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प्रतिबंधित मछलियों की बिक्री को लेकर हुई छापेमारी, विभाग ने चेतावनी देकर छोड़ा

बलरामपुर में प्रतिबंधित मछलियों की बिक्री के रोकथाम को लेकर उतरौला इलाके के बाजारों में मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने औचक छापेमारी की. प्रतिबंधित मछलियां मिलने पर उसे नष्ट कराते हुए बिक्री कर रहे लोगों को विभाग ने चेतावनी दी है.

प्रतिबंधित मछलियों की बिक्री को लेकर हुई छापेमारी, विभाग ने चेतावनी देकर छोड़ा
प्रतिबंधित मछलियों की बिक्री को लेकर हुई छापेमारी, विभाग ने चेतावनी देकर छोड़ा
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Published : Feb 20, 2021, 7:33 PM IST

बलरामपुरः प्रतिबंधित मछलियों की बिक्री के रोकथाम को लेकर उतरौला इलाके के कई बाजारों में मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने औचक छापेमारी की. इस दौरान प्रतिबंधित मछलियां मिलने पर उसे खत्म कराते हुए बिक्री कर रहे लोगों को विभाग की ओर से चेतावनी दी गयी.

प्रतिबंधित मछलियों की हो रही थी बिक्री
प्रतिबंधित मछलियों की हो रही थी बिक्री

मत्स्य विभाग ने की छापेमारी

शनिवार को उतरौला, हिसामपुर, पकड़ी और रेहरा बाजार की मछली मंडियों में मत्स्य विभाग ने छापेमारी की. जिसमें भारी मात्रा में प्रतिबंधित थाई, मांगुर और बिग हेड की मछलियों की बिक्री करते लोग पाये गये. अधिकारियों ने प्रतिबंधित मछलियों को खत्म कराते हुए मत्स्य विक्रेता ओमप्रकाश, पप्पू, आलोक, सोनू और सलमान को दोबारा इस प्रजाति की मछली न बेचने की चेतावनी दी.

इन मछलियों से स्वास्थ्य को खतरा

मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य रेवती रमण ने बताया कि थाई मांगुर एवं बिग हेड प्रजाति के मछलियों का पालन, विपणन पूरी तरह से प्रतिबंधित है. थाई मांगुर कैटफ़िश प्रजाति की मछली है. इनमें भारी मात्रा में लेड पाया जाता है, जो ब्रेन कैंसर की कारक हैं. ये मछलियां देशी मांसाहारी प्रकृति की होती हैं, जो भारतीय प्रजाति की मछलियों के लिये खतरा हैं. इसके साथ ही ये पर्यावरण के लिये भी हानिकारक होती हैं.

बलरामपुरः प्रतिबंधित मछलियों की बिक्री के रोकथाम को लेकर उतरौला इलाके के कई बाजारों में मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने औचक छापेमारी की. इस दौरान प्रतिबंधित मछलियां मिलने पर उसे खत्म कराते हुए बिक्री कर रहे लोगों को विभाग की ओर से चेतावनी दी गयी.

प्रतिबंधित मछलियों की हो रही थी बिक्री
प्रतिबंधित मछलियों की हो रही थी बिक्री

मत्स्य विभाग ने की छापेमारी

शनिवार को उतरौला, हिसामपुर, पकड़ी और रेहरा बाजार की मछली मंडियों में मत्स्य विभाग ने छापेमारी की. जिसमें भारी मात्रा में प्रतिबंधित थाई, मांगुर और बिग हेड की मछलियों की बिक्री करते लोग पाये गये. अधिकारियों ने प्रतिबंधित मछलियों को खत्म कराते हुए मत्स्य विक्रेता ओमप्रकाश, पप्पू, आलोक, सोनू और सलमान को दोबारा इस प्रजाति की मछली न बेचने की चेतावनी दी.

इन मछलियों से स्वास्थ्य को खतरा

मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य रेवती रमण ने बताया कि थाई मांगुर एवं बिग हेड प्रजाति के मछलियों का पालन, विपणन पूरी तरह से प्रतिबंधित है. थाई मांगुर कैटफ़िश प्रजाति की मछली है. इनमें भारी मात्रा में लेड पाया जाता है, जो ब्रेन कैंसर की कारक हैं. ये मछलियां देशी मांसाहारी प्रकृति की होती हैं, जो भारतीय प्रजाति की मछलियों के लिये खतरा हैं. इसके साथ ही ये पर्यावरण के लिये भी हानिकारक होती हैं.

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