बांदा: जिले की तमाम सड़कें जर्जर हालत में हैं. इन सड़कों पर सालों से किसी भी तरह का कोई काम नहीं किया गया. इसके चलते यह सड़कें जर्जर हो चुकी हैं. इनमें कई मुख्य और संपर्क मार्ग भी शामिल हैं, जो खस्ताहाल की स्थिति में है. सड़कों के खराब रहने से आएदिन दुर्घटनाएं होने की संभावनाएं बनी रहती हैं. बावजूद इसके प्रशासन सुध नहीं ले रहा.
जिले के ये सम्पर्क मार्ग हैं जर्जर
बांदा शहर के बाईपास की लम्बाई 5 किलोमीटर है और यह पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. यह बाईपास बांदा से महोबा जिले को जोड़ता है. इस पर छोटे और भारी वाहनों समेत हजारों की संख्या में गाड़ियां रोजाना गुजरती हैं, लेकिन इसकी हालत इतनी खराब है कि 10 मिनट का रास्ता तय करने में भारी वाहनों को लगभग आधे घंटे का समय लगता है. इसके अलावा जिले से मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले को जाने वाले सम्पर्क मार्गों में भूरागढ़ से पहरा तक लगभग 8 किलोमीटर की सड़क खराब है. मटौंध से सरबई रोड लगभग 10 किलोमीटर पूरी तरह से खराब हो चुकी है.
शहर की रिंग रोड, गुरेह से बिसंडा रोड, पैलानी तहसील क्षेत्र के रेहुटा से अमलोर मोड़ लगभग 4 किलोमीटर, पैलानी के कालेश्वर मन्दिर से अतरहत रोड लगभग 5 किलोमीटर, पपरेन्दा से चिल्ला लगभग 10 किलोमीटर, बांदा नवीन मंडी से कपसा जनपद हमीरपुर रोड लगभग 15 किलोमीटर खराब है. इसके अलावा जिले के कई और सम्पर्क मार्ग हैं, जिनकी स्थिति दयनीय है.
स्थानीय लोग, राहगीर और वाहन चालक परेशान
खराब सड़कों के चलते स्थानीाय के साथ-साथ राहगीर और वाहन चालक भी परेशान हैं. स्थानीय लोगों, राहगीरों और वाहन चालकों ने बताया कि इन सड़कों पर अब चलना दूभर हो गया है. सड़कों पर इतने गड्ढे हैं कि हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. लोगों ने बताया कि कई सालों से इन सड़कों की मरम्मत नहीं कराई गई. इसको लेकर कई बार स्थानीयों ने धरना-प्रदर्शन भी किया, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला.
पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता ने बताई सड़कों के खराब होने की वजह
पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता एससी जैन ने बताया कि जिले को महोबा से जोड़ने वाला बाईपास लगभग पांच किलोमीटर तक खराब है. कारण यह है कि कई साल पहले जब यह बाईपास बना था, तो इस पर 750 कॉमर्शियल व्हीकल लोड करने की क्षमता के हिसाब से इसे बनाया गया था. मौजूदा समय में इस रोड पर 5100 कॉमर्शियल व्हीकल चल रहे हैं, जिसकी वजह से यह रोड खराब हो चुकी है. उन्होंने कहा कि अब वर्तमान में भारी वाहनों की गणना की जा रही है. इसके हिसाब से बाईपास की सड़कों को बनवाने का काम किया जाएगा.