बांदा: बुंदेलखंड एक ऐसा क्षेत्र है, जहां गर्मी बहुत पड़ती है. ऐसे में यहां के सब्जी के किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. गर्मियों में चलने वाली लू के चलते किसानों की सब्जियों की फसलें खराब हो जाती है, जिससे उन्हें अपनी फसलों में अच्छा उत्पादन नहीं मिल पाता. ऐसे में अगर किसान कृषि विशेषज्ञों द्वारा बताई गई कुछ क्रियाओं को अपनी फसलों में करेंगे तो उन्हें निश्चित तौर से फायदा होगा. वह अपनी फसलों को लू से बचाकर अच्छा उत्पादन ले सकेंगे. बांदा के जिला उद्यान अधिकारी ने किसानों के लिए कुछ जरूरी बातें बताई हैं, जिसका अगर किसान पालन करेंगे तो निश्चित तौर से उन्हें फायदा होगा.
गर्मी से खराब हो रही फसलों को लेकर किसान हैं परेशान
सब्जी की फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों ने बताया कि गर्मी के चलते हम बहुत परेशान हैं, क्योंकि गर्मी में हमारी फसलें खराब हो रही हैं. सब्जियों में लगे छोटे-छोटे फल गर्मी के चलते सूख जाते हैं और हमें अच्छा उत्पादन नहीं मिल पाता. हमारी स्थिति यह है कि हमने जितनी लागत अपनी खेती में लगाई है, वह ही निकलना मुश्किल हो गया है.
अपनी फसलों को इस तरह से लू से बचाएं
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. परवेज खान ने बताया कि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, वैसे-वैसे किसानों को अपने कृषि कार्य में कुछ बदलाव करने होते हैं. बुंदेलखंड की अगर बात की जाए तो ज्यादातर लोग यहां नदियों के किनारे सब्जियों की खेती करते हैं. वहीं कुछ लोग खेतों में भी खेती करते हैं. ऐसी स्थिति में जब आप नदी या नालों के किनारे खेती कर रहे हैं तो वहां पर पानी की भरपूर मात्रा होती है. वहां पर फसलों में गर्मी व लू कम लगती है. कारण यह है कि नदी के किनारे फसलें जमीन की सतह से थोड़ा नीचे होती हैं, लेकिन जब आप यहां पर फसलों की सिंचाई करें तो सुबह जल्दी तक करें या फिर शाम को 7 बजे के बाद करें, क्योंकि अगर आप दिन में सिंचाई कर देंगे तो पौधे खराब हो जाएंगे.
वहीं जो किसान मैदानी क्षेत्रों में खेतों में सब्जियों की खेती कर रहे हैं तो वह किसान अपने खेतों के चारों तरफ कपड़े बांधे, जिससे कि सीधे लू पौधों को न लगे. या फिर खेतों की मेड़ों में झाड़ी नुमा पेड़ों को लगा दे. जैसे कि करौंदा या नीबू जिससे तेज हवाओं से फसलें बच सकें. साथ ही जानवर भी खेतों में नहीं घुस पाएंगे. इस प्रकार अगर किसान कृषि कार्य करेंगे तो उन्हें सब्जियों की खेती में अच्छा उत्पादन मिलेगा.