बांदाः नाबालिग बच्चों का यौन शोषण कर उनका वीडियो बनाकर डार्क वेब के जरिये बेचने के आरोप में पकड़े गए चित्रकूट के सिंचाई विभाग के निलंबित जेई को सीबीआई ने कोर्ट में फिर से पेश किया. आरोपी की रिमांड के लिए सीबीआई की टीम मंगलवार को कोर्ट पहुंची थी. कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं. इसके बाद कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया. कोर्ट ने अब बुधवार को अपना फैसला सुनाने की बात कही है. दूसरी तरफ जेल में बंद जेई कोरोना पॉजिटिव निकला है. इस कारण सीबीआई पक्ष के वकीलों ने रिमांड मिलने पर भी आरोपी के नेगेटिव होने तक ऑर्डर सस्पेंड रखने की अपील कोर्ट से की है. अब आज ही पता चलेगा कि कोर्ट ने रिमांड कस्टडी को लेकर क्या फैसला किया है.
दोनों पक्षों ने कोर्ट में रखीं अपनी-अपनी दलीलें
चित्रकूट के सिंचाई विभाग के निलंबित जेई रामभवन की रिमांड कस्टडी को लेकर मंलवार को सीबीआई की टीम चौथी बार बांदा की पॉक्सो कोर्ट पहुंची थी. वहां पर दोनों पक्षों की इस मामले में बहस हुई. इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाने को कहा है.
कई बिंदुओं पर हुई दोनों पक्षों की बहस
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता रामसुफल सिंह ने बताया कि जेई की रिमांड कस्टडी को लेकर दोनों पक्षों की कोर्ट में बहस हुई. इसमें सीबीआई के अधिवक्ता भी मौजूद थे. बहस में यह बात सामने आई कि किन-किन बिंदुओं पर सीबीआई को रिमांड चाहिए. जेई की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव के बाद हमने न्यायालय से आग्रह किया की यदि हमें रिमांड मिलती है, तो आरोपी जेई की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने तक उस ऑर्डर को सस्पेंड माना जाए. आरोपी की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उसकी रिमांड ले ली जाएगी.
अभियोजन पक्ष के ही एक अन्य वकील मनोज दीक्षित ने बताया कि सीबीआई की रिमांड को लेकर बहस कोर्ट में लगी थी. इसमें दोनों पक्षों ने अपने-अपने तथ्य कोर्ट में पेश किए. रामभवन ने अपने बयानों में यह बात कही है कि वह इस काम में उसका साथ देने वाले अन्य व्यक्तियों की भी शिनाख्त करा सकता है. इसके अलावा बच्चों के बारे में भी जानकारी दे सकता है. इन्हीं सब बिंदुओं को लेकर मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई. इसमें कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. बुधवार को कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी.
आरोपी पक्ष के वकील का दावा, सीबीआई पेश नहीं कर पाई कोई ठोस सबूत
आरोपी पक्ष के अधिवक्ता अनुराग सिंह पटेल ने बताया कि मंगलवार की सुनवाई में सीबीआई पक्ष की एप्लीकेशन पर उन्होंने आपत्ति जाहिर की है. अपने तथ्यों को कोर्ट के सम्मुख रखा है. इस मामले में कोर्ट ही फैसला सुनाएगी. दावा किया कि कोर्ट ने भी माना है कि हमारी तरफ से जाहिर की गई आपत्ति के साक्ष्य सीबीआई प्रस्तुत नहीं कर सकी है. यह भी बात सामने आई है कि यदि सीबीआई को जेई की 5 दिन की कस्टडी रिमांड दी भी दी जाती है तो रिमांड के दौरान सीबीआई क्या चीजें बरामद करेगी. इस सवाल का भी सीबीआई जवाब नहीं दे पाई. उन्होंने सिर्फ बयानों की बात कही.
2 तारीख को दिखाई गिरफ्तारी
सीबीआई ने 2 तारीख को दस्तावेजों में जेई की गिरफ्तारी दिखाई है. इसके बाद से सीबीआई लगातार जेई के बयान दर्ज कर रही है. सीबीआई ने लीगल रूप से गिरफ्तारी 16 नवंबर को दिखाई है. इस दौरान भी सीबीआई को बयानों के अलावा कुछ नहीं मिल पाया है. हालांकि, जेई के पास से बरामद चीजें जांच का विषय हैं. वह उनकी व्यक्तिगत चीजें भी हो सकती हैं. लेकिन, सीबीआई ऐसा कोई मजबूत साक्ष्य नहीं रख पाई है, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि सीबीआई को रिमांड की आवश्यकता है. कुल मिलाकर अभी तक क्योंकि सीबीआई के पास कोई ठोस तथ्य नहीं है. अगर कोई ठोस सबूत होते तो अभी तक सीबीआई उन्हें न्यायालय में पेश कर चुकी होती.