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बांदा: वर्षा न होने से किसानों पर गिरी गाज - भारतीय किसान

लगातार कई साल से सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड में एक बार फिर सूखे ने दस्तक दी है. वर्षा न होने से बुंदेलखंड के किसान खरीफ में बोई जाने वाली फसलों की बुआई नहीं कर पा रहे हैं. वर्षा न होने से पैदावार प्रभावित होने के आसार हैं, जिससे किसानों के ऊपर संकट मंडरा रहा है.

जल संकट गहराने से किसान हुए परेशान.
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Published : Jul 9, 2019, 7:23 AM IST

बांदा: बुंदेलखण्ड में जून के महीने में जितनी वर्षा होनी चाहिए थी, उतनी वर्षा न होने के कारण यहां के किसान बहुत परेशान है. कम वर्षा से इस बार खरीफ की पैदावार प्रभावित होने के आसार हैं, जिससे किसानों के ऊपर संकट मंडरा रहा है. बांदा में जून के महीने में सामान्यता 120 मिलीमीटर वर्षा होती है, लेकिन इस बार सिर्फ 6.5 मिलीमीटर वर्षा हुई है.

जल संकट गहराने से किसान हुए परेशान.

कम वर्षा से किसान परेशान

  • किसान खरीफ में बोई जाने वाली फसलों की बुआई नहीं कर पा रहे हैं.
  • कृषि वैज्ञानिक किसानों को कम पानी वाली प्रजातियों को बोने की सलाह दे रहे हैं.
  • बांदा में 120 मिलीमीटर वर्षा के सापेक्ष इस बार सिर्फ 6.5 मिलीमीटर बारिश हुई है.
  • किसानों का खेती-किसानी ही एकमात्र पेट पालने का का साधन है.


यहां पर कोई रोजगार नहीं है, सिर्फ खेती-किसानी ही एकमात्र पेट पालने का जरिया है. इस बार बारिश न होने के चलते हम सब खरीफ में बोई जाने वाली फसलों की बुआई नहीं कर पाए, जिससे बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
ग्रामीण किसान, बुंदेलखंड

यहां बारिश कम हुई है, लेकिन अगर किसान खरीफ में बोई जाने वाली फसलों में ऐसी प्रजातियां की बुवाई करें, जिसमें पानी कम लगता है तो बहुत हद तक किसान संकट से उबर सकते हैं. हमारी कृषि बीज भंडारों में ऐसी प्रजातियां मौजूद हैं, जो इस क्षेत्र और इस सीजन के लिए अनुकूलित हैं. किसान वहां जाकर बीज खरीद सकते हैं, जिसमें सरकार की तरफ से उन्हें अनुदान भी दिया जाएगा.
डॉ. प्रमोद कुमार, जिला कृषि अधिकारी

बांदा: बुंदेलखण्ड में जून के महीने में जितनी वर्षा होनी चाहिए थी, उतनी वर्षा न होने के कारण यहां के किसान बहुत परेशान है. कम वर्षा से इस बार खरीफ की पैदावार प्रभावित होने के आसार हैं, जिससे किसानों के ऊपर संकट मंडरा रहा है. बांदा में जून के महीने में सामान्यता 120 मिलीमीटर वर्षा होती है, लेकिन इस बार सिर्फ 6.5 मिलीमीटर वर्षा हुई है.

जल संकट गहराने से किसान हुए परेशान.

कम वर्षा से किसान परेशान

  • किसान खरीफ में बोई जाने वाली फसलों की बुआई नहीं कर पा रहे हैं.
  • कृषि वैज्ञानिक किसानों को कम पानी वाली प्रजातियों को बोने की सलाह दे रहे हैं.
  • बांदा में 120 मिलीमीटर वर्षा के सापेक्ष इस बार सिर्फ 6.5 मिलीमीटर बारिश हुई है.
  • किसानों का खेती-किसानी ही एकमात्र पेट पालने का का साधन है.


