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बाराबंकीः 6 साल बाद हत्यारे पति को मिली आजीवन कारावास की सजा - बाराबंकी की खबरें

लगभग 6 साल पहले पति द्वारा पत्नी की हत्या के मामले में बाराबंकी की एक अदालत ने पति को आजीवन कारावास और 30 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है.

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आजीवन कारावास की सजा
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Published : May 9, 2022, 8:26 PM IST

बाराबंकीः जिले में लगभग 6 साल पहले पति ने पत्नी की हत्या कर दी थी. मामले में अदालत ने आरोपी पति को आजीवन कारावास और 30 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश (पाक्सो ऐक्ट) कोर्ट संख्या 45 अजय कुमार श्रीवास्तव ने सुनाया है.

अभियोजन के मुताबिक 4 जुलाई 2016 को बहराइच जिले के विशेश्वरगंज थाना क्षेत्र निवासी वादी रामकुमार सिंह ने थाना रामनगर पर सूचना दी कि उनके बहनोई सरदार सिंह पुत्र रामबिलास सिंह निवासी नंदऊपारा थाना रामनगर ने उसकी बहन की हत्या कर दी है. पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की. तत्कालीन विवेचक ने वैज्ञानिक तरीके से सबूत इकठ्ठा करके विवेचना के बाद अभियुक्त सरदार सिंह के खिलाफ आरोप पत्र माननीय न्यायालय में प्रेषित किया.

पढ़ेंः दहेज के लिए दूल्हे ने शादी से किया इनकार, पीड़िता ने लगाई इंसाफ की गुहार

मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कई गवाह पेश किए गए. बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष के गवाहों और अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद माननीय अपर सत्र न्यायाधीश (पाक्सो ऐक्ट) अजय कुमार श्रीवास्तव ने सोमवार को अपना फैसला सुना दिया. माननीय अपर सत्र न्यायाधीश ने अभियुक्त सरदार सिंह को 302 आईपीसी का दोषी माना और आजीवन कारावास एवं 30 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई.

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बाराबंकीः जिले में लगभग 6 साल पहले पति ने पत्नी की हत्या कर दी थी. मामले में अदालत ने आरोपी पति को आजीवन कारावास और 30 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश (पाक्सो ऐक्ट) कोर्ट संख्या 45 अजय कुमार श्रीवास्तव ने सुनाया है.

अभियोजन के मुताबिक 4 जुलाई 2016 को बहराइच जिले के विशेश्वरगंज थाना क्षेत्र निवासी वादी रामकुमार सिंह ने थाना रामनगर पर सूचना दी कि उनके बहनोई सरदार सिंह पुत्र रामबिलास सिंह निवासी नंदऊपारा थाना रामनगर ने उसकी बहन की हत्या कर दी है. पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की. तत्कालीन विवेचक ने वैज्ञानिक तरीके से सबूत इकठ्ठा करके विवेचना के बाद अभियुक्त सरदार सिंह के खिलाफ आरोप पत्र माननीय न्यायालय में प्रेषित किया.

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मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कई गवाह पेश किए गए. बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष के गवाहों और अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद माननीय अपर सत्र न्यायाधीश (पाक्सो ऐक्ट) अजय कुमार श्रीवास्तव ने सोमवार को अपना फैसला सुना दिया. माननीय अपर सत्र न्यायाधीश ने अभियुक्त सरदार सिंह को 302 आईपीसी का दोषी माना और आजीवन कारावास एवं 30 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई.

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