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Advocate in Barabanki: मांगों को लेकर अधिवक्ताओं का कलेक्ट्रेट के बाहर जोरदार प्रदर्शन - बाराबंकी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष

बाराबंकी में अधिवक्ताओं (Advocate in Barabanki) ने अपनी मांगों को लेकर सिविल कोर्ट से जुलूस बनाकर नारेबाजी करते हुए अधिवक्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां उन्होंने एडीएम को ज्ञापन शिकायतों की बौछार लगा दी.

एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार वर्मा
एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार वर्मा
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Published : Feb 7, 2023, 8:46 PM IST

एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया.

बाराबंकी: जिले को अयोध्या मंडल के स्थान पर लखनऊ मंडल में शामिल किए जाने के साथ ही अधिवक्ता प्रोटेक्शन ऐक्ट लागू करने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने मंगलवार को जोरदार प्रदर्शन किया. सिविल कोर्ट से जुलूस बनाकर नारेबाजी करते हुए अधिवक्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां ज्ञापन लेने के लिए एक अधिकारी पहुंचे. अधिवक्ता जिलाधिकारी को अपना ज्ञापन देना चाह रहे थे. लिहाजा उनको वापस कर दिया. अधिवक्ता जिलाधिकारी से नीचे के किसी भी अधिकारी को ज्ञापन देने को राजी नही थे. अंत में एडीएम को ज्ञापन लेने आना पड़ा. इस दौरान अधिवक्ताओं ने एडीएम पर शिकायतों की बौछार कर दी. हालांकि ज्ञापन लेने के बाद उन्होंने मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया.

गौरतलब है कि बाराबंकी जिला बार एसोसिएशन हर महीने की 7 तारीख को रुदौली तहसील को बाराबंकी जनपद में वापसी को लेकर प्रदर्शन करता है. इस मौके पर मंगलवार को बाराबंकी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार वर्मा की अगुवाई में अधिवक्ताओं ने रुदौली तहसील को बाराबंकी जिले में शामिल करन, जूनियर अधिवक्ताओं को प्रोत्साहन धनराशि दिए जाने, 70 वर्ष की आयु पूरे कर चुके वरिष्ठ अधिवक्ताओं को वृद्धावस्था पेंशन दिए जाने और जिले में पड़ने वाले तीन टोल प्लाजा पर अधिवक्ताओं का टोल माफ किये जाने की मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. सिविल कोर्ट से जुलूस बनाकर नारेबाजी करते हुए अधिवक्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे. काफी देर बाद एडीएम के आने पर उन्हें ज्ञापन दिया. इस दौरान अधिवक्ताओं ने एडीएम पर शिकायतों की बौछार कर दी. अधिवक्ताओं को देख एडीएम ने उनकी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया.

पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश बार काउंसिल अधिवक्ता समाज की कई समस्याओं को लेकर क्रमिक आंदोलन कर रहा है. बीती 24 जनवरी को प्रदेश के वकीलों ने टोकन हड़ताल कर जिलों में ज्ञापन सौंपे थे. उसके बाद 30 जनवरी को सूबे के हर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किए गए थे. इसी क्रम में मंगलवार को एक दिवसीय हड़ताल कर प्रदर्शन करने की बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की कॉल थी. प्रदर्शन वाली तारीख और दूसरे बार काउंसिल की कॉल की वजह से लिहाजा अधिवक्ताओं में जबरदस्त जोश दिखा. अधिवक्ता सिविल कोर्ट से नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. इस दौरान अधिवक्ताओं ने प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू किये जाने और बाराबंकी जिले को लखनऊ मंडल में शामिल किए जाने की मांग की.

जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार वर्मा की अगुवाई में निकले इस जुलूस में वरिष्ठ अधिवक्ता अमीनउद्दीन ,रमन द्विवेदी,भारतसिंह यादव,रामगोपाल शुक्ला, कमलेश शर्मा, रामकुमार, हिसालबारी समेत तमाम अधिवक्ता मौजूद रहे.अधिवक्ताओं ने कहा कि बाराबंकी जिले से लखनऊ की दूरी महज 30 किलोमीटर है. जबकि अयोध्या की दूरी करीब 100 किलोमीटर है. ऐसे में जिले के अधिवक्ताओं को अयोध्या जाने में खासी परेशानी होती है. ऐसी दशा में वादकारियों और अधिवक्तागणों के सुलभ न्याय के लिए बाराबंकी जनपद को अयोध्या मंडल से हटाकर लखनऊ मंडल में किया जाना न्यायोचित है. लखनऊ आने जाने में वादकारियों और अधिवक्तागणो का समय बचेगा. जिससे वे अपने मामलों की समुचित पैरवी कर सकेंगे. इसके अलावा अधिवक्ताओं ने मांग की कि मध्यप्रदेश सरकार की भांति उत्तरप्रदेश सरकार भी अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करे. वकीलों ने ये भी मांग की कि जिन अधिवक्ताओं की वकालत 05 वर्ष की है. ऐसे जूनियर अधिवक्ताओं को सरकार हर माह प्रोत्साहन राशि दे साथ ही 70 वर्ष की आयु वाले वरिष्ठ अधिवक्ताओं के लिए सरकार वृद्धावस्था पेंशन का प्रावधान करें. इसके अलावा स्वर्गवासी हुए अधिवक्ताओं की विधवाओं के जीविकोपार्जन के लिए सरकार 20 हजार रुपये मासिक पेंशन का भी प्रावधान करे.

