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बलरामपुर: पुलिस प्रताड़ना से क्षुब्ध युवक ने लगाई फांसी, पिता ने भी पीया जहरीला पदार्थ

यूपी के बलरामपुर जिले में पुलिस की पिटाई से क्षुब्ध युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बेटे के खुदकुशी करने के बाद पिता ने जहरीला पदार्थ पीकर जान देने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों की मदद से उसे बचा लिया गया.

पुलिस प्रताड़ना से क्षुब्ध युवक ने लगाई फांसी
पुलिस प्रताड़ना से क्षुब्ध युवक ने लगाई फांसी
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Published : Sep 22, 2020, 5:44 PM IST

बलरामपुर: जिले में एक युवक ने पेड़ से लटक कर खुदकुशी कर ली. इस प्रकरण में पुलिस पर प्रताड़ित किए जाने का आरोप लग रहा है. बेटे की मौत से क्षुब्ध उसके पिता ने भी जहरीला पदार्थ पीकर खुदकुशी का प्रयास किया, लेकिन समय पर इलाज मिलने के कारण उसकी जान बच गई. एसपी ने पूरे मामले की जांच सीओ सदर को सौंपी है.

घटना बलरामपुर जिले के हर्रैया थाना क्षेत्र के महादेव बांकी गांव की है. शनिवार की देर शाम इसी गांव के रहने वाले युवक राकेश कुमार ने पेड़ पर लटककर फांसी लगा ली. राकेश की शादी पांच वर्ष पूर्व कोतवाली देहात के हसुआडोल गांव की रहने वाली मुनक्का देवी से हुई थी. एक वर्ष से राकेश का सम्बन्ध ललिया थाना क्षेत्र के गोकुली गांव में रहने वाली उसकी पत्नी मुनक्का की फुफेरी बहन पूनम से हो गया था. पांच दिन पूर्व राकेश की पत्नी जब अपने मायके गई तो राकेश अपनी साली पूनम को अपने घर लेकर आया. पूनम के पिता और भाई की शिकायत पर ललिया थाने की पुलिस दोनों को लेकर मथुरा पुलिस चौकी पहुंची.

पुलिस प्रताड़ना से क्षुब्ध युवक ने लगाई फांसी.
आरोप है कि मथुरा चौकी की पुलिस ने पूनम को तो उसके परिजनों को सौंप दिया, लेकिन राकेश को रोक कर रखा. पुलिस ने उसकी पिटाई की. राकेश को छोड़ने के एवज में पुलिस ने उसके परिजनों से 30 हजार रुपये की मांग की. राकेश के बहनोई राजेश कुमार ने बताया कि पहले तो चौकी इन्चार्ज ने 15 हजार की डिमांड की, बाद में तीस हजार की मांग कर डाली. गरीब परिवार के लोग इतनी धनराशि जुटा पाने में असमर्थ थे. राकेश के परिजनों ने उसका चालान करने की बात भी कही, लेकिन पुलिस ने चालान भी नहीं किया. राकेश कुमार के परिजनों से पुलिस ने कुल 28 हजार रुपये वसूल किए. इसके बाद राकेश कुमार और उसके परिजनों को छोड़ दिया. पुलिस की गिरफ्त से छूटने के बाद राकेश ने बाग में पेड़ से फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. वहीं राकेश की बहन रेखा ने बताया कि पुलिस की प्रताड़ना और बेटे की खुदकुशी से क्षुब्ध पिता अंगनू ने भी फिनायल पीकर जान देने की कोशिश की. अंगनू को ग्रामीणों की मदद से शिवपुरा सीएचसी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसे बचा लिया गया. एसपी देवरंजन वर्मा ने इस पूरे मामले की जांच सीओ सदर को सौंपी है. जांच पूरी हो जाने के बाद जो भी रिपोर्ट आएगी, उसके आधार पर दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी.

बलरामपुर: जिले में एक युवक ने पेड़ से लटक कर खुदकुशी कर ली. इस प्रकरण में पुलिस पर प्रताड़ित किए जाने का आरोप लग रहा है. बेटे की मौत से क्षुब्ध उसके पिता ने भी जहरीला पदार्थ पीकर खुदकुशी का प्रयास किया, लेकिन समय पर इलाज मिलने के कारण उसकी जान बच गई. एसपी ने पूरे मामले की जांच सीओ सदर को सौंपी है.

घटना बलरामपुर जिले के हर्रैया थाना क्षेत्र के महादेव बांकी गांव की है. शनिवार की देर शाम इसी गांव के रहने वाले युवक राकेश कुमार ने पेड़ पर लटककर फांसी लगा ली. राकेश की शादी पांच वर्ष पूर्व कोतवाली देहात के हसुआडोल गांव की रहने वाली मुनक्का देवी से हुई थी. एक वर्ष से राकेश का सम्बन्ध ललिया थाना क्षेत्र के गोकुली गांव में रहने वाली उसकी पत्नी मुनक्का की फुफेरी बहन पूनम से हो गया था. पांच दिन पूर्व राकेश की पत्नी जब अपने मायके गई तो राकेश अपनी साली पूनम को अपने घर लेकर आया. पूनम के पिता और भाई की शिकायत पर ललिया थाने की पुलिस दोनों को लेकर मथुरा पुलिस चौकी पहुंची.

पुलिस प्रताड़ना से क्षुब्ध युवक ने लगाई फांसी.
आरोप है कि मथुरा चौकी की पुलिस ने पूनम को तो उसके परिजनों को सौंप दिया, लेकिन राकेश को रोक कर रखा. पुलिस ने उसकी पिटाई की. राकेश को छोड़ने के एवज में पुलिस ने उसके परिजनों से 30 हजार रुपये की मांग की. राकेश के बहनोई राजेश कुमार ने बताया कि पहले तो चौकी इन्चार्ज ने 15 हजार की डिमांड की, बाद में तीस हजार की मांग कर डाली. गरीब परिवार के लोग इतनी धनराशि जुटा पाने में असमर्थ थे. राकेश के परिजनों ने उसका चालान करने की बात भी कही, लेकिन पुलिस ने चालान भी नहीं किया. राकेश कुमार के परिजनों से पुलिस ने कुल 28 हजार रुपये वसूल किए. इसके बाद राकेश कुमार और उसके परिजनों को छोड़ दिया. पुलिस की गिरफ्त से छूटने के बाद राकेश ने बाग में पेड़ से फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. वहीं राकेश की बहन रेखा ने बताया कि पुलिस की प्रताड़ना और बेटे की खुदकुशी से क्षुब्ध पिता अंगनू ने भी फिनायल पीकर जान देने की कोशिश की. अंगनू को ग्रामीणों की मदद से शिवपुरा सीएचसी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसे बचा लिया गया. एसपी देवरंजन वर्मा ने इस पूरे मामले की जांच सीओ सदर को सौंपी है. जांच पूरी हो जाने के बाद जो भी रिपोर्ट आएगी, उसके आधार पर दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी.
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