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बलरामपुर: अटल जी के यह तीन किस्से कोई नहीं सुनाएगा आपको!

आज पूरा देश पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का 95वां जन्मदिवस मना रहा है. बलरामपुर संसदीय क्षेत्र से अटल जी के जुड़े ऐसे कई किस्से हैं, जिससे हम आपको रुबरु करवा रहे हैं. देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट...

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देखिए स्पेशल रिपोर्ट
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Published : Dec 25, 2019, 7:37 PM IST

बलरामपुर: अटल बिहारी बाजपेयी का संसदीय क्षेत्र बलरामपुर जो कि अब श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र हो चुका है, इसे इतिहास के पन्नों में अमर करने वाले अटल जी को उनके सहयोगी आज भी भगवान की तरह पूजते हैं. साल 1957 में बलरामपुर की जनता ने उन्हें सांसद बनाकर देश की महापंचायत का प्रतिनिधित्व करने दिल्ली भेजा था. पूर्व विधायक सुखदेव जी की जुबानी सुनिए अटल जी की कहानी.....

देखिए स्पेशल रिपोर्ट.

अटल जी हैं पूजनीय
1967 में जनसंघ से तुलसीपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे सुखदेव प्रसाद बताते हैं कि अटल जी उनके लिए पूजनीय हैं और वह आज भी उनकी पूजा करते हैं. अटल बिहारी बाजपेयी की तस्वीर को उन्होंने अपने पूजा स्थल पर सजा रखा है. अटल जी की कई यादें और कई किस्से सुखदेव प्रसाद से जुड़े हैं.

'टका नहीं था अटल के पास फिर भी बने सांसद': पूर्व विधायक सुखदेव बताते हैं कि लखनऊ में पं. दीनदयाल उपाध्याय ने संगठन मंत्रियों की मीटिंग की. मीटिंग में सबका परिचय हुआ लेकिन अटल जी से किसी का परिचय नहीं कराया गया. लोगों के सवाल पर दीनदयाल उपाध्याय ने अटल जी का परिचय सभी लोगों से कराया.

दीनदयाल उपाध्याय जी ने कहा कि इनके पास टका नहीं है. कोई इन्हें ले जाए और एमपी बनाकर लाए. इस पर संघ के विस्तारक रहे प्रताप नारायण तिवारी ने कहा कि इन्हें हम सांसद बनाकर लाएंगे. इसके बाद संघ, प्रताप नारायण और आम जनमानस की ताकत से अटल जी बिना टका ही बलरामपुर से 1957 में सांसद बने.

जब गड्ढे में फंस गयी थी अटल की जीप: जनसंघ कार्यकर्ता के घर पूजा कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे अटल बिहारी बाजपेयी जी की पुरानी जीप अचानक गड्ढे में फंस गई. जब अटल जी परेशान हो गए और कहा कि सुखदेव जी अब यह जीप कैसे निकलेगी, जिस पर मैंने उत्तर दिया कि बस अभी देखिये. इतने में जनसंघ कार्यकर्ता शिवनारायण सहित दो लोगों ने मिलकर जीप को बाहर निकाल दिया. इस कार्य से अटल जी बहुत प्रसन्न हुए.

जब अटल जी को हो गया था कॉलरा: एक बार अटल जी बाढ़ का निरीक्षण करने जबदही जबदहा गांव गये हुए थे, जहां किसी कारण अटल जी को कॉलरा हो गया था. इसके बाद साथ गए लोगों ने और मैंने अटल जी को खटिया पर लादकर वापस सुरक्षित बलरामपुर ले आए.

बलरामपुर: अटल बिहारी बाजपेयी का संसदीय क्षेत्र बलरामपुर जो कि अब श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र हो चुका है, इसे इतिहास के पन्नों में अमर करने वाले अटल जी को उनके सहयोगी आज भी भगवान की तरह पूजते हैं. साल 1957 में बलरामपुर की जनता ने उन्हें सांसद बनाकर देश की महापंचायत का प्रतिनिधित्व करने दिल्ली भेजा था. पूर्व विधायक सुखदेव जी की जुबानी सुनिए अटल जी की कहानी.....

देखिए स्पेशल रिपोर्ट.

अटल जी हैं पूजनीय
1967 में जनसंघ से तुलसीपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे सुखदेव प्रसाद बताते हैं कि अटल जी उनके लिए पूजनीय हैं और वह आज भी उनकी पूजा करते हैं. अटल बिहारी बाजपेयी की तस्वीर को उन्होंने अपने पूजा स्थल पर सजा रखा है. अटल जी की कई यादें और कई किस्से सुखदेव प्रसाद से जुड़े हैं.

'टका नहीं था अटल के पास फिर भी बने सांसद': पूर्व विधायक सुखदेव बताते हैं कि लखनऊ में पं. दीनदयाल उपाध्याय ने संगठन मंत्रियों की मीटिंग की. मीटिंग में सबका परिचय हुआ लेकिन अटल जी से किसी का परिचय नहीं कराया गया. लोगों के सवाल पर दीनदयाल उपाध्याय ने अटल जी का परिचय सभी लोगों से कराया.

