बाराबंकी: चोरी-छुपे भ्रूण के जेंडर की जांच किए जाने की शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन ने अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर छापेमारी की. अचानक हुई इस छापेमारी से अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर हड़कम्प मच गया. इस दौरान प्रशासन ने मानकों की अनदेखी कर संचालित हो रहे एक केंद्र को सीज कर दिया. वहीं दो केंद्रों के खिलाफ कार्यवाई करने के लिए जिलाधिकारी को संस्तुति की गई है. हैरानी की बात तो ये कि डॉक्टर की अनुपस्थिति में भी अल्ट्रासाउंड होते पाए गए.
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एसडीएम और एडिशनल सीएमओ के नेतृत्व में हुई छापेमारी
- जिलाधिकारी के निर्देश पर बुधवार को मानकों की अनदेखी कर संचालित हो अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर छापेमारी की गई.
- एसडीएम नवाबगंज और एडिशनल सीएमओ के नेतृत्व में टीम ने रोहन, दिव्यांशी और गोपाल अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर छापेमारी की.
- रोहन अल्ट्रासाउंड केंद्र पर डॉक्टर तो मौजूद मिले, लेकिन कागजात दुरुस्त नहीं मिले.
- दिव्यांशी केंद्र पर डॉक्टर की बजाय दूसरे लोग अल्ट्रासाउंड कर रहे थे, लिहाजा इसे सील कर दिया गया.
- गोपाल अल्ट्रासाउंड केंद्र का भी बुरा हाल था, टीम ने रिपोर्ट बनाकर जिलाधिकारी को सौंप दी है.
- जिले में 47 अल्ट्रासाउंड केंद्र हैं और इन केंद्रों को कानूनों के अनुपालन की शर्त के साथ लाइसेंस दिए गए हैं.
- केंद्रों को 1994 में बने पीएनडीटी ऐक्ट यानी प्री नटल डायग्नोस्टिक्स टेक्निक्स ऐक्ट का अनुपालन करने पर ही लाइसेंस दिए जाते हैं.
- इस कानून का उल्लंघन करने पर तीन से पांच वर्ष की सजा और 10 से 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है.
कई केंद्रों द्वारा चोरी छुपे भ्रूण जांच करने की शिकायतें आ रही थीं. छापेमारी के दौरान अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर मानकों की अनदेखी पाई गई. इसके चलते एक केंद्र को सीज कर दिया. वहीं दो केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जिलाधिकारी को संस्तुति की गई है.
- डॉ आरसी वर्मा, एडिशनल सीएमओ