बलरामपुर: जिले में हुई दलित छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म और मौत की वारदात के बाद परिजनों और लोगों का गुस्सा चरम पर है. इस मामले में पुलिस ने अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं कई लोगों से पूछताछ की जा रही है. वहीं पीड़ित परिजन लगातार पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहे हैं. परिजनों का आरोप है कि पुलिस मुख्य आरोपी शाहिद और उसके भतीजे साहिल को गिरफ्तार करने के बाद से शिथिलता बरत रही है.
पीड़िता की मां का कहना है कि यदि उनकी बेटी को जल्द से जल्द न्याय नहीं मिलता है तो वह सैकडों महिलाओं के साथ जाकर आरोपियों के घर में आग लगा देंगी. इसके बाद खुद भी चौराहे पर खड़ी होकर आत्मदाह कर लेंगी. पीड़ित पक्ष का आरोप है कि उन्होंने अपनी बेटी खो दी और इसके बाद न्याय के लिए दर-दर भटके. परिजनों ने आरोप लगाया है कि स्थानीय कोतवाली से पर्याप्त मदद नहीं मिल पा रही है. महज दो लोगों को पुलिस ने अब तक गिरफ्तार किया है, जो कहीं से भी सही नहीं लग रहा है. स्थानीय पुलिस आरोपियों से पैसे लेकर मामले को दबाने की कोशिश में लगी है.
परिजनों ने दी आरोपियों के घर को आग लगाने की धमकी
मृतक दलित छात्रा की मां और अन्य परिजनों ने मीडिया के कैमरों के सामने कहा कि घटना को हुए तीन दिन बीत चुके हैं. नेताओं, पुलिस व अन्य सभी ने भरोसा दिलवाया था कि सभी आरोपियों को वे जेल भेजेंगे, लेकिन अभी तक कार्रवाई के नाम पर बस दो लोगों को ही पकड़ा गया है. पीड़ित परिजनों ने कहा, "हमें पैसा, धन, दौलत कुछ नहीं चाहिए. बस बिटिया के लिए न्याय चाहिए. अगर हमें न्याय नहीं मिलता है तो हम बड़ी संख्या में निकलकर आरोपियों के घरों में आग लगा देंगे और खुद भी चौराहे पर खड़ी होकर आत्मदाह कर लेंगे".
पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा का कहना है कि उन्होंने इस केस में अपर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में कई टीमों का गठन किया है, जो अपने-अपने स्तर से जांच कर रहे हैं. परिजनों के बयान और तहरीर के हिसाब से 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. कई अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा रही है, ताकि मामले में कार्रवाई को आगे बढ़ा जा सके.