दीनदयाल उपाध्याय जी ने कहा कि इनके पास टका नहीं है. कोई इन्हें ले जाए और एमपी बनाकर लाए. इस पर संघ के विस्तारक रहे प्रताप नारायण तिवारी ने कहा कि इन्हें हम सांसद बनाकर लाएंगे. इसके बाद संघ, प्रताप नारायण और आम जनमानस की ताकत से अटल जी बिना टका ही बलरामपुर से 1957 में सांसद बने.

जब गड्ढे में फंस गयी थी अटल की जीप: जनसंघ कार्यकर्ता के घर पूजा कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे अटल बिहारी बाजपेयी जी की पुरानी जीप अचानक गड्ढे में फंस गई. जब अटल जी परेशान हो गए और कहा कि सुखदेव जी अब यह जीप कैसे निकलेगी, जिस पर मैंने उत्तर दिया कि बस अभी देखिये. इतने में जनसंघ कार्यकर्ता शिवनारायण सहित दो लोगों ने मिलकर जीप को बाहर निकाल दिया. इस कार्य से अटल जी बहुत प्रसन्न हुए.

जब अटल जी को हो गया था कॉलरा: एक बार अटल जी बाढ़ का निरीक्षण करने जबदही जबदहा गांव गये हुए थे, जहां किसी कारण अटल जी को कॉलरा हो गया था. इसके बाद साथ गए लोगों ने और मैंने अटल जी को खटिया पर लादकर वापस सुरक्षित बलरामपुर ले आए.

Intro:(कृपया पैकेज बनाएं, साधन्यवाद)
बलरामपुर संसदीय क्षेत्र (अब श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र) को इतिहास के पन्नों में अमर करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को उनके सहयोगी आज भी उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं। साल 1957 में बलरामपुर की जनता ने उन्हे बलरामपुर से सांसद बनाकर देश की महापंचायत का प्रतिनिधित्व करने दिल्ली भेजा था। 1957 से 1967 के दौर को याद कर आज भी उनके सहयोगी खिलखिला उठते हैं तो कुछ भावुक हो जाते हैं। 1967 में जनसंघ से तुलसीपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे, सुखदेव प्रसाद बतातें हैं कि अटल जी उनके लिए पूजनीय हैं और वह आज भी उनकी पूजा करते हैं। अटल बिहारी बाजपेयी की तस्वीर को आज भी उन्होने अपने पूजा स्थल पर सजा रखी है। अटल जी उनकी कई यादें जुड़ी है जिसे याद करते हुए कभी वह भावुक हो जाते हैं तो कभी खिलखिला कर हंस उठते हैं। सुखदेव प्रसाद याद करते हुए कई किस्से बताते हैं। जो अटल जी और उस दौरान हुए चुनाव से जुड़ी हुई है। इसके बाद प्रधानमंत्रित्व काल के दौरान के मुलाकात भी वो कई किस्से बताते है। पेश है पूर्व विधायक सुखदेव प्रसाद की जुबानी अटल जी के तीन किस्से..।Body:टका नही था अटल के पास फिर भी बने सांसद-:पूर्व विधायक सुखदेव जी अपनी यादों को ताजा करते हुए बताते हैं कि लखनउ में पं0 दीनदयाल उपाध्याय ने संगठन मंत्रियों की मीटिंग हुई। मीटिंग में सबका परिचय हुआ पर अटल जी से किसी का परिचय नही कराया गया जिस पर लोगों ने सवाल किया कि इनका परिचय नही हुआ। तो दीनदयाल उपाध्याय जी ने अटल का परिचय कराया और कहा कि इनके पास टका नही कोई इन्हे ले जाये और एमपी बनाकर लावे। जिस पर संघ के विस्तारक रहे प्रताप नरायन तिवारी ने कहा कि इन्हे हमे दीजिए हम इन्हे सांसद बनाकर लायेंगे। जिसके बाद संघ और प्रताप नरायन व आमजनमानस की ताकत से अटल जी बिना टका ही बलरामपुर से 1957 में सांसद बने।

जब गड्ढे में फंस गयी थी अटल की जीप -: पूर्व विधायक सुखदेव जी बतातें है कि जनसंघ कार्यकर्ता के घर पूजा कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे अटल विहारी बाजपेई जी की पुरानी जीप अचानक गड्ढे में फंस गई। इस घटना को चुटीले अंदाज में सुनाते हुए पूर्व विधायक सुखदेव जी कहते हैं कि जब अटल जी की जीप गड्ढे में फंस गई तब वह परेशान हो गये और कहा कि सुखदेव जी अब यह जीप कैसे निकलेगी, जिसपर सुखदेव जी ने उत्तर दिया कि बस अभी देखिये। इतने में जनसंघ कार्यकर्ता शिवनरायन सहित दो लोगां ने मिलकर जीप को बाहर निकाल दिया। जिसको देखकर अटल जी बहुत प्रसन्न हुए।
Conclusion:जब अटल जी को हो गया था कालरा :- पूर्व विधायक सुखदेव जी बतातें है कि एक बार अटल जी बाढ का निरीक्षण करने जबदही जबदहा गांव गये हुए थे जहां किसी कारण अटल जी को कालरा हो गया था जिसके बाद उनके साथ गये लोगों व मैने उन्हे खटिया पर लाद कर उठा लिया और वापस सुरक्षित बलरामपुर ले आये।

बाईट -: सुखदेव जी-पूर्व विधायक/अटल सहयोगी जनसंघ
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