बलरामपुर: योगी सरकार ने विद्यालयों से गैरहाजिर रहने वाले शिक्षकों पर जब से नकेल कसने के लिए प्रेरणा ऐप को लागू किया है, तभी से शिक्षक महासंघ इसका विरोध कर रहे हैं. गुरुवार को शिक्षक महासंघ ने अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर जिले में सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों ने सड़कों पर उतरकर शांतिपूर्ण ढंग से एक मशाल जुलूस निकाला.
शिक्षकों ने मशाल जुलूस निकालकर किया विरोध प्रदर्शन
शिक्षक महासंघ के बैनर तले एमपीपी इंटर कॉलेज से शिक्षकों का हुजूम मशाल जुलूस के साथ वीर विनय चौक के अमर शहीद विनय कायस्थ की प्रतिमा पर एकत्रित हुआ. इस दौरान प्राथमिक शिक्षक संघ और माध्यमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान शिक्षकों ने योगी सरकार की उन सभी नीतियों का विरोध किया जो शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए सही नहीं है. शिक्षकों ने स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने और अन्य व्यवस्थाओं को भी सुदृढ़ करने की मांग की.
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प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों ने सरकार के तानाशाही रवैया को बदलने और शिक्षकों की समस्याओं को भी प्राथमिकता के आधार पर हल करने को कहा. जुलूस की अगुवाई कर रहे प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष ज्ञान सागर पाठक और माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष भगवती शुक्ल ने संयुक्त रूप से कहा कि हमारी 12 सूत्रीय मांगे हैं. इन मांगों को जब तक सरकार पूरा नहीं कर देती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हम लखनऊ में लाखों की संख्या में एकत्रित होंगे. उन्होंने कहा कि हम अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभा रहे हैं.
सभी विभागों में लागू हो प्रेरणा ऐप
शिक्षिका दीप्ति ने कहा कि सरकार हमारी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है. स्कूलों में तमाम तरह की परेशानियां है. इसलिए हम 12 सूत्रीय मांगों को लेकर यहां पर इकट्ठा हुए हैं. हमारी प्रमुख मांग यह है कि प्रेरणा ऐप में जो अशुद्धियां हैं उन्हें ठीक किया जाए. महिला शिक्षकों को दूर-दराज के इलाकों में जाने में परेशानी होती है. कई बार जो विद्यालय दूर-दराज के गांवों में बने हुए हैं. वहां तक तो पहुंचना भी आसान नहीं होता. ऐसे में 10-05 मिनट लेट होना स्वाभाविक है. सरकार को सभी विभागों के लिए प्रेरणा ऐप जैसा ही कुछ लांच करना चाहिए. जिससे सभी विभागों के कर्मचारी समय पर अपने कार्यालयों में पहुंच सकें.