस दौरान सांसद उपेंद्र रावत ने वैक्सीन वैनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. सभी 15 ब्लॉकों में रहकर ये वैन गांव-गांव जाएगी और गांव में मौजूद टीम पशुओं का टीकाकरण करेगी.

वायरस जनित रोगों खुरपका और मुंहपका से हर वर्ष पशु सम्पदा को खासा नुकसान होता है. लिहाजा शासन इसको लेकर गम्भीर रहता है. इस बीमारी का कोई खास समय नहीं होता. बुधवार से इस टीकाकरण के लिए विशेष अभियान की शुरुआत की गई. अभियान को भाजपा सांसद उपेंद्र रावत ने हरी झंडी दिखाई.

रखा गया टीकाकरण का लक्ष्य
1 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक चलने वाले इस विशेष अभियान में तकरीबन 8 लाख 32 हजार पशुओं के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है. हर गांव में पशुपालन विभाग द्वारा तैनात किए गए एक वैक्सिनेटर और एक सहायक टीकाकरण का काम करेंगे. ये वैक्सिनेशन पूरी तरह नि:शुल्क होगा.

क्या है खुरपका और मुंहपका
इसे FMD यानी फूट एंड माउथ डिजीज कहते हैं. ये रोग फटे हुए खुर वाले पालतू पशुओं जैसे गाय, भैंस, भेंड़ और बकरी में होता है. ये संक्रामक और विषाणु जनित रोग है. ये किसी भी उम्र के पशुओं और उनके बच्चों में हो सकता है. इसके लिए कोई भी समय या मौसम तय नहीं है, लेकिन ज्यादातर बीमारी बरसात में होती है.

इस बीमारी से पशुओं की मौत नहीं होती है, लेकिन पशु धीरे-धीरे सूख जाते हैं और अगर समय पर इलाज नहीं हो पाया, तो इनकी मौत भी हो जाती है. इसीलिए बीमारी से बचाने के लिए इनका पहले ही टीकाकरण कर दिया जाता है.

क्या है लक्षणः

  • पशुओं के खुर के आस-पास सूजन आ जाती है और ये ठीक ढंग से चल फिर नहीं पाते.
  • खुरों में कभी-कभी घाव भी हो जाते हैं.
  • मुंहपका से मुंह में लार गिरने लगती है.
  • जीभ, मसूड़ों, ओंठ पर छाले पड़ जाते हैं.

बाराबंकी: जिले में पशुओं में होने वाले खुरपका और मुंहपका रोगों से नष्ट हो रही पशु सम्पदा को बचाने के लिए बाराबंकी में बुधवार से टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो गई. इस दौरान सांसद उपेंद्र रावत ने वैक्सीन वैनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. सभी 15 ब्लॉकों में रहकर ये वैन गांव-गांव जाएगी और गांव में मौजूद टीम पशुओं का टीकाकरण करेगी.

वायरस जनित रोगों खुरपका और मुंहपका से हर वर्ष पशु सम्पदा को खासा नुकसान होता है. लिहाजा शासन इसको लेकर गम्भीर रहता है. इस बीमारी का कोई खास समय नहीं होता. बुधवार से इस टीकाकरण के लिए विशेष अभियान की शुरुआत की गई. अभियान को भाजपा सांसद उपेंद्र रावत ने हरी झंडी दिखाई.

रखा गया टीकाकरण का लक्ष्य
1 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक चलने वाले इस विशेष अभियान में तकरीबन 8 लाख 32 हजार पशुओं के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है. हर गांव में पशुपालन विभाग द्वारा तैनात किए गए एक वैक्सिनेटर और एक सहायक टीकाकरण का काम करेंगे. ये वैक्सिनेशन पूरी तरह नि:शुल्क होगा.

क्या है खुरपका और मुंहपका
इसे FMD यानी फूट एंड माउथ डिजीज कहते हैं. ये रोग फटे हुए खुर वाले पालतू पशुओं जैसे गाय, भैंस, भेंड़ और बकरी में होता है. ये संक्रामक और विषाणु जनित रोग है. ये किसी भी उम्र के पशुओं और उनके बच्चों में हो सकता है. इसके लिए कोई भी समय या मौसम तय नहीं है, लेकिन ज्यादातर बीमारी बरसात में होती है.

इस बीमारी से पशुओं की मौत नहीं होती है, लेकिन पशु धीरे-धीरे सूख जाते हैं और अगर समय पर इलाज नहीं हो पाया, तो इनकी मौत भी हो जाती है. इसीलिए बीमारी से बचाने के लिए इनका पहले ही टीकाकरण कर दिया जाता है.

क्या है लक्षणः

  • पशुओं के खुर के आस-पास सूजन आ जाती है और ये ठीक ढंग से चल फिर नहीं पाते.
  • खुरों में कभी-कभी घाव भी हो जाते हैं.
  • मुंहपका से मुंह में लार गिरने लगती है.
  • जीभ, मसूड़ों, ओंठ पर छाले पड़ जाते हैं.
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