बाराबंकी: कोरोना संकट को लेकर जहां सतर्कता बरतने के आदेश दिए गए हैं, वहीं सरकार जनता को मास्क, ग्लब्स, सैनिटाइजर के प्रयोग की सलाह दे रही है. सरकारी अस्पताल के एम्बुलेंस के चालक बिना संसाधनों के ही रिस्क उठाकर मरीजों को लाने और ले जाने का काम कर रहे हैं. हैरानी की बात तो यह कि इन पायलटों की शिकायत के बाद भी इनकी सुरक्षा के लिए इन्हें किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं दी जा रही है. इससे नाराज एम्बुलेंस के कर्मचारियों ने काम न करने की धमकी दी है.
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए 80 एम्बुलेंस के साथ 4 लाइफ सपोर्ट की गाड़ियां तैनात हैं. इन गाड़ियों पर 168 पायलय और 172 इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन तैनात हैं. यह कर्मचारी मरीजों को लाने और ले जाने का काम करते हैं. कर्मचारियों का आरोप है कि प्रशासन ने इनकी सुरक्षा के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं की, जिससे उन्हें काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं.
कर्मचारियों की माने तो पिछले दो महीने से इन्हें वेतन भी नहीं दिया गया है और इनके पास सुरक्षा को लेकर न ही मास्क है, न ग्लब्स है और न ही सैनिटाइजर का कोई प्रबंध है.
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