बांदा: जिले के प्रभारी मंत्री लाखन सिंह राजपूत शनिवार को बांदा पहुंचे. यहां पर उन्होंने जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ बैठक की और जिले की समस्याओं व विकास कार्यों को लेकर चर्चा की. बैठक में चित्रकूट धाम मंडल के कमिश्नर व जिलाधिकारी सहित जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. प्रेस वार्ता के दौरान जहां प्रभारी मंत्री ने केंद्रीय बजट की खूबियां बताई तो वहीं योगी सरकार की भी उपलब्धियां गिनाई.
सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस वार्ता में जिले के प्रभारी मंत्री लाखन सिंह राजपूत के साथ सभी अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. प्रेस वार्ता के दौरान प्रभारी मंत्री लाखन सिंह राजपूत ने बताया कि जो केंद्रीय बजट जारी किया गया है, उसको लेकर आज बैठक में चर्चा की गई है. केंद्रीय बजट की खूबियां बताते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा कि चाहे वह कृषि का क्षेत्र हो, चाहे बिजली का सेक्टर हो, चाहे सिंचाई का सेक्टर हो सभी को समान विभाजन कर बजट देने का काम किया गया है.
वहीं नहरों की सिल्ट सफाई के मामले में पूर्व में मिल रही शिकायतों को लेकर प्रभारी मंत्री लाखन सिंह राजपूत ने कहा कि पहले नहरों की सफाई ठीक ढंग से नहीं की जाती थी. बारिश का बहाना बनाकर नहरों के खराब होने की बात कहकर ठेकेदारों द्वारा बजट को ठिकाने लगा दिया जाता था, लेकिन इस बार हमने इस व्यवस्था में परिवर्तन किया है. अब सिल्ट सफाई का प्रमाण पत्र जनप्रतिनिधि से ठेकेदारों को लेना होगा तभी पेमेंट हो सकेगा.
प्रभारी मंत्री लाखन सिंह राजपूत ने बताया कि हमारा लक्ष्य यह है कि हम किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाएं. इसके लिए हमने ड्रिप एरीगेशन और स्प्रिंकलर सिस्टम को बुंदेलखंड के लिए विशेष तौर पर अनुदान में दिया है, जिससे किसानों को सिंचाई में कोई समस्या न आए. इसके अलावा यहां पर खेत-तालाब योजना भी चल रही है, जिससे किसानों को फायदा हो रहा है और इससे वाटर कंजर्वेशन भी हो रहा है.
प्रभारी मंत्री लाखन सिंह राजपूत ने बताया कि 2017 के पहले पिछली सरकारों में धान की खरीद प्रदेश में सिर्फ 10 हजार मीट्रिक टन ही होती थी, लेकिन हमारी सरकार आने के बाद यह खरीद बढ़कर 58 हजार मीट्रिक टन के करीब पहुंच गई है. प्रभारी मंत्री ने बताया कि पूरे प्रदेश में क्रय केंद्र खोले गए हैं. वहां यह व्यवस्था कर दी गई है कि किसान रजिस्ट्रेशन कराने के बाद वहां से टोकन लें. हर जिले में लेखपाल और अन्य कर्मचारियों को लगाकर किसानों की सुविधा के अनुसार उनको दिया जा रहा है.