बलरामपुर: कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर वैसे तो हर उम्र के लोगों को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है. लेकिन 60 साल से ऊपर के लोगों को खास ख्याल रखना ज्यादा जरूरी हो जाता है. प्रौढ़ अवस्था में रोग प्रतिरोधक क्षमता लगातार कमजोर होती चली जाती है. इस वजह से उनके संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में बुजुर्गों को घर से बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए. लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि उन्हें कमरे में कैद कर दिया जाए.
जिला मनसिक सस्वास्थ्य केन्द्र के क्लीनिकल साइकोलाॅजिस्ट डॉ अशोक पटेल का कहना है कि सबसे बड़ी बात है कि इस दौरान बुजुर्गों को अकेलापन न महसूस हो. इसके लिए जरूरी है कि परिवार के अन्य सदस्य साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखते हुए उनको पर्याप्त समय दें. उनके लिए ऐसे कमरे का चयन करें जो की हवादार और खुला हो. उनके घर की बालकनी व बरामदे में टहलने की कोई पाबंदी न हो.
कोरोना को हराना है, हमने मिलकर ठाना है
70 वर्षीय बुजुर्ग प्रीतम का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए वह बाहर निकलने से पूरी तरह परहेज कर रहे हैं. उनकी बहू और उनके बच्चे स्कूल में छुट्टी होने के चलते उनका पूरा साथ दे रहे हैं. वह बताते हैं कि घर में अकेले होने के चलते पहले वह घंटों टहलने और दोस्तों से बातचीत करने में बिताते थे. लेकिन परिवार के सदस्यों ने उन्हें ऐसा माहौल प्रदान किया है कि उनको बाहर निकलने की जरूरत ही नहीं महसूस होती.
वह आगे कहते हैं कि घर में उनके खानपान का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है जिससे कोरोना को हराने में हम पूरी तरह सफल रहें.