बलरामपुरः बलरामपुर जिला जहां एक तरफ देश के सबसे पिछड़े और अशिक्षित जिले का दाग अपने सिर पर ढो रहा है. इसे सुधरने के लिए अधिकारी और जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार कोशिशें की जा रही हैं. वहीं जिले परिषदीय विद्यालयों में भी प्रदेश के अन्य जगहों की तरह कूटरचित दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों की भरमार है. कई बार शिकायत भी हो चुकी है लेकिन उच्च अधिकारियों की कृपा के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो रहा है.
अधिकारियों पर संरक्षण देने का आरोप
बलरामपुर जिले के सदर ब्लॉक में तैनात अध्यापक कमरुद्दीन अंसारी कथित रूप से फर्ज़ी दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर रहे हैं. इसकी शिकायत कई बार साजिदा खातून अधिकारियों से कर चुकी हैं, लेकिन विभाग कार्रवाई करने से कतरा रहा है. शिकायतकर्ता साजिदा ख़ातून ने बताया कि वह उच्च अधिकारियों को शिकायती पत्र देकर बताया कि पूर्व माध्यमिक विद्यालय रामपुर बंघुसरा में तैनात शिक्षक कमरुद्दीन अंसारी कूटरचित दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर रहे हैं. बेसिक शिक्षा विभाग के तमाम आला अधिकारी असारी को अपने रसूख के सहारे संरक्षण दे रहे हैं.
एक ही साल में दो बार मिली मार्कशीट
साजिदा खातून ने बताया कि कमरुद्दीन अंसारी ने साल 1985 में डीएवी इंटर कॉलेज बलरामपुर से अनुक्रमांक 325617 से हिंदी व अंग्रेजी भाषा में इंटरमीडिएट की परीक्षा में फेल हो गए थे. इसी साल 1985 में ही पास होने का कूटरचित फर्जी अंक बनवा लिया, जिसमें संस्था एवं केंद्र का कोड नाम तक नहीं दर्शाया गया है. इसी फर्जी मार्कशीट के सहारे वह साल 1995 से लगातार बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे हैं. जिले के आलाधिकारी कमरुद्दीन के शिक्षक नेता होने के कारण उनके ऊपर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं. थाना कोतवाली नगर में अतिथि शिक्षक कमरुद्दीन अंसारी के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है. उच्च अधिकारियों द्वारा मामले की जांच की जा रही है.
कमरुद्दीन अंसारी के खिलाफ इससे पहले भी एक शिकायत आई थी. शिकायतकर्ता की शिकायत को ध्यान में रखते हुए एक टीम गठित करके उनके खिलाफ जांच करवाए थे, जिसमें वह प्रथम दृष्टया निर्दोष पाए गए थे. उन्होंने बताया कि हाल ही में कमरुद्दीने के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है. जांच में यदि कमरुद्दीन दाषी पाए जाएंगे तो उनके खिलाफ विभाग कार्रवाई जरूर करेगा.
-डॉ. रामचंद्र, बेसिक शिक्षा अधिकारी