बलरामपुर: नगर क्षेत्र के सिटी पैलेस के निकट स्थित 'डिवाइन पब्लिक स्कूल' ने पिछले कोरोना महामारी के दौरान लागू हुए लॉकडाउन में न केवल दो बार में छह-छह माह यानी साल की फीस माफ कर दी थी, बल्कि इस बार भी स्कूल ने कुछ इसी तरह का प्रयास किया है. स्कूल प्रबंधन द्वारा आयोजित एक प्रेस वार्ता में बताया गया कि कोविड-19 महामारी के कारण तमाम परिवार पूरी तरह से खत्म हो गए, कई बच्चे अनाथ हुए. अनाथ हुए बच्चों की (जहां तक स्कूल की मान्यता है) मुफ्त पढ़ाई करवाई जाएगी. इस दौरान बच्चों को किताब, कॉपी, ड्रेस इत्यादि की सुविधाओं का खर्च भी स्कूल प्रबंधन ही वहन करेगा.
डिवाइन पब्लिक स्कूल के ग्रुप प्रबंधक आशीष उपाध्याय ने प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि पिछले वर्ष कोरोना काल के दौरान डिवाइन पब्लिक स्कूल ने तकरीबन 64 लाख की फीस माफ की थी. इसमे पहले चरण में स्कूल द्वारा 6 महीने की फीस लगभग 34 लाख रुपये माफ की गई, जबकि दूसरे चरण में 6 महीने की फीस लगभग 30 लाख रुपये और माफ कर दी गई थी. इस दौरान ऑनलाइन माध्यम से बच्चों की पढ़ाई करवाई जाती रही व अन्य जो भी सुविधाएं स्कूल प्रशासन बच्चों को दे सकता था, वह भी देता रहा. वहीं विद्यालय में काम करने वाले शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों के जीवन यापन में किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए उन्हें भी उनकी तन्ख्वाह दी गई थी.
पूरी पढ़ाई करवाएगा स्कूल
डिवाइन पब्लिक स्कूल के ग्रुप प्रबंधक बताते हैं कि बलरामपुर जिले में काफी संख्या में ऐसे बच्चे सामने आए हैं, जिनके माता-पिता (दोनों) का कोविड-19 के कारण देहांत हो गया है. कोविड-19 के कारण अनाथ हुए, ऐसे बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च स्कूल प्रबंधन वहन करेगा. आशीष उपाध्याय ने कहा कि हम उन बच्चों को जितनी कक्षाओं तक हमारे स्कूल की मान्यता है, वहां तक मुफ्त पढ़ाएंगे और आगे यदि हमारी मान्यता बढ़ती है, तो हम उन कक्षाओं में भी ऐसे बच्चों को मुफ्त शिक्षा देंगे.
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जिला प्रशासन को भी दी है सूचना
आशीष उपाध्याय ने बताया कि कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों का पढ़ाई के दौरान लगने वाला किताब, कॉपी, ड्रेस, स्कूल बैग और स्कूल वाहन का खर्चा स्कूल उठाएगा. उन्होंने बताया कि हमने इसकी सूचना जिला प्रशासन को भी दे दी है. जिससे यदि कहीं जिला प्रशासन को इस तरह की कोई सूचना मिलती है तो वह हमें अवगत कराए. हम ऐसे अनाथ बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का काम करेंगे.