बाराबंकीः तीन महीने पहले 6 वर्षीय बालिका को नमकीन खिलाने के बहाने ले जाकर दुष्कर्म करने के आरोपी को अदालत ने दोषी करार दिया है. कोर्ट ने दोषी को 20 वर्ष कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. पुलिस की प्रभावी पैरवी और अभियोजन द्वारा साक्ष्य के लिए महत्वपूर्ण गवाहों के पेश होने के चलते कोर्ट ने महज 3 माह में ही अपना फैसला सुना दिया.
नमकीन दिलाने के बहाने ले जाकर किया था रेप
विशेष लोक अभियोजक मनीषा झा ने बताया कि देवां थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला ने ने 14 अक्टूबर 2023 को थाने में तहरीर देकर बताया कि 14 अक्टूबर को रात 8 बजे वह 6 वर्ष की बेटी के साथ घर पर मौजूद थी. तभी गांव का ही रहने वाला सत्यनाम गौतम (35) उसके घर पर आया और उसकी बेटी को दुकान पर नमकीन दिलाने के बहाने लेकर चला गया. करीब आधा घंटे तक जब उसकी बेटी वापस नहीं आई तो तलाश शुरू कर दी. घर से कुछ दूर पहुंची तो देखा कि सत्यनाम उसकी बेटी के साथ चला आ रहा है. जैसे ही सत्यनाम ने उसे देखा तो वह भाग निकला. इसके बाद महिला अपनी बेटी को लेकर घर पहुंची तो उसने रोते हुए वाकया बताया. बच्ची ने मां को बताया कि सत्यनाम बाबा ने उसके साथ गंदा काम किया है. मां ने देखा कि उसकी बेटी के कपड़ों पर खून लगा था. लिहाजा उसने सत्यनाम की तलाश की लेकिन वह नहीं मिला.
मां बेटी को लेकर रात में पहुंची थाने
विशेष लोक अभियोजक के मुताबिक, महिला का पति मजदूरी के सिलसिले में बाहर रहता है. लिहाजा वह अपनी बेटी को रात में ही लेकर थाने पहुंची थी. महिला की तहरीर पर देवां पुलिस ने सत्यनाम गौतम उर्फ छंगा के के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी. अगले ही दिन यानी 15 अक्टूबर को आरोपी सत्यनाम गौतम देवां पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. साथ ही पीड़िता के बयान और मेडिकल कराए गए.
55 घंटे में कोर्ट में दाखिल की चार्जशीट
तत्कालीन विवेचक पंकज सिंह ने वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए साक्ष्य संकलित कर महज 55 घण्टे में यानी 17 अक्टूबर को ही चार्जशीट कोर्ट पर फाइल कर दी. इस मामले में आरोपी के विरुद्ध कोर्ट में 21 अक्टूबर को चार्ज फ्रेम हुए. अभियोजन पक्ष ने मामले में ठोस गवाह पेश किए.अभियोजन पक्षों और बचाव पक्षों की गवाही और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की जिरह सुनने के बाद शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट राजीव महेश्वरम ने अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी को दोषी करार दिया. कोर्ट ने दोषी सत्यनाम गौतम उर्फ छंगा को 20 वर्ष के कठोर कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.