यह भी पढ़ें-Rampur News: 13 साल पहले लापता बिलाल को पुलिस से मिला, जानिए कैसे अपने मां-बाप को पहचाना?

एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया.

बाराबंकी: जिले को अयोध्या मंडल के स्थान पर लखनऊ मंडल में शामिल किए जाने के साथ ही अधिवक्ता प्रोटेक्शन ऐक्ट लागू करने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने मंगलवार को जोरदार प्रदर्शन किया. सिविल कोर्ट से जुलूस बनाकर नारेबाजी करते हुए अधिवक्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां ज्ञापन लेने के लिए एक अधिकारी पहुंचे. अधिवक्ता जिलाधिकारी को अपना ज्ञापन देना चाह रहे थे. लिहाजा उनको वापस कर दिया. अधिवक्ता जिलाधिकारी से नीचे के किसी भी अधिकारी को ज्ञापन देने को राजी नही थे. अंत में एडीएम को ज्ञापन लेने आना पड़ा. इस दौरान अधिवक्ताओं ने एडीएम पर शिकायतों की बौछार कर दी. हालांकि ज्ञापन लेने के बाद उन्होंने मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया.

गौरतलब है कि बाराबंकी जिला बार एसोसिएशन हर महीने की 7 तारीख को रुदौली तहसील को बाराबंकी जनपद में वापसी को लेकर प्रदर्शन करता है. इस मौके पर मंगलवार को बाराबंकी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार वर्मा की अगुवाई में अधिवक्ताओं ने रुदौली तहसील को बाराबंकी जिले में शामिल करन, जूनियर अधिवक्ताओं को प्रोत्साहन धनराशि दिए जाने, 70 वर्ष की आयु पूरे कर चुके वरिष्ठ अधिवक्ताओं को वृद्धावस्था पेंशन दिए जाने और जिले में पड़ने वाले तीन टोल प्लाजा पर अधिवक्ताओं का टोल माफ किये जाने की मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. सिविल कोर्ट से जुलूस बनाकर नारेबाजी करते हुए अधिवक्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे. काफी देर बाद एडीएम के आने पर उन्हें ज्ञापन दिया. इस दौरान अधिवक्ताओं ने एडीएम पर शिकायतों की बौछार कर दी. अधिवक्ताओं को देख एडीएम ने उनकी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया.

पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश बार काउंसिल अधिवक्ता समाज की कई समस्याओं को लेकर क्रमिक आंदोलन कर रहा है. बीती 24 जनवरी को प्रदेश के वकीलों ने टोकन हड़ताल कर जिलों में ज्ञापन सौंपे थे. उसके बाद 30 जनवरी को सूबे के हर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किए गए थे. इसी क्रम में मंगलवार को एक दिवसीय हड़ताल कर प्रदर्शन करने की बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की कॉल थी. प्रदर्शन वाली तारीख और दूसरे बार काउंसिल की कॉल की वजह से लिहाजा अधिवक्ताओं में जबरदस्त जोश दिखा. अधिवक्ता सिविल कोर्ट से नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. इस दौरान अधिवक्ताओं ने प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू किये जाने और बाराबंकी जिले को लखनऊ मंडल में शामिल किए जाने की मांग की.

जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार वर्मा की अगुवाई में निकले इस जुलूस में वरिष्ठ अधिवक्ता अमीनउद्दीन ,रमन द्विवेदी,भारतसिंह यादव,रामगोपाल शुक्ला, कमलेश शर्मा, रामकुमार, हिसालबारी समेत तमाम अधिवक्ता मौजूद रहे.अधिवक्ताओं ने कहा कि बाराबंकी जिले से लखनऊ की दूरी महज 30 किलोमीटर है. जबकि अयोध्या की दूरी करीब 100 किलोमीटर है. ऐसे में जिले के अधिवक्ताओं को अयोध्या जाने में खासी परेशानी होती है. ऐसी दशा में वादकारियों और अधिवक्तागणों के सुलभ न्याय के लिए बाराबंकी जनपद को अयोध्या मंडल से हटाकर लखनऊ मंडल में किया जाना न्यायोचित है. लखनऊ आने जाने में वादकारियों और अधिवक्तागणो का समय बचेगा. जिससे वे अपने मामलों की समुचित पैरवी कर सकेंगे. इसके अलावा अधिवक्ताओं ने मांग की कि मध्यप्रदेश सरकार की भांति उत्तरप्रदेश सरकार भी अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करे. वकीलों ने ये भी मांग की कि जिन अधिवक्ताओं की वकालत 05 वर्ष की है. ऐसे जूनियर अधिवक्ताओं को सरकार हर माह प्रोत्साहन राशि दे साथ ही 70 वर्ष की आयु वाले वरिष्ठ अधिवक्ताओं के लिए सरकार वृद्धावस्था पेंशन का प्रावधान करें. इसके अलावा स्वर्गवासी हुए अधिवक्ताओं की विधवाओं के जीविकोपार्जन के लिए सरकार 20 हजार रुपये मासिक पेंशन का भी प्रावधान करे.

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