यहां पर कोई रोजगार नहीं है, सिर्फ खेती-किसानी ही एकमात्र पेट पालने का जरिया है. इस बार बारिश न होने के चलते हम सब खरीफ में बोई जाने वाली फसलों की बुआई नहीं कर पाए, जिससे बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
ग्रामीण किसान, बुंदेलखंड

यहां बारिश कम हुई है, लेकिन अगर किसान खरीफ में बोई जाने वाली फसलों में ऐसी प्रजातियां की बुवाई करें, जिसमें पानी कम लगता है तो बहुत हद तक किसान संकट से उबर सकते हैं. हमारी कृषि बीज भंडारों में ऐसी प्रजातियां मौजूद हैं, जो इस क्षेत्र और इस सीजन के लिए अनुकूलित हैं. किसान वहां जाकर बीज खरीद सकते हैं, जिसमें सरकार की तरफ से उन्हें अनुदान भी दिया जाएगा.
डॉ. प्रमोद कुमार, जिला कृषि अधिकारी

Intro:SLUG- कम बारिश होने के चलते बुंदेलखण्ड के किसानों के सामने फिर खड़ा हुआ संकट
PLACE- BANDA
RRPORT- ANAND TIWARI
DATE- 03.07.19
ANCHOR- लगातार कई साल से सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड में एक बार फिर सूखे ने दस्तक दी है । जून के महीने में जितनी बारिश होनी चाहिए थी उतनी बारिश ना होने के चलते यहां का किसान खरीफ में बोई जाने वाली फसलों की बुआई नहीं कर पा रहे हैं । और इस बार खरीद की पैदावार प्रभावित होने के आसार हैं जिससे किसानों के सामने संकट पैदा हो गया है । बात करें अगर बांदा की तो यहां जून के महीने में वैसे 120 मिलीमीटर वर्षा के सापेक्ष सिर्फ 6.5 मिलीमीटर बारिश हुई है । वहीं कम बारिश होने पर कृषि वैज्ञानिक किसानों को खरीफ़ में बोई जाने वाली फसलों में कम पानी वाली प्रजातियों को ही बोने की सलाह दे रहे हैं ।


Body:वीओ- आपको बता दें कि बुंदेलखंड का किसान लगातार कई सालों से दैवीय आपदा की मार झेल रहा है कभी सूखा तो कभी पाला कभी ओलावृष्टि तो कभी बाढ़ ने यहां के किसानों को काफी प्रभावित किया है। और एक बार फिर इस बार सूखे से यहां का किसान परेशान है वैसे तो यहां अमूमन अन्य क्षेत्रों की तुलना में बारिश जून के महीने में कम ही होती है । लेकिन इस बार बारिश ना के बराबर हुई जिससे किसान खरीफ में बोई जाने वाली फसलों को नहीं बो पाया है । और किसानों के खेत खाली पड़े हैं। बांदा में 120 मिलीमीटर वर्षा के सापेक्ष सिर्फ 6.5 मिलीमीटर बारिश हुई है । जिससे यहां का किसान खरीफ की बुवाई अभी तक नहीं कर पाया है।


Conclusion:वीओ- किसानों ने बताया कि यहां पर न तो कोई रोजी है और ना रोजगार सिर्फ खेती किसानी ही एकमात्र पेट पालने का जरिया है। और इस बार बारिश ना होने के चलते वह खरीद में बोई जाने वाली फसलों की बुआई नहीं कर पाए जिससे वह परेशान हैं।

वीओ- वहीं जिला कृषि अधिकारी डॉ प्रमोद कुमार भी मानते हैं कि यहां बारिश कम हुई है लेकिन उनका कहना है कि अगर किसान खरीफ में बोई जाने वाली फसलों में ऐसी प्रजातियां की बुवाई करें जिसमें पानी कम लगता है तो बहुत हद तक किसान संकट से उबर सकता हैं। उन्होंने बताया कि हमारी कृषि बीज भंडारों में ऐसी प्रजातियां मौजूद हैं जो इस क्षेत्र और इस सीजन के लिए अनुकूलित है और किसान वहां जाकर बीज खरीद सकते हैं जिसमें उन्हें अनुदान भी सरकार की तरफ से दिया जाएगा ।

बाइट: श्रीचंद्र, किसान
बाइट: तकदीर सिंह, किसान
बाइट: जागेश्वर यादव, किसान
बाइट: डॉ. प्रमोद कुमार, जिला कृषि अधिकारी

Anand tiwari
Banda
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