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बाराबंकी: CAA के खिलाफ होने वाले प्रदर्शन को रोकने के लिए प्रशासन ने पार्षद के साथ की बैठक

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में CAA के खिलाफ होने वाले प्रदर्शन को रोकने के लिए प्रशासन ने पार्षद के साथ बैठक आयोजित की. इस बैठक में प्रशासन ने शांति व्यवस्था और जुलूस न निकालने की अपील की.

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प्रशासन ने पार्षद के साथ बैठक आयोजित की.
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Published : Dec 18, 2019, 2:37 AM IST

बाराबंकीः जिले के पार्षद 21 दिसंबर को CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना चाहते हैं. इसके लिए पार्षद ने सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया है. प्रदर्शन की भनक लगने पर मंगलवार को प्रशासन ने पार्षद के साथ एक बैठक का आयोजन किया, जिसमें पार्षद से शांति व्यवस्था और जुलूस न निकालने की अपील की गई.

प्रशासन ने पार्षद के साथ बैठक आयोजित की.

CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
देशभर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. बाराबंकी जिले में भी जिला मुख्यालय की नगर पालिका नवाबगंज के कुछ पार्षद और वकील CAA के खिलाफ 21 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन करना चाहते हैं.

CAA पर उठा सवाल
प्रर्दशन की भनक लगने पर प्रशासन ने जिम्मेदार लोगों के साथ बैठक कर उन्हें नागरिकता संशोधन कानून के विषय में पूरी जानकारी दी. साथ ही उन्हें यह बताने की कोशिश की कि यह कानून किसी एक समुदाय के विरोध में नहीं है. वहीं प्रशासन ने प्रदर्शन न करने की अपील की. पार्षद ने CAA पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या हम हिंदुस्तान में दूसरे नंबर के नागरिक हैं.

प्रशासन लगातार शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील करता रहा, लेकिन जुलूस निकालने की दशा में पार्षद के लोगों का कहना है कि वह अपना विरोध फिर कैसे प्रकट करें?

इसे भी पढ़ें- बस्ती: डीएम-एसपी ने बैठक कर CAA-NRC के बारे में लोगों को दी जानकारी

बाराबंकीः जिले के पार्षद 21 दिसंबर को CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना चाहते हैं. इसके लिए पार्षद ने सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया है. प्रदर्शन की भनक लगने पर मंगलवार को प्रशासन ने पार्षद के साथ एक बैठक का आयोजन किया, जिसमें पार्षद से शांति व्यवस्था और जुलूस न निकालने की अपील की गई.

प्रशासन ने पार्षद के साथ बैठक आयोजित की.

CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
देशभर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. बाराबंकी जिले में भी जिला मुख्यालय की नगर पालिका नवाबगंज के कुछ पार्षद और वकील CAA के खिलाफ 21 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन करना चाहते हैं.

CAA पर उठा सवाल
प्रर्दशन की भनक लगने पर प्रशासन ने जिम्मेदार लोगों के साथ बैठक कर उन्हें नागरिकता संशोधन कानून के विषय में पूरी जानकारी दी. साथ ही उन्हें यह बताने की कोशिश की कि यह कानून किसी एक समुदाय के विरोध में नहीं है. वहीं प्रशासन ने प्रदर्शन न करने की अपील की. पार्षद ने CAA पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या हम हिंदुस्तान में दूसरे नंबर के नागरिक हैं.

प्रशासन लगातार शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील करता रहा, लेकिन जुलूस निकालने की दशा में पार्षद के लोगों का कहना है कि वह अपना विरोध फिर कैसे प्रकट करें?

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Intro:बाराबंकी, 17 दिसंबर। मुस्लिम पार्षद ने सीएए पर सवाल उठाया , कहा क्या हम हिंदुस्तान में दूसरे नंबर के नागरिक हैं. नागरिकता देने पर गृहमंत्री पर उठाया सवाल , दी लोकतंत्र की दुहाई. जुलूस और धरना देने की मीटिंग करने के लिए इन पर हो चुका है पहले ही एफ आई आर. प्रशासन सामंजस्य बनाने के लिए शांति व्यवस्था हेतु फजलुर रहमान पार्क में पहुंचा था, मीटिंग करने इस दौरान पार्षद ने अपनी शंकाएं जाहिर की. प्रशासन लगातार अपील करता रहा की शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जुलूस ना निकाले. लेकिन जुलूस निकालने की दशा में मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि, वह अपना विरोध फिर कैसे प्रकट करें?


Body: एक तरफ पूरे देश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जहां चौतरफा विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. वहीं बाराबंकी में भी इसे लेकर चर्चा जोरों पर है. जिला मुख्यालय की नगर पालिका नवाबगंज के कुछ मुस्लिम पार्षद और कुछ वकील मिलकर सीएएए के विरोध में जुलूस का आयोजन 21 दिसंबर को करना चाहते हैं, और इसके लिए सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार शुरू करने के साथ-साथ , 16 दिसंबर दिन 2:00 बजे बाकायदा मीटिंग भी कर चुके है.
जैसे ही इस बात की भनक प्रशासन को लगी प्रशासन हरकत में आया, और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के साथ-साथ , लोगों से बैठक करके नागरिकता संशोधन कानून के विषय में पूरी जानकारी देने के साथ-साथ यह बताने की कोशिश कर रहें हैं कि ,यह किसी भी प्रकार से मुसलमानों के विरोध में नहीं है. इसलिए कहीं पर भी किसी प्रकार का जुलूस इत्यादि ना करें.
फिर भी जिस प्रकार से पार्षदों का रवैया देखने को मिल रहा है, उससे यह साफ है कि वह नागरिकता संशोधन कानून को ठीक प्रकार से समझना ही नहीं चाहते हैं . और प्रशासन के लाख समझाने के बावजूद जुलूस करने की मांग पर अड़े हुए हैं.
पार्षद का यह भी कहना है कि जिस प्रकार से नागरिकता संशोधन कानून आया है उसमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन ,पारसी और क्रिश्चियन को शामिल किया गया है और मुस्लिमों को छोड़ा गया है ,इससे उन्हें लगता है कि उनको दूसरे स्तर का नागरिक समझा जा रहा है.



Conclusion:फिलहाल एक बात तो स्पष्ट है कि, नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जिस प्रकार पार्षद कह रहे हैं, यह साफ पता चलता है कि, इसके बारे में कहीं ना कहीं स्पष्टता की कमी है, जिस वजह से लोग भ्रम में है. यही वजह है कि उनको लग रहा है की उनका अधिकार छीना जा रहा है ,और उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक बनाया जा रहा है. इस कानून के विषय में स्पष्टता लाने की नितांत आवश्यकता है, ताकि बेवजह भ्रम की स्थितियां पैदा ना हो.


1- मोहम्मद नईम , पार्षद ,बाराबंकी


2- विशाल बारी ,अधिवक्ता ,बाराबंकी.


रिपोर्ट-  आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर बाराबंकी, 96284 76907


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