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बांदा: प्रियंका गांधी के ट्वीट का असर, निकाले गए संविदा मेडिकल स्टाफ बुलाए गए वापस - कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी

यूपी के बांदा राजकीय मेडिकल कॉलेज में निकाले गए संविदा मेडिकल स्टाफ को फिर से काम पर बुला लिया गया है. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर इन मेडिकल स्टाफ की बात को सुनने की यूपी सरकार से अपील की थी.

banda government medical college
राजकीय एलोपैथिक मेडिक कॉलेज.
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Published : Apr 5, 2020, 7:23 PM IST

Updated : Apr 5, 2020, 9:31 PM IST

बांदा: राजकीय मेडिकल कॉलेज में आउटसोसिंग के माध्यम से तैनात 26 स्टाफ कर्मियों को निकाले जाने के मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के ट्वीट के बाद सभी निकाले गए स्टाफ को फिर से नियुक्ति दे दी गयी है. राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक वीडियो शेयर करते हुए सूबे की योगी सरकार पर हमला बोला था.

प्रियंका गांधी के ट्वीट का दिखा असर.

प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ट्विटर में लिखा था कि 'इस समय हमारे मेडिकल स्टाफ को सबसे ज्यादा सहयोग करने की जरूरत है. वे जीवनदाता हैं और योद्धा की तरह मैदान में हैं. बांदा में नर्सों और मेडिकल स्टाफ को उनकी निजी सुरक्षा के उपकरण न देकर और उनके वेतन काट करके बहुत बड़ा अन्याय किया जा रहा है. यूपी सरकार से मै अपील करती हूं कि ये समय इन योद्धाओं के साथ अन्याय करने का नहीं है बल्कि उनकी बात सुनने का है.'

  • इस समय हमारे मेडिकल स्टाफ को सबसे ज्यादा सहयोग करने की जरूरत है। वे जीवनदाता हैं और योद्धा की तरह मैदान में हैं। बांदा में नर्सों और मेडिकल स्टाफ को उनकी निजी सुरक्षा के उपकरण न देकर और उनके वेतन काट करके बहुत बड़ा अन्याय किया जा रहा है।

    यूपी सरकार से मैं अपील करती हूँ कि..1/2 pic.twitter.com/hjpR78sacT

    — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 4, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बांदा राजकीय मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्सिंग के माध्यम से तैनात स्टाफ अपनी मांगों को लेकर पिछले कुछ दिनों से काम बंद कर प्रदर्शन करा रहा था. स्टाफ का कहना था कि यहां पर उन्हें कई महीने से वेतन नहीं मिल रहा. साथ ही वेतन में कटौती की जा रही है. इसके अलावा उन्हें यहां प्रोटेक्सन किट भी नहीं मिल रही, जिसके बाद इनकी मांगों को गलत बताते हुए कम्पनी के निदेशक ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को इनके निकाले जाने का पत्र जारी किया था, जिस पर मेडिकल कालेज प्रबंधन ने भी इन्हे निकालने की संस्तुति की थी. फिलहाल, निकाले गए स्टाफ के सभी लोगों को फिर से काम पर बुला लिया गया हैं.

बांदा: लॉकडाउन में बेजुबान जानवरों के सामने खाने की समस्या

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. मुकेश यादव ने बताया कि जहां एक तरफ सरकार ने मौजूदा समय में कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को कार्य बहिष्कार, हड़ताल व प्रदर्शन न करने के आदेश दिए हैं. वहीं इन स्टाफ के लोगों के द्वारा यहां काम बंद कर प्रदर्शन किया जा रहा था. यह गलत था, जिस पर इनकी आउटसोर्सिंग कम्पनी ने इन्हे निकालने का पत्र जारी किया था, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए इनकी जो मांगें थी, उन पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मेडिकल स्टाफ की वेतन की समस्या का निस्तारण कर दिया गया है और इन्हें काम पर आने के लिए भी बोला गया है.

बांदा: राजकीय मेडिकल कॉलेज में आउटसोसिंग के माध्यम से तैनात 26 स्टाफ कर्मियों को निकाले जाने के मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के ट्वीट के बाद सभी निकाले गए स्टाफ को फिर से नियुक्ति दे दी गयी है. राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक वीडियो शेयर करते हुए सूबे की योगी सरकार पर हमला बोला था.

प्रियंका गांधी के ट्वीट का दिखा असर.

प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ट्विटर में लिखा था कि 'इस समय हमारे मेडिकल स्टाफ को सबसे ज्यादा सहयोग करने की जरूरत है. वे जीवनदाता हैं और योद्धा की तरह मैदान में हैं. बांदा में नर्सों और मेडिकल स्टाफ को उनकी निजी सुरक्षा के उपकरण न देकर और उनके वेतन काट करके बहुत बड़ा अन्याय किया जा रहा है. यूपी सरकार से मै अपील करती हूं कि ये समय इन योद्धाओं के साथ अन्याय करने का नहीं है बल्कि उनकी बात सुनने का है.'

  • इस समय हमारे मेडिकल स्टाफ को सबसे ज्यादा सहयोग करने की जरूरत है। वे जीवनदाता हैं और योद्धा की तरह मैदान में हैं। बांदा में नर्सों और मेडिकल स्टाफ को उनकी निजी सुरक्षा के उपकरण न देकर और उनके वेतन काट करके बहुत बड़ा अन्याय किया जा रहा है।

    यूपी सरकार से मैं अपील करती हूँ कि..1/2 pic.twitter.com/hjpR78sacT

    — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 4, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बांदा राजकीय मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्सिंग के माध्यम से तैनात स्टाफ अपनी मांगों को लेकर पिछले कुछ दिनों से काम बंद कर प्रदर्शन करा रहा था. स्टाफ का कहना था कि यहां पर उन्हें कई महीने से वेतन नहीं मिल रहा. साथ ही वेतन में कटौती की जा रही है. इसके अलावा उन्हें यहां प्रोटेक्सन किट भी नहीं मिल रही, जिसके बाद इनकी मांगों को गलत बताते हुए कम्पनी के निदेशक ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को इनके निकाले जाने का पत्र जारी किया था, जिस पर मेडिकल कालेज प्रबंधन ने भी इन्हे निकालने की संस्तुति की थी. फिलहाल, निकाले गए स्टाफ के सभी लोगों को फिर से काम पर बुला लिया गया हैं.

बांदा: लॉकडाउन में बेजुबान जानवरों के सामने खाने की समस्या

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. मुकेश यादव ने बताया कि जहां एक तरफ सरकार ने मौजूदा समय में कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को कार्य बहिष्कार, हड़ताल व प्रदर्शन न करने के आदेश दिए हैं. वहीं इन स्टाफ के लोगों के द्वारा यहां काम बंद कर प्रदर्शन किया जा रहा था. यह गलत था, जिस पर इनकी आउटसोर्सिंग कम्पनी ने इन्हे निकालने का पत्र जारी किया था, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए इनकी जो मांगें थी, उन पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मेडिकल स्टाफ की वेतन की समस्या का निस्तारण कर दिया गया है और इन्हें काम पर आने के लिए भी बोला गया है.

Last Updated : Apr 5, 2020, 9:31 PM IST
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