बाराबंकी: माफिया मुख्तार अंसारी एम्बुलेंस मामले में गैंगेस्टर ऐक्ट लगाए जाने के बाद इस मामले में वांछित चल रहे मुख्तार अंसारी गैंग के अंतिम सदस्य को आखिरकार बाराबंकी पुलिस ने गिरफ्ताक कर लिया. गिरफ्तार आरोपी का नाम मोहम्मद जाफरी उर्फ शाहिद है. इस पर 25 हजार का ईनाम था. शुक्रवार को बाराबंकी पुलिस ने इसे नगर कोतवाली के सफेदाबाद पुल के पास से गिरफ्तार किया. अब इस मामले में सभी 13 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी समेत 13 अभियुक्तो पर फर्जी दस्तावेज पर पंजीकृत कराई गई एंबुलेंस के संबंध में थाना कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज किया गया था. अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें बनाई गईं थीं. अब इस मामले के सभी 13 अभियुक्तों को टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. मालूम हो कि मुख्तार अंसारी पहले से ही बांदा जेल में बंद है.
क्या है एम्बुलेंस प्रकरण : 31 मार्च 2021 को बाराबंकी की एंबुलेंस उस वक्त चर्चा में आई जब पंजाब के रोपण जेल से मोहाली कोर्ट जाने में इसका प्रयोग मुख्तार अंसारी ने किया. इस एंबुलेंस पर बाराबंकी जिले का नंबर था. इसके बाद बाराबंकी परिवहन विभाग (Barabanki Transport Department) में हड़कंप मच गया था.
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छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि फर्जी दस्तावेज के सहारे वर्ष 2013 में एंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी. बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग (Barabanki Divisional Transport Department) ने जब इस एंबुलेंस की पड़ताल की तो पता चला कि इसका रिन्यूअल ही नहीं कराया गया था. कागजात खंगाले गए तो ये डॉ. अलका राय की फर्जी वोटर आईडी (fake voter id) से पंजीकृत पाई गई.
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इस मामले में मऊ जिले की डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में 2 अप्रैल 2021 को अपराध संख्या 369/21 पर धारा 419,420,467,468,471,120बी,177,506 आईपीसी और 7 क्रिमिनल लाॅ एमेंडमेंट ऐक्ट के तहत मुकदमा लिखाया गया था. बाद में छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए उनका नाम भी बढ़ाया गया था. मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है. इस मामले में सभी अभियुक्त जेल गए थे जिनकी कि जमानत हो गई थी. अब इसी मामले में गैंगेस्टर लगाया गया है.
सीओ सिटी आतिश कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तारी की सारी कार्रवाई पूर्ण हो चुकी हैं. इस मामले की विवेचना कर रहे देवां कोतवाल को निर्देशित किया गया है कि अन्य साक्ष्य संकलित करते हुए विवेचना का विधिक निस्तारण करना सुनिश्चित करें.
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