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सपा का किसान घेरा कार्यक्रम, तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग

बलरामपुर में तीन कृषि कानूनों की वापसी, गन्ने का मूल्य 5 सौ रुपये किए जाने की मांग को लेकर सपा द्वारा 'किसान घेरा कार्यक्रम' का आयोजन किया गया. जिसमें पूर्व मंत्री एसपी यादव सहित कई सपा नेताओं ने हिस्सा लिया. इस दौरान सपा ने केंद्र व राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है.

सपा का 'किसान घेरा कार्यक्रम' का आयोजन
सपा का 'किसान घेरा कार्यक्रम' का आयोजन
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Published : Mar 23, 2021, 1:01 PM IST

बलरामपुर: सपा अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने के लिए आंदोलन कर रही है. अभी पंचायत चुनाव हैं और 2022 में विधानसभा के चुनाव इसी कारण सपा अपनी जमीन को मजबूत करने के लिए राज्य व केंद्र सरकार को घेर रही है. आज इसी कड़ी में सपा ने अपनी आवाज बुलंद की. तीन कृषि कानूनों की वापसी, गन्ने का मूल्य 5 सौ रुपये किए जाने की मांग को लेकर सपा द्वारा 'किसान घेरा कार्यक्रम' का आयोजन किया गया. जिसमें पूर्व मंत्री एसपी यादव सहित कई सपा नेताओं ने हिस्सा लिया.

लगाया वादाखिलाफी का आरोप
कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे सपा नेताओं और किसानों ने बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. सपा ने कृषि कानून को किसानों का दुश्मन बताते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों के लिए तमाम घोषणाएं तो की गई, लेकिन जमीन पर एक भी दिखाई नहीं देती. कर्ज़माफी योजना हो, चाहे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हो, किसान क्रेडिट कार्ड के लाभार्थियों की संख्या हो या अन्य तरह की योजनाएं, किसी का लाभ नहीं मिलता है. किसानों की आय बढ़ाने का दावा भी अब पूरी तरह से धराशाई हो चुका है. किसान अपनी फसलों को कम से कम दाम में बेचने के लिए मजबूर हैं. फिर भी सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है.

इसे भी पढ़े-बलरामपुर पहुंची राज्यपाल, कंप्यूटर लैब का किया उद्घाटन

क्या बोले पूर्व मंत्री एसपी यादव
सभा को सम्बोधित करते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि बीजेपी सरकार अपने उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए कृषि कानून लाई है. उन्होंने कहा कि पिछले चार साल से प्रदेश सरकार ने गन्ने का एक पैसा नहीं बढ़ाया है. पूर्व मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री देश की सम्पत्ति को उद्योगपतियों के हाथों बेच रहे हैं. सरकार बैंको का निजीकरण करके लोगों को बेरोजगार बनाने पर तुली हुई है. यह सरकार जनता और उसके पैसे का दोहन कर रही है, जोकि गलत बात है.

बलरामपुर: सपा अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने के लिए आंदोलन कर रही है. अभी पंचायत चुनाव हैं और 2022 में विधानसभा के चुनाव इसी कारण सपा अपनी जमीन को मजबूत करने के लिए राज्य व केंद्र सरकार को घेर रही है. आज इसी कड़ी में सपा ने अपनी आवाज बुलंद की. तीन कृषि कानूनों की वापसी, गन्ने का मूल्य 5 सौ रुपये किए जाने की मांग को लेकर सपा द्वारा 'किसान घेरा कार्यक्रम' का आयोजन किया गया. जिसमें पूर्व मंत्री एसपी यादव सहित कई सपा नेताओं ने हिस्सा लिया.

लगाया वादाखिलाफी का आरोप
कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे सपा नेताओं और किसानों ने बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. सपा ने कृषि कानून को किसानों का दुश्मन बताते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों के लिए तमाम घोषणाएं तो की गई, लेकिन जमीन पर एक भी दिखाई नहीं देती. कर्ज़माफी योजना हो, चाहे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हो, किसान क्रेडिट कार्ड के लाभार्थियों की संख्या हो या अन्य तरह की योजनाएं, किसी का लाभ नहीं मिलता है. किसानों की आय बढ़ाने का दावा भी अब पूरी तरह से धराशाई हो चुका है. किसान अपनी फसलों को कम से कम दाम में बेचने के लिए मजबूर हैं. फिर भी सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है.

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क्या बोले पूर्व मंत्री एसपी यादव
सभा को सम्बोधित करते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि बीजेपी सरकार अपने उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए कृषि कानून लाई है. उन्होंने कहा कि पिछले चार साल से प्रदेश सरकार ने गन्ने का एक पैसा नहीं बढ़ाया है. पूर्व मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री देश की सम्पत्ति को उद्योगपतियों के हाथों बेच रहे हैं. सरकार बैंको का निजीकरण करके लोगों को बेरोजगार बनाने पर तुली हुई है. यह सरकार जनता और उसके पैसे का दोहन कर रही है, जोकि गलत बात है.

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